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कैथल : किसान कृषि के सहायक धन्धे के रूप में अपनाएं मधुमक्खी पालन : डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल

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हिंदुस्तान तहलका
किसान कृषि के सहायक धन्धे के रूप में अपनाएं मधुमक्खी पालन : डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल
आय बढ़ाने में मददगार है मधुमक्खी पालन-85 प्रतिशत अनुदान का है प्रावधान
कैथल, 20 जुलाई ( ) डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने जिला के किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि के सहायक धंधे के रूप में मधुमक्खी पालन को अपनाएं। सरकार द्वारा मधुमक्खी पालकों के लिए 85 प्रतिशत तक की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है। मानव जाति की सबसे बड़ी मित्र होने के साथ छोटी सी मधुमक्खी ने प्रकृति के विकास में बड़ा योगदान दिया है। मधुमक्खी मधुर एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थ अर्थात शहद का उत्पादन करती है। लीची, नींबू प्रजातीय फलों, अमरूद, बेर, आड़ू,सेब इत्यादि एवं अन्य दलहनी एवं तिलहनी फसलों में मधुमक्खियों द्वारा परागण अत्यन्त महत्वपूर्ण है। परीक्षणों से यह भी जानकारी मिली है कि पर-परागण के बाद जो फसल पैदा होती है, उन दानों का वजन एवं पौष्टिकता अच्छी होती है। इससे स्पष्ट होता है कि मधुमक्खियाँ केवल शहद ही पैदा नहीं करती वरन फसलों की पैदावार बढ़ाकर खुशहाल बनाकर प्रदेश एवं देश को आर्थिक पौष्टिक खाद्यान्न उपलब्ध कराने में मदद करती हैं। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने बताया कि मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने अनुदान की योजना को भी क्रियान्वित किया है। सरकार ने मधुमक्खी पालको के हित में अनेक कदम उठाए हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए वेबसाइट www.hortnet.gov.in पर आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। Sangeeta Tetarwal DPR Haryana District Administration, Kaithal DIPRO Kaithal Kamlesh Dhanda