साहित्य

गुरु बृहस्पति विचारमग्न बैठे थे…देवताओं के लाख सद्प्रयासों के बावजूद दानवों की प्रगति दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी…

चित्र गुप्त
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चार्वाक दर्शन (जनश्रुति)
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गुरु बृहस्पति विचारमग्न बैठे थे। देवताओं के लाख सद्प्रयासों के बावजूद दानवों की प्रगति दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी। वे देवों पर युद्ध क्षेत्र से लेकर धर्म कर्म तक हर मामले में बीस ही साबित हो रहे थे। अचानक एक विचार उनके दिमाग में बिजली की तरह कौंधा।

क्यों न पुण्य और पाप के बीच के फर्क को मिटाकर एक ऐसे दर्शन का प्रतिपादन किया जाय जिसको दानवों के बीच फैलाकर उनकी बुद्धि को भ्रष्ट किया जा सके। व्यक्ति का भाग्य जो उसके कर्म पर आधारित होता है इसलिए अगर उसके कर्म को ही अधोगामी कर दिया जाय तो व्यक्ति अपने आप ही पतनोन्मुख हो जाएगा। विचारों की नई चेतना ने उन्हें प्रफुल्लित कर दिया। वो अतिशीघ्र इसपर काम शुरू कर देना चाहते थे।

उनकी मोरपंखी से बनी कलम भोज पत्रों पर सरपट भागने लगी। ‘जब तक जिओ सुख से जिओ, चाहे कर्जा लेकर घी पीओ’ कोई आत्मा नहीं है कोई परमात्मा नहीं है और न ही कोई मोक्ष है। राज्य को चलाने के लिए सिर्फ दो ही चीजों की आवश्यकता है अर्थ और दंड। जीवों का जन्म सिर्फ भोग करने के लिए हुआ है। अच्छा खाना अच्छा पीना हर व्यक्ति का जन्म सिद्ध अधिकार है।

उन्होंने विचारों को कलम बद्ध करके अपने सबसे प्रिय शिष्य चार्वाक को अपने पास बुलाकर कहा — “ले जाओ इसे और वेश बदलकर असुरलोक में निवास करते हुए इसका प्रचार प्रसार करते रहो।”

चार्वाक शीश नवाकर वहां से चल पड़े। चलते चलते जब वो थक गए तो वो एक पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लगे। शीतल हवा के झोंको में उन्हे नींद आ गई। सोकर उठे तो सोचने लगे – “एक बार खोलकर देख तो लेता हूं कि आखिर इसमें ऐसा लिखा क्या है जो गुरुदेव ने इसे असुर लोक में फैलाने के लिए भेजा है?”

उन्होंने पोथी खोलकर पढ़ना शुरू किया तो उसमे ऐसे डूबे कि महीनों बाद उसमे से बाहर निकले। निकले भी तो ऐसे निकले कि गुरु को दिया गया अपना वचन भी भूल गए। वो जहां बैठे थे वहीं से उस दर्शन पर भाष्य देना शुरू कर दिया। जो दर्शन असुरों का सत्यानाश करने के लिए किया गया था वह दर्शन जंगल के आग की तरह देवताओं में फैलने लगा। देवता धर्म भूलकर भोग में लिप्त होने लगे। इस प्रकार जिस दर्शन का उदय असुरों के विनाश के लिए किया गया था वही आगे चलकर सुरलोक के पतन का कारण बना। यही दर्शन चार्वाक दर्शन के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
#चित्रगुप्त