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क़तर और कुवैत से उठी इस्राईल के ख़िलाफ़ आवाज़, फ़िलिस्तीन की आज़ादी की मांग की!

दुनियाभर के ज़्यादा देशों में इस्राईल से नफ़रत में वृद्धि हो रही है।

क़तर और कुवैत ने इस्राईल के विस्तारवाद की कड़े शब्दो में निंदा करते हुए फ़िलिस्तीन की धरती विशेष अवैध अधिकृत इलाक़ों की आज़ादी की मांग की है।

संयुक्त राष्ट्र संघ में क़तर की स्थाई प्रतिनिधि उलिया आले सानी ने कहा कि इस्राईल को अरब देशों विशेषकर सीरिया की गोलान हाइट्स, लेबनान और फ़िलिस्तीन की धरतियों का अतिग्रहण समाप्त कर देना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र संघ में क़तर की महिला राजदूत ने सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि दो आज़ाद सरकारों के गठन का मुद्दा, फ़िलिस्तीन का बेहतरीन हल है।

उन्होंने बस्तियों के निर्माण को तुरंत रोकने, फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों की स्वदेश वापसी, फ़िलिस्तीनी जनता के एतिहासिक अधिकारों की पूर्ति और एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य के गठन की आवश्यकता पर बल दिया।

दूसरी ओर कुवैत ने फ़िलिस्तीनी नागरिकों विशेषकर वेस्ट बैंक के दो शहरों नाब्लस और रामल्लाह पर इस्राईल के निरंतर पाश्विक हमलों की निंदा की है।

अलख़लीज आन लाइन वेबसाइट के अनुसार कुवैती सरकार ने इन ख़तरनाक सैन्य हमलों के परिणाम की बाबत सचेत किया जो क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए ख़तरा है।

कुवैत ने कहा है कि अतिग्रहणकारी इस्राईल के अधिकारी इन परिणामों के ज़िम्मेदार हैं। कुवैत ने की सरकार ने विश्व समुदाय से मांग की है कि वह फ़िलिस्तीनियों के समर्थन के लिए कार्यवाही करे और एक न्यायसंगत और समग्र हल की प्राप्ति के लिए वार्ता का प्रयास करे।