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जब स्त्री के अंदर बेवजह ही महिला सशक्तिकरण की वीरांगना बनने का कीड़ा कुलबुलाने लगता है तो…

Arvind Verma
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जब स्त्री के अंदर बेवजह ही महिला सशक्तिकरण की वीरांगना बनने का कीड़ा कुलबुलाने लगता है तो…
वो ससुराल को कुरेक्षत्र का मैदान बनाकर महाभारत छेड़ देती है…
जो रिश्तेदार उनके साथ खड़े होने का दावा करते हैं वो भी कुछ समय बाद किनारा कर लेते हैं…
ससुराल में जिन कामों को करते हुए नौकरानी का एहसास होता था…वहीं काम मायके में भाई-भाभी के तानों को सुनते हुए करती हैं…
आज की आत्मनिर्भर नारी बनने की होड़ में ससुराल और मायके से अलग रहकर अपना जीवन आजादी से गुजारने के लिए ही लड़कियां लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है…
ऐसी स्त्रियों को नाते रिश्तेदारों से कोई मतलब नहीं होता…वजह बस इतनी है कि परिवार में मर्यादा से रहना पड़ता है, रोक टोक होती है, बंदिशे होती हैं और हिदायतें भी होती है…
संयुक्त परिवार में ऐसी स्त्रियों की बसर हो ही नहीं सकती….
पति या तो इनको लेकर अलग फ्लैट में रहे तो खुश रहेंगी अन्यथा रोज का कोहराम धरा है फिर…
Arvind Verma ✍️
#हर_बेटी_मेरी

Shivanya Kanaujiya
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#जब__इलाहाबाद तैयारी के लिए कोई छात्र घर से पहली बार निकलता है तब उसके माता-पिता यही कहते है कि बेटा मेरे पास पैसा कम है मन से पढ़ना ।
इलाहाबाद में 10×10 का कमरा भी आज 3000 प्रति माह के हिसाब से मिलता है पढ़ने वाले इलाहाबाद में अपनी किताब ख़रीदने के लिए ऑटो से नही बल्कि पैदल चलते है ताकि 20 रुपया किराए का बच गया तो दो टाइम सब्जी खरीद लूंगा।
शांतिपुर, फाफामऊ,तेलियरगंज, सलोरी , गोबिंदपुर , राजापुर , बघाड़ा जैसे किसी स्थान पर रहते रहते सर का आधा बाल झड़ जाता है , चेहरे की रौनक धंस जाती है माथे पर तनाव की लकीरें साफ दिखाई देने लगती है। दो टाइम के बजाय एक टाइम खाना बनता है ताकि इससे पैसा बचेगा तो कोई फार्म भर सकूँगा ।
क्योकि घर से पैसा बहुत लिमिट में मिलता है कभी कभी बाहर की मिठाई खाने का मन हुआ तो चीनी खा कर अनुभव करना पड़ता है कि हमने रसमलाई खा लिया है।
बहुत ही सँघर्ष और तप जैसी जिंदगी इलाहाबाद जैसे शहर में जीने के बाद जब कोई भर्ती आती है तब 1000 पद के लिए लाखों आवेदन आता है। पढ़ने वाले के घर से फोन आता है कि बेटा इस भर्ती में बढ़िया से पढ़ना घर वालो की उम्मीदों के बोझ ने फिर से टेंशन दे दिया फिर भी लाखों लोगों को पीछे धकेल के परीक्षा में पास हुआ घर परिवार समाज और स्वयं को लगता है कि अब इसकी नौकरी मिल गयी है कोई टेंशन की बात नही है बस ज्वैनिग तो रह गयी है दोस्तो और रिस्तेदार को पार्टी भी दे दिया फिर दो साल तक इंतजार कर रहे है कि अब ज्वैनिग होगी लेक़िन उसी बीच नया आदेश आता है कि भर्ती की परीक्षा रद्द हुआ।
क्या महसूस हुआ होगा उस पास छात्र के ऊपर…
दस साल से पढ़ाई कर रहे है कोई भर्ती आती नही है एक भर्ती आ गयी पास भी हुआ अब उसको रद्द करना क्या न्यायोचित है.?
आटा गर्मी में गूथते समय पसीना इस कदर गिरता है जैसे लगता है कि शरीर से चिल्का झील का पानी निकल रहा है।
सर का बाल तख्त पर , टेबल पर , कुर्सी पर ऐसे गिरते है जैसे किसी नाई का दुकान है।
रोटियां बनाते बनाते जिंदगी रोटी जैसी हो जाती है। , पढ़ाई करने वाले छात्र घर पर ही रोटी- सब्जी – चावल- दाल सब एक साथ खाने को पाता है रूम पर तो कभी एक साथ नही बनता है। बनेगा भी कैसे क्योकि घर से इतना पैसा नही मिलता है।
जब गैस भराना होता है। तो दोस्तो से या बगल वाले भैया से उधार लेना पड़ता है ।। जिस दिन रूम का किराया देना पड़ता है उस दिन लगता है।। कि मानो आज किसी को कलेजे का टुकड़ा देना पड़ रहा हो।।🙏

 

Satyarth Chauhan Chandan
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अभिनेता और फूड व्लॉगर आशीष विद्यार्थी 60 साल की उम्र में 25 मई को दूसरी बार दूल्हा बने. उन्होंने असम की रूपाली बरूआ के साथ कोलकाता में कोर्ट मैरिज की. बाद में एक छोटे समारोह में दोनों परिवारों के सदस्यों और करीबी दोस्तों ने ही शिरकत की.आशीष इस मौके पर केरल के दूल्हे की पोशाक मुंडु पहने दिखे.
आशीष की पहली शादी राजोश्री से हुई और दोनों का 23 का एक बेटा अर्थ भी है जो अमेरिका में रह कर पढ़ाई कर रहा है और पिता की तरह ही एक्टर बनना चाहता है. आशीष और राजोश्री काफ़ी समय से अलग रह रहे थे.
25 मई को जैसे ही आशीष और रूपाली की शादी की तस्वीरें इंटरनेट पर आईं सोशल मीडिया यूज़र्स जानने की कोशिश करने लगे कौन हैं रूपाली बरूआ जो पर्सनेल्टी और चेहरे मोहरे में किसी एक्ट्रेस से कम नहीं.
50 साल की रूपाली मूल तौर पर गुवाहाटी से ताल्लुक रखती हैं और बिजनेसवूमन हैं. फैशन इंडस्ट्री में पहचान रखने वाली रुपाली कोलकाता में हैंडलूम फैशन स्टोर नामेग चलाती हैं. रूपाली की भी ये दूसरी शादी है, उनकी पहली शादी इंग्लैंड में रहने वाले डॉक्टर मितम बरूआ से हुई थी, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. रूपाली की पहली शादी से एक बेटी है.
जहां आशीष सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं, वहीं रूपाली का रूझान इस ओर कम लगता है. फूड के ज़ायकों पर आशीष का यूट्यूब चैनल भी है जिस पर एक मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
आशीष ने एक अखबार को इंटरव्यू में बताया कि रूपाली और वो कुछ वक्त पहले मिले थे और दोनों ने साथ मिलकर आगे बढ़ने का फैसला किया, दोनों चाहते थे कि शादी में बस पारिवारिक लोग ही शामिल हों. वहीं रूपाली ने आशीष के लिए कहा कि वो अच्छी आत्मा वाले अच्छे इंसान है.
आशीष की पहली पत्नी राजोश्री विद्यार्थी खुद भी एक्टिंग, थिएटर, सिंगिंग, रेडियो में काफी नाम कमा चुकी हैं. राजोश्री की मां शकुंतला बरूआ जानीमानी बांग्ला अभिनेत्री रही है. दिल्ली के हिन्दू कॉलेज और एनएसडी से पढे आशीष इन दिनों फूड व्लॉगर के तौर पर भी मशहूर हैं और उनकी आए दिन रील्स देखने को मिलती रहती हैं.