ब्लॉग

ढोंगी बाबाओं की पोल खोलता एक सुन्दर लेख

आए दिन धर्म के नाम पर अंधविश्वास की खबरें आती रहती हैं कहीं कोई धर्म के नाम पर दान पेटी में आने वाले धन से मौज उड़ाता दिखता है कभी कोई धर्म की आड़ में महिलाओं को गुमराह करता हुआ पकड़ा जाता है, कुछ तथाकथित बाबाओं ने तो धर्म के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी इकट्ठी कर ली है इससे व्यक्ति का धर्म पर विश्वास डगमगाता है कि आखिर यही धर्म है ?

क्या वाकई धर्म मानव का मुक्तिदाता है? एक तरफ भुखमरी फैल रही है, गरीब बच्चों को उच्चतम गुणवत्ता के विद्यालयों में दाखिला नहीं मिल रहा है छोटे छोटे बच्चे किसी तरह पेट भरने के लिए मजदूरी करने को विवश है गरीब लोग धन के अभाव में दम तोड़े दे रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ धार्मिक स्थलों में धन का अकूल भंडार है ये एक बड़े विरोधाभास को जन्म देता है कि प्रवचन में धर्म को शांति देने वाला बताया गया है।

दूसरी तरफ समस्या जस की तस है ऐसे में आवश्यक है कि सज्जन लोग इस भ्रम को तोड़ने के लिए आगे आएं और धर्म के नाम पर अपनी दुकान चलाने वालों को आईना दिखाएं ताकि धर्म के प्रति फैलने वाली नकारात्मक भावनाओं का नाश हो, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है इमाम हुसैन के मानने वालों ने जिससे कि लोगों की धर्म के प्रति मानसिकता सकारात्मक हो ,

मुहर्रम के महीने में इमाम हुसैन के मानने वालों ने रक्तदान के लिए शिविर लगाए जिसमे इमाम हुसैन के नाम पर रक्तदान किया गया, ये शिविर भारत के एम्स समेत कई बड़े अस्पतालों के साथ_साथ अन्य देशों में भी लगाए गए, जिसमें लोगों ने हजारों यूनिट रक्त का दान दिया ताकि इससे किसी की जान बचाई जा सके, रक्तदान कर्ताओं का मत है इमाम हुसैन ने मानव की भलाई के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया उन्हीं की याद में मानव समाज की भलाई के लिए एक छोटा सा प्रयास हमारा भी है।

मुहम्मद अफजल
छात्र _ दिल्ली विश्वविद्यालय

source : पारस टुडे हिंदी
लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है