नई दिल्ली: गुरुग्राम में पिछले लगभग तीन हफ्तों से खुले में जुमे की नमाज़ पढ़ने को लेकर विवाद चल रहा है क्योंकि हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं के द्वारा नमाज़ में खलल डालने का वीडीयो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करी थी।
इसी प्रकार से इन संगठनों ने पिछले शुक्रवार को लगभग दस जगहों पर नमाज़ पढ़ने से रोका है जिसके बाद शासन प्रशासन को हालात को तनाव पूर्ण होने से बचाने के लिये कड़ी मेहनत करी है,इस मुद्दे पर अब राजनीति भी होना शुरू होगई है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ रहे लोगों को हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा भगाने के मामले में चुप्पी तोड़ते हुए कहा की नमाज सार्वजनिक जगहों पर नहीं बल्कि मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए।
It is our duty to maintain law & order. There has been an increase in offering namaz in open. Namaz should be read in Mosques or Idgahs rather than public spaces: Haryana CM Manohar Lal Khattar on increase in the number of incidents of disrupting namaz in Gurugram pic.twitter.com/82ZQw6M2WN
— ANI (@ANI) May 6, 2018
खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखना सरकार का काम है. खुले में नमाज की घटनाएं आजकल बढ़ी हैं. नमाज मस्जिद या ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए, बजाय कि सार्वजनिक स्थलों के. खट्टर कल से अपने विदेशी दौरेे पर इज़राईल और यूके जा रहे हैं. उन्होंने इसी की जानकारी देने के लिए प्रेसवार्ता बुलाई थी जिसमें पत्रकारों ने उनसे गुरुग्राम की घटना का जिक्र करते हुए सवाल पूछे थे।
बता दें कि गुरुग्राम में नमाज़ पढ़ रहे लोगों को वहां से भगाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. बाद में कई अन्य जगहों पर ऐसी घटनाएं सामने आईं,इस प्रकार की घटनाओं से हरियाणा सरकार की बदनामी होरही है।
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