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…क्या यें सत्ताओं को तमाचा नही है…!! हल्कू आज भी ज़िन्दा है !!….By-योगेश धाकरे चातक
योगेश धाकरे चातक Lives in Alirajpur ============ · पूस की रात कहानी प्रेमचंद द्वारा आदर्शान्मुख यथार्थवाद के रास्ते को छोड़ कर यथार्थवादी रास्ते की घोषणा करती है। अभाव और वेदनाओं के अनछुये पहलुओं को भी छूआ है आज के परिवेष मै “चातक” का आकलन….क्या यें सत्ताओं को तमाचा नही है…समीक्षार्थ !! हल्कू आज भी जिन्दा है […]
ख़ौफ़ के साये में….*लघु कहानी*….. लेखिका-साधना कृष्ण
साधना कृष्ण Lives in Lalganj, Bihār, India From Muzaffarpur ============== खौफ के साये में (लघु कहानी ) …………… आजतक तुमने किया क्या है? बस खाना बनाकर खिला देते हो और किताब लेकर बैठ जाते हो । बड़ा आये हो पढ़ने वाले। अरे सब पता है ।तुम हमारी आँखों में धूल झोंकते हो। सही ढंग से […]
कर्तव्यहीन जीवन व्यर्थ है : लक्मी सिन्हा का लेख पढ़िये!
Laxmi Sinha ============== कर्तव्यहीन जीवन व्यर्थ है। कर्तव्य से अभिप्राय क्रिया, धर्म-कर्म तथा भिन्न प्रकार के कर्मों से है। कर्तव्य यदि कर्म बीज है तो अधिकार कर्मों के फल का परिणाम है। पहले कर्तव्यों का जन्म होता है और फिर अधिकारों की बात आती है। कर्तव्य की भावना जीवन का यज्ञ है। माता-पिता, परिवार, समाज […]