नई दिल्ली :कर्नाटक में इन दिनों विधानसभा चुनावों की तय्यारियाँ चल रही हैं,हर पार्टी अपनी ताल ठोक रही है,काँग्रेस आपनी साख बचाने की कोशिश कर रही है तो बहुजन समाज पार्टी ने जनता दल सेक्युलर के साथ गठबंधन किया हुआ है,ऐसे में भारतीय जनता पार्टी साम,दाम,दण्ड,भेद अपना रही है।
भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के लिये हर एक हथकण्डा अपना रही है,अपराधी छवि और करप्ट लोगों के द्वारा चुनाव कम्पैनिंग चला रही है,जिसकी हर एक राजनीतिक व्यक्ति निंदा कर रहा है।
प्राप्त समाचार अनुसार कर्नाटक के खनन माफिया जी जनार्दन रेड्डी विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि कुछ ही दिन पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें पार्टी से जुड़ा मानने से इंकार कर दिया था। लेकिन जनार्दन रेड्डी पार्टी के लिए उत्तरी कर्नाटक में प्रचार करते दिखे। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। 49 साल के जनार्दन रेड्डी कर्नाटक के बहुचर्चित खनन घोटाले में आरोपी हैं।
वह साल 2015 से बेल पर हैं। सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध माइनिंग के कई मामलों में केस दर्ज किया है। जनार्दन रेड्डी तीन साल तक जेल में भी रह चुके हैं। इस बार वह 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं। बता दें कि प्रशासन ने जनार्दन रेड्डी को बेल्लारी से जिला बदर कर दिया है। बेल्लारी अवैध माइनिंग की गतिविधियों के लिए बदनाम रहा है। बुधवार (25 अप्रैल) को उसे बेल्लारी से ठीक नजदीक में अपने दोस्त और बीजेपी प्रत्याशी वी श्रीरामुलु के लिए प्रचार करते देखा गया। वी श्रीरामुलु मोला कलमुरु से पार्टी कैंडिडेट हैं।
जनार्दन रेड्डी को राजनीतिक हलकों में ‘किंग ऑफ बेल्लारी’ के नाम से जाना जाता है। रेड्डी अपने खिलाफ लगे आरोपों को पूरी तरह से राजनीतिक बताते हैं। एनडीटीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, 9 साल के बाद मेरे खिलाफ कोई भी सबूत नहीं है। जनार्दन रेड्डी का बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार इस लिहाज से अहम है कि पिछले महीने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि बीजेपी का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है।
जनार्दन रेड्डी से जब अमित शाह के बयान को लेकर सवाल पूछा गया तो, गले में भगवा स्कार्फ लपेटे और चेहरे पर मुस्कान लिये रेड्डी ने कहा, “कृपया विवादित सवाल मत पूछिए सकारात्मक बने रहिए।” इस बावत कर्नाटक बीजेपी के नेता विवेक रेड्डी ने कहा कि वह टिकटों के बंटवारे में शामिल नहीं हैं, वह पार्टी के कोर कमेटी में नहीं हैं, यदि वह अपने दोस्त की मदद करना चाहते हैं तो इसमें क्या गलत है।
बता दें कि 2008 में बीजेपी ने दक्षिण भारत में खाता खोलते हुए कर्नाटक में अपनी पहली सरकार बनाई तो उस वक्त रेड्डी ब्रदर्स का रुतबा देखने लायक था। लेकिन घोटालों और अवैध माइनिंग के आरोपों ने जल्द ही रेड्डी बंधुओं की राजनीतिक साख को बट्टा लगा दिया।