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केंद्रीय क़नून और न्याय राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कहा- बहुत कम सहिष्णु मुसलमान हैं, जो सहिष्णु दिखाई देते हैं वे भी….

भारत के केंद्रीय क़नून और न्याय राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कहा है कि बहुत कम सहिष्णु मुसलमान हैं, यहां तक कि जो सहिष्णु दिखाई देते हैं वे भी इसे एक ‘मास्क’की तरह इस्तेमाल करते हैं।

उन्होंने कहा है कि मुस्लिम ऐसा सिर्फ़ सार्वजनिक जीवन में बने रहने और उपराष्ट्रपति तथा राज्यपाल आदि बनने के लिए करते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम के दौरान मोदी सरकार में मंत्री ने कहा कि सहिष्णु मुसलमानों को उंगलियों पर गिना जा सकता है, इनकी संख्या हजारों में भी नहीं है, यह भी एक उपाय है, मास्क लगाकर सार्वजनिक जीवन में बने रहना है, यह मार्ग फिर राज्यपाल और उपराष्ट्रपति या कुलपति बनने की ओर ले जाता है लेकिन जब वे वहां से सेवानिवृत्त होते हैं, तो वे अपने मन की बात कहने लगते हैं।

बघेल ने संविधान के मूल ढांचे पर बहस का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश का मूल ढांचा हिंदु राष्ट्र है। बघेल ने नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में आयोजित वार्षिक नारद पत्रकार सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में दिए गए अपने संबोधन में कहा कि इस राष्ट्र की मूल संरचना 1192 से पहले अखंड भारत हिंदु राष्ट्र की है, मैं राम मनोहर लोहिया जी के विचारों से कभी सहमत नहीं हूं कि मोहम्मद ग़ौरी और गजनवी लुटेरे थे, जबकि अकबर, दारा शिकोह और रज़िया सुल्ताना हमारे पूर्वज थे, दिल्ली सल्तनत शरीयत के आधार पर चलती थी, वह एक कट्टर शासन था

बघेल ने अकबर की धार्मिक सहिष्णुता को केवल रणनीति क़रार दिया और कहा कि अकबर समझ गया था कि यह बहुसंख्यक हिंदुओं का देश है, वह जानता था कि वह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाकर अखंड भारत पर शासन नहीं कर सकता, लेकिन यह एक रणनीति थी, यह दिल से नहीं निकला था।

उन्होंने कहा कि हमें फर्ज़ी समाचार पत्रकारिता से बचना होगा, सोशल मीडिया एक बड़ा फैक्टर बन गया है, जब उस पर कुछ चलने लगता है तो मीडिया पर उसे फॉलो करने का दबाव होता है और कई बार बिना वेरिफाई किए ही उसे चला दिया जाता है, आरएसएस फ़र्ज़ी खबरों का सबसे बड़ा शिकार है।