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तय्यब एर्दोगान के सामने झुका इज़राईल,बताया तुर्की को ताक़तवर देश,कर रहा है अब ये अपील

नई दिल्ली: इज़राइली सेना द्वारा गाज़ा सीमा पर 61 फिलिस्तीनियों को शहीद और तीन हज़ार के लगभग को गम्भीर रूप से घायल करने के बाद तुर्की ने इज़राईल राजदूत को 24 घण्टे में तुर्की छोड़ने का आदेश दिया था और वापसी के समय इस्तंबूल एयरपोर्ट पर राजदूत को जमकर अपमानित किया था,तथा तुर्की ने अपने राजदूत अमेरिका और इज़राईल से वापस बुला लिये थे।

तुर्की की इस पूरी कार्यवाही के बाद इजरायली विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले सोमवार को गाजा पट्टी में इजरायल के आक्रामकता के परिणामस्वरूप हालिया तनाव के बाद अंकारा के साथ अपने राजनयिक संबंधों को अलग नहीं करने का फैसला किया है।

जबकि तुर्की ने इजराइल के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए इजराइल से अपना दूत वापिस तुर्की बुला लिया है। तुर्की ने इसरायली राजदूत को देश से निकाल दिया है।

मिडिल ईस्ट मॉनिटर के मुताबिक, इज़राइली रेडियो ने उप विदेश मंत्री तजीपी हॉटोवली का हवाला देते हुए कहा, “प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ कई परामर्श लेने के बाद हमने फैसला किया कि तुर्की के साथ संबंधों को खत्म नहीं करेंगे।

वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया को मिली जानकारी के मुताबिक, इसरायली मंत्री ने कहा कि, “तुर्की एक बड़ा देश है साथ ही सैन्य रूप से भी तुर्की काफी ताकतवर है।

हमारी एयरलाइंस तुर्की के हवाई क्षेत्र से गुज़रती है. हम व्यापार संबंधों को एकसाथ साझा करते हैं और तुर्की में एक बड़ा यहूदी समुदाय है। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने एर्दोगान निशाना साधते हुए कहा कि, रेसेप तय्यिप एर्दोगान ने उन्हें “फ्लिस्तिनियों का खूनी का इलज़ाम लगाया है।

इसके अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओफिर अकुनिस ने हाल ही में एर्दोगान को “इज़राइल का विरोधी और इजराइल से नफरत करने वाले के रूप में वर्णित किया है। जबकि आंतरिक सुरक्षा मंत्री, गिलद एर्डन ने तुर्की को अलग करने का सुझाव दिया है।

एर्डन ने कहा है कि, “इज़राइल को एर्दोगान और तुर्की के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई के लिए कदम उठाने चाहिए। आपको बता दें की इससे पहले नेतान्याहू ने एर्दोगान को कसाई कहा था।