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कर्नाटक में बीजेपी सरकार ने अपने कार्यकाल में आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों को सैंकड़ों एकड़ ज़मीन बांटी थी, अब होगी कैंसल?

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के एक मंत्री ने पिछली बीजेपी सरकार पर आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों को सैंकड़ों एकड़ ज़मीन आवंटित करने का आरोप लगाया है.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने कहा है कि राज्य सरकार बीजेपी के कार्यकाल में जारी किए गए कुछ टेंडरों को कैंसल कर चुकी है और बाक़ी की छानबीन कर रही है.

उन्होंने पत्रकारों को बताया, “भूमि आवंटित करने का उद्देश्य इन संस्थाओं और उनकी विचारधारा को फैलाना था. ये आवंटन बिल्कुल नहीं होना चाहिए था.”

कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही कुछ टेंडर रद्द कर दिए हैं. इनमें एंबुलेंस 108 और डायलिसिस के ठेके शामिल हैं.


इससे पहले पशु पालन विभाग के मंत्री के. वेंकटेश ने कहा था कि “अगर भैंसों को काटा जा सकता है तो गायों को क्यों नहीं. बीजेपी ने इस बयान के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किए थे.”

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सूरजेवाला ने वेंकटेश को फटकार लगाते हुए कहा था कि उन्हें उन विषयों पर विचार नहीं रखने चाहिए जो उनके विभाग के मातहत नहीं आते.

पिछले हफ़्ते उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने हिंदुत्व पर लिखने वाले चक्रवर्ती सुलीबेले पर हमला बोला था. सुलीबेले ने राज्य सरकार की तुलना हिटलर के राज से की थी. उनका कहना था कि राज्य सरकार सावरकर की 140वीं बरसी मनाने के रास्ते में बाधा पैदा कर रही थी.

पाटिल ने चक्रवर्ती के बयान पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था, “चक्रवर्ती जैसे व्यक्ति को हमारी सरकार के बारे में बोलने का क्या हक़ है? समाज को सांप्रदायिकता के आधार पर बांटने के अलावा उनकी क्या उपलब्धि है. वे हिजाब, हलाल और ऐसे ही व्यर्थ मुद्दे उठाते रहते हैं. उनके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.”

मंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार सभी समुदायों के हितों का ध्यान रखते हुए राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द की सुरक्षा करेगी.