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गाँव के मुसलमानों का ऐलान बलात्कारी के शव को गाँव के क़ब्रिस्तान में दफनाने नही दिया जायेगा

मदंसौर में सात साल की बच्ची के साथ हुई दरिंदगी को लेकर शहर के लोगो में भी काफी गुस्सा है। शुक्रवार शाम को घटना के विरोध में बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे और न्याय मार्च निकालकर आरोपी को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की। इस दौरान एक ज्ञापन पुलिस प्रशासन को भी सौंपा। इसमें स्कूल समय के दौरान स्कूलों के आसपास एवं आने-जाने वाले रास्तों पर पुलिस बल की तैनाती करने की मांग की, ताकि मंदसौर जैसी घटना शहर में घटित न हों।

गौरतलब है कि दो दिन पूर्व मंदसौर में कक्षा तीसरी में पढऩे वाली एक मासूम छात्रा का अपहरण कर दरिंदों ने पहले तो उसके साथ दुष्कर्म किया और बाद में उसकी हत्या का प्रयास किया। इस दिल दहला देने वाली घटना को जिसने भी सुना वह सहम गया। लोगों में अब घटना को लेकर आक्रोश है और हर तरफ लोग सड़क पर उतरकर इस शर्मशार कर देने वाली घटना का विरोध कर रहें है।

इरफान के गांव रिंगनोद के लोगों ने एलान किया है कि कोर्ट से अगर उसे फांसी की सजा दी जाती है तो फांसी के बाद उसके शव को गांव में दफनाने ही नहीं देंगे.

वहीं इस घटना के विरोध में शहर के तीन अलग-अलग आयोजन हुए और दो स्थानों पर ज्ञापन सौंपा। दूसरी ओर जामा मस्जिद रोड पर मार्च निकालकर फास्टट्रेक कोर्ट में मामला चलाकर आरोपी को फांसी की सजा सुनाने की मांग की। संयुक्त माली समाज ने रैली निकालकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार को सौंपा। जिसमें उल्लेख किया है कि आरोपी इरफान उर्फ भय्यु पिता जहीर खान निवासी मदारीपुरा फांसी देने के लिए मामले की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में की जाए, ताकि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिल सके। ज्ञापन का वाचन स्कूली छात्राओं ने किया।

घटना के विरोध में शुक्रवार शाम 7 बजे एक न्याय मार्च निकाला गया। यह आयोजन गैर राजनीतिक था। लिहाजा बड़ी संख्या में महिलाए, मुस्लिम समुदाय के लोग एवं आम जन शामिल हुए। मार्च का शुभांरभ मिर्ची बाजार स्थित जामा मस्जिद से किया गया। जो शहर के प्रमुख मार्ग चंद्रशेखर मार्ग, रामसहाय मार्ग, बस स्टैंड, महात्मा गांधी मार्ग से होकर गुजरा।

समापन आजाद चौक पर किया गया। इस अवसर पर पुलिस प्रशासन को भी ज्ञापन सौंपा, जिसमें मंदसौर की घटना को देखते हुए बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, स्कूलों के आसपास व आने जाने वाले रास्तो पर स्कूल समय में पुलिस बल की तैनाती करने, दुष्कर्म जैसे मामलों में 7 दिन में चार्ज शीट पेश करने एवं दुष्कर्मियों के प्रकरण फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाकर मौत की सजा देने की मांग की गई।