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कर्नाटक में ओवैसी से गठबंधन करेंगे पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा, 40 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी Aimim

नई दिल्ली:कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं,भाजपा वहां सेंध मारना चाहती है तो कॉंग्रेस अपने वजूद के लिये लड़ रही है,लेकिन इस बार ओवैसी ने एंट्री मारकर राजनीतिक गलियारों में उथलपुथल मचा दी है,जिसके कारण लोगों की निगाहें मजलिस पर टिकी हुई हैं।

लेकिन यहां पर मजलिस अकेले चुनाव नही लड़ेगी बल्कि किसी के साथ गठबन्ध करेगी ऐसा कुछ बताया जारहा है लेकिन जब तक चुनाव की तारीखों का ऐलान नही होजता है तब तक कुछ पक्का नही कहा जासकता है।पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा की पार्टी जनतादल सेक्युलर का AIMIM के साथ गठबंधन तय माना जारहा है लेकिन इस बारे में किसी भी दल ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के 40 उम्मीदवारों के मैदान में उतारने की संभावना जताई जा रही ही. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, पार्टी की कर्नाटक इकाई से चुनावी रणनीति तय करने के लिए बृहस्पतिवार को मुलाकात करेंगे।

AIMIM कर्नाटक के एक नेता ने बताया कि हमें जेडी (एस) की तरफ से गठबंधन के मामले में अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है. उन्होंने हमसे राज्यसभा चुनाव तक इंतज़ार करने को कहा था. हम 40 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने पर विचार कर रहे हैं।

जेडी (एस) ने पहले ही बसपा के साथ गठबंधन कर लिया है और सूत्रों के मुताबिक मुस्लिम, दलित और वोक्कलिगा वोटों को अपनी ओर करने के लिए AIMIM से बातचीत कर रही है. यह गठजोड़ सीधे तौर पर कांग्रेस के वोट पर प्रभाव डालेगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पिछले हफ्ते अपने पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने के लिए जेडी (एस) पर धावा बोला था, जिस पर कि देवेगौड़ा की पार्टी की नज़र है।

मूलरूप से हैदराबाद आधारित पार्टी AIMIM ने पिछले पांच सालों में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बाहर भी अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने की कोशिश की है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ये कुछ सीटें जीतने में भी सफल रही है. पार्टी मुस्लिम बाहुल्य वाले इलाकों में अपना आधार मज़बूत करने की सोच रही है. इसलिए कभी निज़ाम राज्य का हिस्सा रहे और तेलंगाना व आंध्र प्रदेश से सटे ‘हैदराबाद-कर्नाटक’ क्षेत्र पर इसकी खास नज़र होगी।