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कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की ज़िद्द कंही कांग्रेस की लोटिया ना डुबोदे : कुशलगढ़ ज़िला बांसवाड़ा राजस्थान से धर्मेन्द्र सोनी की क़लम से

धर्मेन्द्र सोनी
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(कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा राजस्थान रिपोर्टर धर्मेन्द्र सोनी की क़लम से,,)

(राजस्थान, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की ज़िद्द कंही कांग्रेस की लोटिया ना डुबोदे, एक और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय कद्दावर नेता सोनिया गांधी के पुत्र भारत में कांग्रेस जोड़ों यात्रा निकाल कर कांग्रेस पार्टी की जहाज को तिनके का सहारा देकर बैसाखियों से उपर लाने का प्रयास कर रहे हैं वहीं उन्हीं की पार्टी के लोग राजस्थान में मुख्य मंत्री कोन बनेगा में, मुछो की लड़ाई, अब मिडिया की सुर्खियां बनने लगी है एक और ज़हां राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जब कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की बात करीब करीब पक्की मानी जा रही है! वहीं कुर्सी का मोह गहलोत सरकार को सुहाना नही लगता दिखाई दे रहा है, गहलोत नहीं चाहते की राजस्थान में सचिन पायलेट मुख्यमंत्री बने वहीं गहलोत गुट के विधायक व मंत्री भी अब कहने से नहीं चुक रहें हैं की जीसने पार्टी तोडी उसे मुख्यमंत्री नही बनने देंगे कही ना कही राजनीति में पकी खिचड़ी कहीं बासी ना हों जाए! इधर गहलोत गुट ने एन वक्त पर आलाकमान के खिलाफ मोर्चा भी खोलने की खबर ने आग में घी का काम करना शुरू कर दिया है आलाकमान का फेसला सुनाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे प्रदेश प्रभारी अजय माकन को कल सात बजे सीएमआर में विधायक दल की बैठक लेनी थी,इस बैठक में सचिन पायलेट व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पंहुचे लेकिन गेहलोत गुट के87विधायक युडीएच मंत्री शांति धारीवाल के घर पंहुच कर अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर कांग्रेस को सक्ते में डाल दिया,खबर है कि सभी 87 विधायक सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सोपेगे, इधर विधायकों का कहना है कि संकट के समय जिन्होंने सरकार बचाई उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया जाएं, अंदर से खबर है कि आला कमान सचिन पायलेट को मुख्यमंत्री की कमान सोपना चाहते हैं ,उसी खबर को गहलोत गुट नही पचा पा रहा है, कहीं मुछो की लड़ाई बगवती तेवर ना खड़े करदे खबर यह भी राजनीतिक गलियारों से निकल कर आ रही है की कल साम सात बजे की बेठक रात नो बजे तक शुरू नहीं हो पाई, दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक राजधानी की होटल में ही बेठे रहे, वहीं रात को अशोक गहलोत ने उनसे मुलाकात करनें समाचार है, समाचार यह भी है कि इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एवं खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी पर्यवेक्षक से मिलने पंहुचे इधर गहलोत गुट की मानें तो राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री वहीं होगा जो गहलोत चाहेगे, इधर विधायकों ने दबी जुबान से इसारा दिया है की यदी आलाकमान ने फेसला थोपा तो वो मंजुर नहीं होगा, देखना यह होगा कि राजस्थान में राजनीति का यह गुब्बार कब थमेगा या नहीं यह तो राजनीति के चाणक्य ही जानें यदी आलाकमान ने फेसला सही नहीं लिया तो कांग्रेस के लिए घर के ना घाट के वाली नोबत ना आ जाए, वेसे भी राजनीतिक अजिबो गरीब चिज है, राजनीति व क्रिकेट में कब क्या हो जाएं कुछ कंहा नहीं जा सकता है! वो दिन दूर नहीं जब मुछ्छो की लड़ाई कहीं कांग्रेस पार्टी में बिखराव का कारण ना बन जाए? देखना यह होगा कि आलाकमान इस पर अपना क्या फेसला ले पाता है या नहीं यह तों वक्त ही बताएगा!