नई दिल्ली । अरविंद केजरीवाल सरकार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रपति ने लाभ के पद पर लाए गए बिल को मंजूरी देने से मना कर दिया है।
दिल्ली सरकार ने पिछले साल यह बिल पास किया था ताकि संसदीय सचिव के पद पर तैनात उसके 21 विधायकों की वैधता बरकरार रहे। राष्ट्रपति की चिट्ठी दिल्ली सरकार को भेज दी गई है।
बिल को मंजूरी न मिलने के बाद अब आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों पर खतरा मंडराने लगा है। इन विधायकों को अयोग्य करार देने की याचिका भी कोर्ट में दाखिल है। इसमें कहा गया है कि ये सभी विधायक लाभ के पद पर बैठे हैं।
चुनाव आयोग ने इन विधायकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं राष्ट्रपति द्वारा बिल को मंजूरी न दिए जाने पर आप की ओर से कहा गया है कि उनके विधायकों की वैधानिकता पर कोई खतरा नहीं है।