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जिन लोगों ने अपने मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक नहीं किया है उनके नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाएंगे!

सरकार ने कहा कि जिन लोगों ने अपने मतदाता पहचान पत्र के साथ आधार को लिंक नहीं किया है उनके नाम मतदाता सूची से नहीं हटाए जाएंगे।

भारत के केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में तीन सदस्यों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। मंत्री से यह सवाल किया गया था कि जिन लोगों के मतदाता पहचान पत्र आधार के साथ लिंक नहीं है, क्या उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे? इसके जवाब में मंत्री ने कहा, ‘नहीं।’

भारत के केंद्रीय क़ानून मंत्री ने कहा कि आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना स्वैच्छिक है और इसे जोड़ने के लिए मतदाता की सहमति प्राप्त करना आवश्यक है। चुनाव क़ानून (संशोधन) अधिनियम, 2021 के संदर्भ में निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों को पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से लोगों से उनकी आधार संख्या प्रदान करने के लिए कहने की अनुमति है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल स्वैच्छिक है।

इन आरोपों के बीच कि चुनाव अधिकारी आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ना अनिवार्य कर रहे हैं, अक्तूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने आधार को मतदाता पहचान पत्र से जोड़े जाने के संबंध में दो अधिसूचनाओं को चुनौती देने वाली एक याचिका पर नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने तर्क दिया था कि आधार कार्ड का उपयोग केवल लाभ प्रदान करने के लिए किया जा सकता है और जब कोई नागरिक अधिकारों का प्रयोग कर रहा हो तो इस पर जोर नहीं दिया जा सकता है। उन्होंने तर्क दिया था कि आधार कार्ड नहीं होने के आधार पर वोट देने के अधिकार से इनकार नहीं किया जा सकता है।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी नियमों और अधिसूचनाओं के माध्यम से भारत का चुनाव आयोग लोगों को अपने आधार नंबर को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए बाध्य करना चाहता है।

इसी महीने चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया था कि भारत के आधे से अधिक मतदाताओं ने अब तक अपने मतदाता पहचान पत्र के साथ अपने आधार नंबर को जोड़ दिया है। यह 1 अगस्त को शुरू हुए भारतीय चुनाव आयोग के विशेष अभियान के तहत हुआ है।