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केजरीवाल ने भारतीय नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की फ़ोटो लगाने की मांग की : धर्म की तपिश में झुलसता देश : रिपोर्ट

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की फ़ोटो लगाने की मांग की है.

हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीरों को नोटों पर छापने की मांग को लेकर बुधवार सुबह केजरीवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन बुलाया.

केजरीवाल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मैं यह नहीं कहता कि सारे नोट बदले जाएं, लेकिन जो भी नए नोट छापे जाएं उस पर ये शुरुआत की जाए.” अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री से इसकी मांग की है.

केजरीवाल ने कहा, “हम सब चाहते हैं कि भारत एक अमीर देश बने. भारत का हर परिवार अमीर परिवार बने. इसके लिए बहुत सारे क़दम उठाने की ज़रूरत है. लेकिन ये तभी फलीभूत होते हैं जब हमारे ऊपर देवी-देवताओं का आशीर्वाद होता है.”

इससे पहले हिन्दूत्व के मुद्दे पर उठे एक विवाद के बाद दिल्ली सरकार के एक मंत्री ने इस्तीफ़ा तक दे दिया था. इसी महीने यानी अक्टूबर के पहले हफ़्ते में एक कार्यक्रम को लेकर बड़ा विवाद हुआ था.

दिल्ली सरकार के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने बौद्धों के एक कार्यक्रम में कुछ प्रतिज्ञाएं दोहराई थीं. कथित तौर पर इसमें हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा न करने की शपथ शामिल थी.

इसे लेकर बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल तक पर कई आरोप लगाए थे. ख़बरों के मुताबिक़ केजरीवाल अपने मंत्री से काफ़ी नाराज़ हुए. बाद में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने नौ अक्टूबर को इस्तीफ़ा भी दे दिया था.

गुजरात में विधानसभा चुनाव का माहौल बनने के बाद से केजरीवाल का हिन्दुत्व लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है.

हिन्दूवादी छवि बनाने की केजरीवाल की कोशिश

गुजरात दौरे पर आठ अक्टूबर को अरविंद केजरीवान ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा था, “मैं एक धार्मिक आदमी हूं, हनुमान जी का कट्टर भक्त हूं. हनुमान जी की असीम कृपा है मेरे ऊपर. सारी आसुरी शक्तियां मेरे ख़िलाफ़ एक हो गई हैं.”

केजरीवाल ने कहा था, “ये सब लोग कंस की औलाद हैं, भगवान का अपमान करते हैं, भक्तों का अपमान करते हैं. मैं इनको बताना चाहता हूं मेरा जन्म जन्माष्टमी के दिन हुआ था. मुझे भगवान ने एक स्पेशल काम देकर भेजा है… इन कंस की औलादों का नाश करने के लिए. इनका सफ़ाया करने के लिए.”

गुजरात में गायों के लेकर भी अरविंद केजरीवाल बयान दे चुके हैं. उनका कहना था, “हम सब लोग गाय को अपनी माता मानते हैं, अगर गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो हर गाय की अच्छी तरह से देखभाल करेंगे. हर गाय के रख रखाव के लिए हमलोग 40 रुपये प्रति गाय प्रति दिन के हिसाब से देंगे.”

पिछले कुछ समय से गुजरात यात्रा के दौरान केजरीवाल हिन्दूवादी वेशभूषा में सोमनाथ मंदिर के दर्शन करने भी पहुंच चुके हैं. इसके अलावा वो गुजरात में द्वारकाधीश मंदिर और स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर भी होकर आए हैं.

यानी गुजरात चुनाव अभियान में केजरीवाल का एक अलग ही रूप देखने को मिल रहा है जो आमतौर पर दिल्ली चुनावों से काफ़ी अलग है. गुजरात में केजरीवाल एक हिन्दूवादी नेता की छवि बनाते दिख रहे हैं.

क्या बीजेपी से मुक़ाबले के लिए बनाई है रणनीति
सवाल उठता है कि दिल्ली में दलित, मुस्लिम और अल्पसंख्यकों की बात करने वाले केजरीवाल का अलग रूप क्यों दिख रहा है. क्या वो इसी हिन्दुत्व के सहारे बीजेपी से मुक़ाबला करने की तैयारी कर रहे हैं.

अरविंद केजरीवाल की राजनीति पर नज़र रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी कहते हैं, ” ऐसा नहीं है कि यह अभी शुरू हुआ है. आंदोलन के दौरान भी जब केजरीवाल का मंच सजता था तो उस पर भारत माता की तस्वीर लगी होती थी.”

केजरीवाल पिछले साल दिवाली की पूजा का टीवी पर प्रसारण करा चुके हैं. हालांकि वो स्पॉन्सर्ड प्रोग्राम था. अरविंद केजरीवाल अयोध्या और बनारस में भी ‘हिन्दूवादी रूप में’ नज़र आ चुके हैं.

हाल के दिनों में उनका हिन्दूवाद ज़्यादा उभरकर सामने आया है. यदि ऐसा है तो बीजेपी और केजरीवाल के हिन्दुत्व में क्या अंतर है?

प्रमोद जोशी मानते हैं, “हिन्दुत्व को लेकर बीजेपी की विचारधारा स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान से चल रही है. वह बहुत व्यापक है जिसे आरएसएस चला रहा है. जबकि केजरीवाल का हिन्दुत्व विचारधारा हीन है.”

गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस दो बड़ी पार्टी रही हैं. वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी के मुताबिक़, गुजरात में प्रधानमंत्री ने मुफ़्त की रेवड़ियों की बात कर ख़ुद वहां आम आदमी पार्टी के लिए एक जगह बना दी है.

केजरीवाल की राजनीति
उनके मुताबिक़, ”हो सकता है इसके पीछे यह मक़सद हो कि अगर केजरीवाल गुजरात में थोड़े ताक़तवर हो जाएं तो बीजेपी विरोधी वोट में सेंध लग सकती है.”

इसका मतलब है कि आम आदमी पार्टी वहां जितने भी वोट हासिल करेगी उससे कांग्रेस को उतना ही ज़्यादा नुक़सान होगा और इसका फ़ायदा बीजेपी को मिलेगा.

अरविंद केजरीवाल राम और कृष्ण की बात करते रहे हैं.अब हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीर नोटों पर लगाने की बात करके क्या वो बड़े स्तर पर अपनी एक नई छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि गुजरात विधानसभा चुनावों में भी उनका यह रूप बना रह सके.

वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जोशी मानते हैं, “केजरीवाल दाएं-बाएं जहां से भी वोट मिल सके उसकी कोशिश करते हैं. वो कभी राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाते हैं, कभी पाकिस्तान की बात करते हैं, कभी धर्मनिरपेक्षता की बात करते हैं तो कभी भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हैं.

विरोधियों के निशाने पर केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल की इस मांग के बाद बीजेपी एक बार फिर से उन पर हमलावर हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि ‘अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एडवर्टिज़मेंट पॉलिसी चला रखी है. काम कम और ज़्यादा दिखावा हो रहा है और वो ठीकरा लक्ष्मी और गणेश पर फोड़ रहे हैं.’

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का कहना है कि ‘हो सकता है एक दिन यह भी हो जाए, लेकिन उनपर कौन भरोसा कर सकता है. ऐसा लगता है कि जो चुनाव आ रहा है, केजरीवाल उसमें भी कुछ न कुछ साज़िशें करने की कोशिश करेंगे.’

वहीं केजरीवाल की इस मांग के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर से उन पर बीजेपी की ‘बी’ टीम होने का आरोप लगाया है.

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चंदन कुमार जजवाड़े
बीबीसी संवाददाता