कश्मीर राज्य

कठुआ गैंगरेप पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश-अपराधियों को लगा झटका,देखिए कहाँ होगी सुनवाई ?

नई दिल्ली:8 साल की मासूम आसिफ़ा का कई दिनों तक जिस बर्बरतापूर्ण ढँग से क़त्ल किया गया था उसमें कुल आठ लोगों को दोषी ठहराया गया है ,जिनके बचाव में कुछ लोगों ने रैली निकाली और सीबीआई जांच की माँग करी थी,तथा पीड़िता की वकील को डराया धमकाया गया था,तथा ये मामला अब इंटरनेशनल स्तर पर पहुँच गया है,जिसके कारण अब पूरी दुनिया की निगाहें अब इस पर टिकी हुई हैं।

आसिफ़ा के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी पेश करी थी और केस को बाहर किसी अदालत चलाने की माँग करी थी सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले का ट्रायल जम्मू कश्मीर से बाहर करने की पीड़िता के पिता की अर्जी स्वीकार करते हुए केस को पठानकोट सत्र न्यायालय में भेज दिया. केस की सुनवाई चंडीगढ़ स्थानांतरित करने को लेकर दायर पीड़िता के पिता की अर्जी पर कोर्ट ने यह आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच से इनकार किया है. आरोपियों ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपने को लेकर याचिका दायर की थी. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई की. पीठ ने इससे पहले 7 मई तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित करने का आदेश दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले को पठानकोट स्थानांतरित किया करते हुए कहा कि कठुआ मुकदमे की सुनवाई अदालत के बंद कमरे में होनी चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने कठुआ मामले में किसी देरी से बचने के लिये दैनिक आधार पर फास्ट ट्रैक सुनवाई करने का निर्देश दिया. न्यायालय ने कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में सुनवाई पर लगाई गई रोक को हटा दिया. न्यायालय ने कहा कि मामला उसके पास है. कोई और अदालत इस संदर्भ में आदेश पारित नहीं करेगी. मामले में पीड़ित के परिजनों और उसके मामले की पैरवी कर रही वकील की सुरक्षा बरकरार रहेगी।

सामूहिक दुष्कर्म के बाद की गई बच्ची की हत्या
कठुआ की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था. बच्ची को एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान उसे भूखा रखा गया और नशीली दवाइयां दी गई और बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इसके बाद बच्ची की हत्या कर दी गई. बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था. सरकार ने 23 जनवरी को मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी थी. अपराध शाखा ने विशेष जांच दल गठित किया जिसने दो विशेष पुलिस अधिकारियों और एक हेड कांस्टेबल समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।

शीर्ष न्यायालय में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में आरोपियों ने मृतका के पिता की उस याचिका का विरोध किया है जिसके तहत उन्होंने मुकदमे की सुनवाई कठुआ से चंडीगढ़ स्थानांतरित करने की मांग की है. उन्होंने दलील दी है कि मामले में 221 गवाह हैं और चंडीगढ़ जाकर अदालती कार्यवाही में शामिल होना उनके लिए मुश्किल होगा. आरोपियों ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है.