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चीन : जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी की बीसवीं कांग्रेस में तीसरी बार अपना नया टर्म शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी की बीसवीं कांग्रेस में तीसरी बार असाधारण अंदाज़ से अपना नया टर्म शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।

इसके साथ ही शी जिनपिंग के इस ओहदे पर आजीवन बने रहने का रास्ता साफ़ हो जाएगा। चीन के नेताओं ने 2018 में केवल दो बार ओहदे पर रहने की सीमा ख़त्म करने के पक्ष में मतदान किया था। यह उसूल 1990 के दशक से चला आ रहा था।

शी जिनपिंग ने 2012 से कार्यभार संभाला। उनके शासनकाल में चीन की ताक़त और भी तेज़ी से बढ़ी यहां तक कि अमरीका जैसे देश चीन को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानते हैं।

शी जिनपिंग के शासनकाल में सिनकियांग के उइगर मुसलमानों का मुद्दा ज़्यादा प्रमुखता से उठा। उन पर आरोप है कि उन्होंने री एजुकेशन के नाम से कैंप लगाए जहां अल्पसंख्य मुसलमानों और अन्य समुदायों को रखा गया। आरोप है कि इन शिविरों में मानवाधिकारों का हनन किया जाता है।

शी जिनपिंग 1953 में पैदा हुए, उनके पिता ज़ी जोन्गक्सन एक क्रांतिकारी और कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक थे। वो चीन के उप प्रधानमंत्री ही रहे। शी जिनपिंग के साथ हमेशा शहज़ादे जैसा बर्ताव किया जाता रहा। मगर 1962 में उनके पिता को क़ैद कर लिया गया और हालात बिल्कुल विपरीत दिशा में चले गए।

माओ को अपनी पार्टी के नेताओं पर संदेह था माओ ने इस प्रकार के लीडरों को जेल में डालने का आदेश दे दिया। उसके बाद 1966 की सांस्कृतिक क्रांति के दौरान लाखों लोगों को चीनी कल्चर का दुश्मन कहा गया जिसके चलते देश में हिंसा शुरू हो गई।

इन घटनाओं से शी जिनपिंग का परिवार भी प्रभावित हुआ। शी जिनपिंग को उस स्कूल से निकाल दिया गया जहां बड़े नेताओं के बच्चे पढ़ते हैं। बाद में उन्होंने 15 साल की उम्र में बीजिंग छोड़ दिया। मगर पार्टी से नफ़रत करने के बजाए उन्होंने पार्टी में शामिल होने के लिए कई बार कोशिश की मगर पिता के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली। आख़िर में 1974 में हैबी प्रांत में उन्हें पार्टी में जगह मिल गई। इसके बाद शी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1989 में 35 साल की उम्र में वो दक्षिणी फ़ोजियान प्रांत के शहर नंग्दे में पार्टी के अध्यक्ष बने। 2008 में उन्हें ओलम्पिक्स का इंचार्ज बनाया गया और लगातार अपनी पैठ बढ़ाते रहे यहां तक कि 2012 में चीन के राष्ट्रपति बन गए।