विशेष

क्या वह उस ज़हर की लालसा करता है जिसने उसे लगभग मार डाला था?

सुलैमान के नीतिवचनों से बुद्धि
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नीतिवचन 26:11
जैसा कुत्ता अपने छांट को फिर जाता, वैसा मूर्ख अपनी मूर्खता की ओर फिर जाता है।
उसने इसे फिर से क्यों किया ?! उसकी समस्या क्या है? उसके पहले के ग़लत चुनाव से उसे जो पीड़ा हुई क्या उस पीड़ा ने उसे यह सबक नहीं सिखाया कि वह फिर कभी ऐसा चुनाव न करें? पाठक, आपने दूसरों को ऐसे फैसले बारबार करते देखा है जिसकी उन्हें भारी क़ीमत चुकानी पड़ी। वे मूर्ख हैं। क्या आप मूर्खता से इतनी घृणा करते हो कि उसे फिर कभी न दोहराओ?

आपके आस-पास की दुनिया में आपकी शिक्षा के लिए शक्तिशाली वस्तुनिष्ठ पाठ हैं। कुत्तों के घृणित लक्षण से आपके मन में पाप की घिनौनी प्रकृति और पाप की ओर लौटने वालों की विकृति के विषय में गहरा असर पड़ना चाहिए। हालांकि यह तस्वीर हकीकत से कम है, परन्तु अर्थ स्पष्ट है।

जैसा कि सुलैमान के नीतिवचन में अक्सर देखा जाता है, यहाँ एक प्राकृतिक घटना (कुत्ते का अपने छांट को फिर जाना) और एक नैतिक सिद्धांत (मूर्ख का अपनी मूर्खता की ओर फिर जाना) के बीच तुलना करने वाली एक सरल उपमा है। उपमाओं की पहचान उनमें प्रयुक्त शब्दों “समान” या “जैसा” से की जाती है। मात्र सोलह शब्दों में हम यहाँ मूर्खों का एक शक्तिशाली वर्णन और उनकी निन्दा के विषय में पढ़ते हैं।

जैसे कि एक और बात नीतिवचन में आम है, परमेश्वर हमें एक वस्तुनिष्ठ पाठ पढ़ाने के लिए अद्भुत रूप से अपने विविध प्राणियों में से एक का उदहारण हमारे सामने रखता है, अर्थात् एक कुत्ते का। अन्य कई स्थानों में आप चींटी, शेर, मकड़ी, सूअर, शंकु, उकाब, घोडे, सांप, बकरी और टिड्डे के बारे में पढ़ सकते हैं। नीतिवचन 30:24 पर कमेंट्री देखें।

कुत्ता सृष्टिकर्ता का सबसे अच्छा मित्र नहीं है। बाइबल बिना किसी सकारात्मक टिप्पणी के कुत्तों का चालीस बार उल्लेख करती है। वे नीच जानवर हैं जो पुरुषगामियों, दुष्ट मनुष्यों, दुष्टात्माओं, लालच, शोर और क्रूरता का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी तुलना सूअरों से की गई है। वे एक कहावत, एक लोकोक्ति हैं। परन्तु मूर्खों में दुष्टता से भरे और दर्दनाक पापों के लिए जो लालच और अतिलोलुपता से भरी भूक है उसमे वे कुत्तों से भी आगे हैं।

अपनी ही छांट को चाटना कुत्तों की एक घृणास्पद विशेषता है। जब उनका पेट घिनौने पदार्थ को उल्टी कर के बाहर निकाल देता है, वे लौटकर उसे फिर से खाते हैं। यह शर्म की बात है कि आप कुत्ते की इस तस्वीर को देखकर जो उसकी गंदगी को उल्टी करता है और उसे फिर से खाता है, जो वमनजनक आतंक महसूस करते हैं आपमे पाप के प्रति वही वमनजनक आतंक नहीं है। इस तस्वीर से यदि आप अपनी पापी वासनाओं और पापों से घृणा करना सीख सकें तो यह आपकी आत्मा के लिए कल्याणकारी होगा।

यद्यपि मनुष्य को परमेश्वर के स्वरुप में बनाया गया था, जो स्वर्गदूतों से थोड़ा कम है, फिर भी पवित्र परमेश्वर आपकी पतित स्थिति की तुलना अपने सबसे घृणित प्राणियों में से एक से, अर्थात कुत्ते से करता है। शैतान ने हमारी आदिमाता से कहा था, “तुम देवताओं के समान बन जाओगे।” लेकिन धर्मी न्यायाधीश ने घोषणा की, “तुम कुत्तों के तुल्य हो।” मनुष्य के घृणित चरित्र और एक संप्रभु परमेश्वर उनसे कैसे निपटता है यह दिखाने के लिए बाइबल में घृणास्पद तुलनाओं का उपयोग किया गया है, जैसे यहेजकेल के अध्याय 16 और 23 में आध्यात्मिक व्यभिचार को दिखाने के लिए चित्रात्मक रूप में किया गया वर्णन।

पतरस ने सुलैमान के वचनों को सच्चे नीतिवचन घोषित किया (2 पतरस 2:20-22)। उसने इसका उपयोग उन लोगों की निंदा करने के लिए किया जो अपने मन-परिवर्तन को त्याग देते हैं और इस संसार की छाट को चाटने के लिए लौट जाते हैं, जैसे लूत, सुलैमान, देमास और अन्य कई लोग लौट गए थें। इस दुनिया की नाना प्रकार की अशुद्धत्ता से बचना और फिर उनमें उलझ जाना मनुष्य को उसके मन-परिवर्तन से पहले की स्थिति से भी बदतर स्थिति में डाल देता है।

मूर्खता पाप है। मूर्खता का तो विचार भी पाप है (नीत 24:9)। मूर्खता हमारे प्राणों और जीवनों में बड़ी लज्जा और पीड़ा उत्पन्न करती है (नीतिवचन 13:15; भज 36:2; यिर्मयाह 2:19)। पाप मनुष्य को पीड़ा पहुँचाता है; यह उनके परिवारों को चोट पहुँचाता है; यह उनके भविष्य को चोट पहुँचाता है; इससे उनकी इज्ज़त मिट्टी में मिल जाती है; यह उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। फिर भी पश्चाताप करने और सुधार की गंभीर कसमे खाने के बाद भी लोग बार-बार इसकी ओर लौटते हैं।

ऐसे लोगों की समस्या क्या है? वे अपनी गलतियों को क्यों दोहराते हैं जिससे उन्हें दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ता था? उत्तर यह है कि, उनकी प्रवृत्ति और इरादे भ्रष्ट और दूषित हैं। वे उससे प्रेम करते हैं जिससे उन्हें घृणा करनी चाहिए, और वे उससे घृणा करते हैं जिससे उन्हें प्रेम करना चाहिए। वे विकृत हैं। वे मूर्ख हैं।

दिल का एक भयानक दौरा व्यक्ति के होश उड़ा देता है – यहाँ तक कि एक आलसी पेटू के भी। बाइपास सर्जरी के कुछ दिनों बाद, वह सुपर आहार और सर्वोत्तम कसरत की योजना के विशिष्ट विवरण चाहता है। वह संकल्प करता है, अपनी नियमावली बनाता है, और आहार में शाकाहार और सलाद रखता है, तथा ट्रेडमिल और अन्य मशीने खरीदता है। लेकिन तीन महीने से ठीक से पेट साफ़ नहीं होने के बाद, वह फिर से लज़ीज खानपान कर रहा होता है। क्या वह अपने दिल के दौरे के दर्द को भूल गया? या क्या वह उस ज़हर की लालसा करता है जिसने उसे लगभग मार डाला था? अथवा दोनों?

एक पियक्कड़ पर विचार करें (नीत 23:29-35)। उसके जीवन में शोक, दुःख, विवाद, प्रलाप, और उसकी पिछली ज़िन्दगी के रंगरलियों से भरी जीवनशैली के घाव हैं। वह अपनी नौकरी, अपना ड्राइविंग लाइसेंस, अपनी पत्नी, अपने बच्चों और अपनी प्रतिष्ठा खो देता है। वह बीमार हो जाता है और ऐसा महसूस करता है जैसे उसने जहाज के मस्तूल के शीर्ष पर रात बिताई हो। फिर भी वह कहता है, “मैं कब जागूँगा? मैं फिर से अपने पुराने जीवन की खोज करूँगा। मूर्ख! कुत्ता! अपनी छाट की और लौट जाता है!

अहाब ने पश्चाताप किया और विनम्रतापूर्वक प्रभु के सामने चला – लेकिन केवल कुछ मिनटों के लिए। फिर वह बड़ी तेजी से अपनी छाट की ओर दौड़ पड़ा और मारा गया (1 राजा 21:27-29; 22:8)। फिरौन ने मूसा से राहत की याचना की और इस्राएल को जाने देने का वचन दिया। लेकिन जैसे ही उसने राहत महसूस की, उसने अपने मन को कठोर कर लिया और अपनी हठी मूर्खता पर लौट आया (निर्गमन 8:15)। कितनी बार परमेश्वर ने इस्राएल को क्षमा किया और छुड़ाया, परन्तु वे फिर से उसी मूर्तिपूजक कनानी छाट के लिए वापस भागते रहे (भजन 78:33-42)?

प्रिय पाठक, आपने परमेश्वर के अनुग्रह और उसके आत्मा के कायल करनेवाले कार्य के द्वारा किस गंदगी को उगल दिया, और त्याग दिया है? आपने किस मूर्खता को ठुकरा दिया है? क्या आप इसमें वापस जाने की परीक्षा में पड़ेंगे। कौन-सी उल्टी आपको लुभाती है? कुढ़ कुढाना? कामोत्तेजक चित्र? नंगा संगीत? नशा? लंपट कल्पनाएँ? लोलुपता? टेलीविजन? कड़वाहट? व्यभिचार? माता-पिता की अवज्ञा? वैवाहिक जीवन में बेवफ़ाई? एक ऐसी कलीसिया जो बाइबल के विपरीत है? समर्पण की कमी? पीठ पीछे बुराई करना?

पाप से आंशिक रूप से, या अधूरे मन से नहीं फिरा जा सकता। इसका कोई लाभ नहीं। यह कभी काम नहीं करेगा। आप अब भी उल्टी को सूँघ सकते हैं, और आप फिर से उसकी ओर लौट जाएंगे। पाठक, आपको अपनी पूरी शक्ति और सक्रियता के साथ अपनी परीक्षाओं और पापों से भागना होगा। आपको प्रलोभन के स्रोतों को खत्म करना होगा। आपको अपनी भूख को पूरी तरह से आध्यात्मिक चीज़ों से संतुष्ट करना होगा, ताकि आपको वमन की भूख न हो। यहां कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं है। यदि आप गंदगी के चारों ओर भिनभिनाते रहेंगे, तो आप अपना मुहं फिर से उसे लगाएँगे ही।

यदि कुत्ते में विवेक होता तो वह अपने इस नीच स्वभाव पर लज्जित होता। लेकिन उन पापियों के बारे में क्या जो मानव हैं? उनका घिनौने पाप की ओर लौट जाना बदतर नतीजों को जन्म देगा। उनकी शर्म कहाँ है? उन्हें जल्द ही हमेशा के लिए लज्जित और तिरस्कृत किया जाएगा, जब तक कि उन्हें प्रभु यीशु मसीह द्वारा बचाया न जाए (दानिएल 12:2)।

केवल परमेश्वर के अनुग्रह और पश्‍चाताप के वरदान के द्वारा ही मनुष्य अपनी मूर्खता और शैतान के फंदे से बच सकता है (2 तीमुथियुस 2:25-26)। यदि आपको इस समय किसी भी पाप के बारे में ज़रा सी भी प्रतीति है, तो तुरंत पश्चाताप करें और अपने जीवन को उस मूर्खता से मुक्त करने के लिए कठोर उपाय करें। यीशु मसीह के पास भागो। हो सकता है कि आज ही परमेश्वर की कृपा आपको उस पाप से बचा ले।

भजनहार के साथ कहो, “मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्‍वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्‍त हैं, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिरके मूर्खता न करने लगें” (भजन संहिता 85:8)। एक लंगड़े मनुष्य को प्रभु यीशु मसीह की चेतावनी को सुनें जिसे उसने चंगा किया, “देख, तू चंगा हो गया है : फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इससे कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े” (यूहन्ना 5:14)।