साहित्य

झूठ, बेईमानी, मक्कारी, असमानता ही अधर्म है इस बात को भी सिर्फ़ सच्चे इंसान ही समझ सकते हैं : सरदार मेघराज सिंह के विचार पढ़िये

Meghraj Singh
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(कुछ ख़ास बातें )
प्यारे साथियों एक कहावत बहुत मसूर है जैसे कि
सभी धर्मों में अच्छे इंसान और बुरे इंसान होते हैं ।
सभी धर्मों में अच्छे और बुरे इंसान होते हैं इस बात को तक़रीबन विश्व के 90 पर्सेंट लोग सच मानते हैं और इस बात पर यक़ीन भी करते हैं ।
पर प्यारे साथियों मेरा निजी अनुभव थोड़ा इससे अलग है जैसे कि
पूरे विश्व में मेरे हिसाब से तीन प्रकार के इंसान पाए जाते हैं जैसे कि ।
नंबर वन -जो इसान सच बोलते हैं और सच ही उनके अंदर होता है और वह सच ही पुरे विश्व मे फैलाते हैं उनको हम धार्मिक इंसान कह सकते हैं ।
नंबर दो —जो इंसान झूठ बोलते हैं अंदर भी उनके झूठ ही होता है और पूरे विश्व में वह झूठ फैलाने की कोशिश करते हैं उन को हम अधर्मी लोग कह सकते हैं ।
नंबर तीन —अधिकतम लोग ऐसे होते हैं जैसे कि कभी वह झूठ बोलते हैं कभी सच बोलते है इन लोगों को ना तो हम धार्मिक कह सकते हैं नाही इन लोगों को हम अधर्मी कर सकते हैं इनको तो हम सिर्फ़ साधारण इंसान कर सकते हैं ।
(अच्छा कौन है और बुरा कौन है )
सच्चा इंसान कभी बुरा नहीं हो सकता ।
बुरा इंसान कभी सच्चा नहीं हो सकता ।
अच्छा इंसान कभी छल कपट नहीं कर सकता ।
छल कपट करने वाला कभी अच्छा इंसान नहीं हो सकता ।
धार्मिक इंसान कभी बुरा नहीं हो सकता ।
बुरा इंसान कभी धार्मिक नहीं हो सकता ।
धार्मिक इंसान कभी किसी को नफ़रत नहीं कर सकता ।
नफ़रत करने वाला इंसान धार्मिक नहीं हो सकता ।
अच्छा इंसान पूरे संसार को अपना परिवार समझेगा ।
बुरा इंसान अपने परिवार को भी अपना नहीं समझेगा ।
अच्छा इंसान पूरे संसार को आज़ाद कराने की बात करेगा ।
बुरा इंसान पूरे संसार को ग़ुलाम बनाने की बात करेगा ।
सच ईमानदारी इंसानियत समानता ही धर्म है इस बात को सच्चे इंसान ही समझ सकते हैं ।
झूठ बेईमानी मक्कारी असमानता ही अधर्म है इस बात को भी सिर्फ़ सच्चे इंसान ही समझ सकते हैं ।
सच्चे और इमानदार इंसान ही धर्मी और अधर्मी को पहचान पाएंगे ।
मेघराज सिंह सच्चे इंसान ही सच को यानी धर्म को पूरे विश्व में फैलाएँगे ।
नोट —इस बात को सिर्फ़ सच्चे इंसान नहीं समझ सकते हैं झूठे लोगों को यह बात समझ नहीं आएगी ।
Meghrajusgas7@gmail.com
( M S Khalsa)


Meghraj Singh
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इन्सान अद्भुत शक्तियो का मालिक है इंसान अनेको रूप धारण कर सकता है ।
जानिए कैसे—-
इन्सान अगर सचमुच ही सच और ईमानदारी को अपनाएगा तो वह सचमुच ही रब का रुप बन जाएगा ।
इन्सान अगर सचमुच ही झूठ और बेईमानी को अपनाएगा तो वह सचमुच ही शैतान का रुप बन जाएगा ।
इंसान अगर लालची और विश्वासघाती होगा तो वह सचमुच ही हैवान बन जाएगा ।
इन्सान के अंदर अगर छल कपट भेदभाव नफ़रत होगी तो इंसान सचमुच ही शैतान और ठग का रुप बन जाएगा ।
अगर इंसान कभी झूठ बोलेगा कभी सच बोलेगा वह साधारण इंसान ही रह जाएगा ।
कुछ महत्वपूर्ण शायरियां
शैतान हैवान और ठग यह सब अवगुण झूठ और बेईमानी से पैदा होते हैं ।
सच और ईमानदारी यह गुण है यह गुण अपनाने वाले रब का रुप बन जाएंगे ।
जो इंसान रब का रूप होते हैं वह विश्व के लोगों को अपना परिवार समझ कर पूरे विश्व में सच्चाई इमानदारी फैलाते हैं ।
जो इंसान रब का रूप है वह पूरे विश्व के लोगों से एक समान प्यार करते है इसीलिए वह अपना जीवन परम आनंद में जी पाते हैं ।
नोट —अगर झूठ बोलने वाले भी सच को सचमुच ही अपनाएंगे तो वह भी रब का रुप बन जाएंगे फिर वह परमानंद मैं जीवन जी पाएंगे ।
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( M S khalsa )