साहित्य

जब स्कूल की पुरानी मैडम ने चपरासी को ओए कह के बुलाया, तो…

बुड़बक का पन्ना
=========
जब स्कूल की पुरानी मैडम ने
चपरासी को ओए कह के बुलाया,
तो नई मैडम को उस चपरासी
पर बड़ा तरस आया…
बोली लोग जाने कहाँ से
पढ़ कर आ जाते हैं
भला ओए कहकर
किसी को कभी बुलाते हैं ?
फिर वो चपरासी से बोली
सुनो, मैं शिष्टाचार निभाऊँगी
तुम्हें तुम्हारे नाम से ही बुलाऊँगी
चपरासी गदगद हो गया
बोला आप सरीखे लोगों का ही
हम गरीबों को साथ है
मैडम जी मेरा नाम तो प्राणनाथ है
मैडम जी सकुचाई
पलभर कुछ बोल ना पाई
फिर कहा इस नाम से अच्छा न होगा तुम्हें बुलाना
अगर कोई घर का नाम हो तो मुझें बताना
चपरासी बोला मेरे घर में सब
मुझे दुलारते हैं
पत्नी से लेकर बाबूजी तक
बालम कह कर पुकारते हैं
मैडम की समझ में कुछ न आया
टब उन्होंने एक नया आईडिया लगाया
बोली रहने दो, अब पहेलियाँ न बुझाओ
मोहल्ले वाले तुम्हें क्या कहते हैं, ये बताओ
चपरासी बोला मैडम जी
सबका हम दिल बहलाते हैं
और पूरे मोहल्ले में
साजन कहलाते हैं
मैडम अब तक ऊब चुकी थी
ऊहापोह में डूब चुकी थी
कहा मुए, ये सब नाम कहाँ से लिए जाएँगे
तू अपना सरनेम बता, उसी से काम चलाएँगे।
चपरासी बोला मैडम जी क्या करूँ
सारी दुनिया ही एक गेम है
आप सरनेम से बुलाइए
स्वामी मेरा सरनेम है।
अब मैडम झल्लाई।
जोरों से चिल्लाई :
ओए, मेरा सिर मत खा, जा,
एक कप गरम चाय ले के आ……!!
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
Courtesy……………