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जर्मनी में सरकार गिराने की कोशिश हुई नाकाम : रिपोर्ट

जर्मनी में विद्रोह करके सरकार गिराने के आरोप में दसियों लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।

जर्मनी के लगभग 3000 सुरक्षा बलों ने बुधवार की सुबह इस देश के 11 प्रांतों में एक सर्च आपरेशन चलाकर “रीचसबर्गर” नामक संगठन से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह आतंकी गुट जर्मनी की संसद पर हमला करके वहां की सरकार को गिराना चाहता था।

जर्मनी के फेड्रल प्राॅसीक्यूटर कार्यालय की ओर से बुधवार को जारी किये गए बयान में बताया था कि लगभग तीन हज़ार सैनिकों ने देश के ग्यारह प्रांतों में 130 क्षेत्रों में “रीचसबर्गर” संगठन के सदस्यों को पकड़ा है। उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों में कुछ पूर्व सैनिक भी शामिल हैं।

यह वे लोग हैं जो जर्मनी के संविधान में विश्वास नहीं रखते और साथ ही दूसरे विश्वयुद्ध के बाद की जर्मनी की सीमाओं को नहीं मानते। वे वर्तमान सरकार को गिराकर अपने दृष्टिगत सरकार बनाना चाहते हैं। इसी संदर्भ में जर्मनी में तख़्तापलट के एक षडयंत्र के अन्तर्गत 22 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनके अतिरिक्त 3 अन्य लोगों को इनके समर्थन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जिनमे एक रूसी महिला भी है।

जर्मनी एक एसा देश है जहां पर दूसरे विश्व युद्ध से पहले भी दक्षिणपंथी सक्रिय रहे हैं। इनकी सक्रियता के ही कारण जर्मनी में तानाशाह हिटलर के नेतृत्व में नाज़ी शासन अस्तित्व में आया था। उसी के करतूत, दूसरे विश्व युद्ध का कारण बने जिसमें न जाने कितने निर्दोष लोग मारे गए। बाद में जर्मनी दो भागों में विभाजित हो गया पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी जर्मनी। यह दोनो हिस्से काफी समय तक अलग रहे लेकिन बाद में जब पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी का विलय हो गया तो उसके पश्चात नियो-नाज़ी गुटों की वहां पर गतिविधियां बढ़ी जो जातिवाद भी हैं।

यह लोग पलायनकर्ताओं के कड़े विरोधी हैं। यह जातिवादी गुट मानते हैं कि जर्मनी, केवल शुद्ध जर्मनी जाति के लिए ही है दूसरों के लिए नहीं है। सन 2015 में जब दुनिया में पलायनकर्ताओं का संकट आरंभ हुआ तो एक मिलयन से अधिक पलायनकर्ता जर्मनी पहुंचे। इनके विरोध में जर्मनी में कुछ नए जातिवाद गुट अस्तित्व में आए। जर्मनी की सरकार इन जातिवादी एवं दक्षिणपंथी गुटों की गतिविधियों से चिंतित है। इस संकीर्ण विचारधारा के लोग जर्मनी की सेना में भी सेंघ लगा चुके हैं।

जर्मनी की सेना की ओर से मार्च 2020 को बताया गया था कि दक्षिणपंथी विचारधार रखने वाले 27 लोगों की देश की सेना में पहचान की गई है। जर्मनी के अधिकारी बता चुके हैं कि हालिया दो वर्षों के दौरान देश के भीतर अतिवादी दक्षिणपंथियों की गतिविधियों में तेज़ी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

जर्मनी की पुलिस द्वारा बुधवार को “रीचसबर्गर” नामक जातिवादी एवं आतंकी संगठन से जुड़े कई लोगों की गिरफ्तारी यह बताती है कि इस देश में नियो-नाज़ी समूहों की गतिविधियां और उनका प्रभाव बढ़ रहा है जो जर्मनी की सरकार के लिए एक ख़तरे की घंटी सिद्ध हो सकता है।