सेहत

कोविड-19 से पीड़ित लोगों में एक साल तक हृदय के असामान्य रूप से धड़कने, रक्त के थक्के, स्ट्रोक, दिल के दौरे, हृदय गति रुकने का जोखिम रहता है : रिपोर्ट

वाशिंगटन, आठ नवंबर (भाषा) सार्स-कोव-2 वायरस हृदय के ऊतकों को कैसे नुकसान पहुंचाता है, इसके पीछे के तंत्र की वैज्ञानिकों ने पहचान की है।.

अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों में संक्रमण के बाद कम से कम एक साल तक हृदय की मांसपेशियों में सूजन, हृदय के असामान्य रूप से धड़कने, रक्त के थक्के, स्ट्रोक, दिल के दौरे और हृदय गति रुकने का काफी अधिक जोखिम रहता है।

वाशिंगटन, आठ नवंबर (भाषा) सार्स-कोव-2 वायरस हृदय के ऊतकों को कैसे नुकसान पहुंचाता है, इसके पीछे के तंत्र की वैज्ञानिकों ने पहचान की है।
अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों में संक्रमण के बाद कम से कम एक साल तक हृदय की मांसपेशियों में सूजन, हृदय के असामान्य रूप से धड़कने, रक्त के थक्के, स्ट्रोक, दिल के दौरे और हृदय गति रुकने का काफी अधिक जोखिम रहता है।

अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय, बाल्टीमोर के वैज्ञानिकों ने हृदय पर सार्स-कोव-2 वायरस प्रोटीन के विषाक्त प्रभाव को उलटने के लिए एक दवा का इस्तेमाल किया।

संबंधित अध्ययन रिपोर्ट के वरिष्ठ लेखक जे हान ने कहा, “हमारे अनुसंधान से पता चलता है कि सार्स-कोव-2 प्रोटीन शरीर में विशिष्ट ऊतकों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं- जैसा कि एचआईवी और जीका जैसे अन्य वायरस के मामले में होता है।”

इस मामले में फल मक्खियों और चूहों की हृदय कोशिकाओं पर किए गए अध्ययन की रिपोर्ट नेचर कम्युनिकेशंस बायलॉजी में प्रकाशित हुई है।

हालांकि दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 बीमारी की गंभीरता को कम करने के लिए तेजी से टीके और दवाएं विकसित कीं, लेकिन अध्ययन में कहा गया है कि ये उपचार हृदय या अन्य अंगों को उस नुकसान से नहीं बचाते हैं जो किसी हल्के संक्रमण से भी हो सकता है।

पिछले साल, हान और उनकी टीम ने फल मक्खियों और मानव कोशिकाओं का उपयोग करके अध्ययन में सबसे जहरीले सार्स-कोव-2 प्रोटीन की पहचान की। अध्ययन के अनुसार, उन्होंने पाया कि दवा ‘सेलाइनेक्सर’ इन प्रोटीन में से एक की विषाक्तता को कम करती है, लेकिन दूसरे की नहीं, जिसे एनएसपी6 के रूप में जाना जाता है।

इस अध्ययन के अनुसार, अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि एनएसपी6 प्रोटीन ने ग्लाइकोलाइसिस प्रक्रिया को चालू करने के लिए फल मक्खी की कोशिकाओं को उसके दिल में अपहृत कर लिया, जो कोशिकाओं को ऊर्जा के लिए शर्करा ग्लूकोज को जलाने में सक्षम बनाता है। आमतौर पर, हृदय कोशिकाएं ऊर्जा स्रोत के रूप में फैटी एसिड का उपयोग करती हैं, लेकिन हृदय की विफलता के दौरान शर्करा चयापचय में बदल जाती है क्योंकि ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त ऊतक को ठीक करने का प्रयास करती हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी पाया कि एनएसपी6 प्रोटीन ने कोशिकाओं के ‘पावरहाउस’ कहे जाने वाले माइटोकॉन्ड्रिया को बाधित करके नुकसान पहुंचाया जो शर्करा चयापचय से ऊर्जा पैदा करता है।

इसके बाद टीम ने 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2डीजी) दवा का उपयोग करके फल मक्खियों और चूहों की हृदय कोशिकाओं में शर्करा के चयापचय को अवरुद्ध कर दिया। अध्ययन में कहा गया है कि दवा ने एनएसपी6 प्रोटीन के कारण दिल और माइटोकॉन्ड्रिया को पहुंचने वाली क्षति को कम कर दिया।

हान ने कहा, “हम जानते हैं कि कुछ वायरस कोशिका के ऊर्जा स्रोत को चुराने के लिए अपने चयापचय को बदलने के लिए संक्रमित जानवर की कोशिका मशीनरी को प्रभावित करते हैं, इसलिए हमें लगता है कि सार्स-कोव-2 भी कुछ ऐसा ही करता है। वायरस और अधिक वायरस उत्पन्न करने के लिए शर्करा चयापचय के उप-उत्पादों का उपयोग बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में भी कर सकते हैं।”

हान ने कहा, “इसलिए, हम भविष्यवाणी कर सकते हैं कि यह दवा जो संक्रमण से पहले दिल में चयापचय को बदल देती है, वायरस के लिए घातक साबित होगी।”

अनुसंधानर्ताओं ने कहा कि सौभाग्य से 2डीजी सस्ती है और नियमित रूप से प्रयोगशाला अनुसंधान में इसका उपयोग किया जाता है। अध्ययन में कहा गया है कि हालांकि 2डीजी को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा बीमारी के इलाज के लिए मंजूरी नहीं दी गई है, लेकिन इस दवा का भारत में कोविड-19 के इलाज के लिए चिकित्सीय परीक्षण चल रहा है।

RS-CoV-2 वायरस की वजह से फैलती है

कोविड-19 की चपेट में आए ज़्यादातर लोगों को हल्के से लेकर मध्यम लक्षण महसूस होंगे और वे बिना किसी खास इलाज के बीमारी से ठीक हो जाएंगे. हालांकि, कुछ लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ेंगे और उनको डॉक्टर से इलाज कराने की ज़रूरत होगी.

यह कैसी फैलती है

वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, बोलने, गाना गाने या सांस लेने के दौरान उनके मुंह या नाक से निकलने वाले छोटे तरल कणों से फैल सकता है. इन कणों में सांस लेने पर निकलने वाले तरल की बड़ी बूंदों से लेकर छोटे एरोसोल तक होते हैं.

अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के नज़दीक हैं जो कोविड-19 से पीड़ित है, तो सांस लेने पर आप भी संक्रमित हो सकते हैं. अगर आप किसी संक्रमित सतह को छूते हैं और उसके बाद आंखें, नाक या मुंह छूते हैं, तो ऐसा करने पर भी आप संक्रमित हो सकते हैं. यह वायरस किसी इमारत के भीतर और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ज़्यादा आसानी से फैलता है.

कोविड-19 वायरस, अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है. संक्रमित हुए ज़्यादातर लोगों को थोड़े से लेकर मध्यम लक्षण तक की बीमारी होती है और वे अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाते हैं.

आम लक्षण:
बुख़ार
खांसी
थकान
स्वाद और गंध न पता चलना
कम सामान्य लक्षण:
गले में खराश
सिरदर्द
खुजली और दर्द
दस्त
त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना
लाल या सुजी हुई आंखें