साहित्य

तुमने चुप रह के सितम और भी ढाया मुझ पर…तुमसे अच्छे हैं मेरे हाल पे हंसने वाले…!!

बुड़बक का पन्ना – Just for Fun
==================
एक बार जंगल में शेर ने एक फैक्ट्री डाली…..!!
उसमे एक मात्र काम करने वाली एक नन्ही चींटी थी जो समय से दफ़्तर आती जाती थी और फैक्ट्री का सारा काम बड़ी मेहनत और लगन से अकेले करती थी ।
शेर का व्यसाय बहुत ही व्यवस्थित ढंग से चल रहा था औऱ उसे लगातार मुनाफ़ा हो रहा था ।
एक दिन शेर ने सोचा कि ये अकेली चींटी इतना सुंदर काम कर रही है ,अगर इसको किसी विशेषज्ञ के निगरानी में रख दूँ तो ये और भी बेहतर काम कर सकती है जिससे मुनाफ़ा औऱ अधिक बढ़ सकता है ।
ये ख़याल मन में आते ही शेर ने एक मधुमक्खी को मैनेजर नियुक्त कर दिया।
मधुमक्खी को कार्य का बहुत अनुभव था और वह रिपोर्ट्स लिखने में भी बहुत होशियार थी।
मधुमक्खी ने शेर से कहा कि सबसे पहले हमें चींटी के काम करने का समय सारिणी बनाना होगा । फिर उसके काम का सारा रिकार्ड अच्छी तरह रखने के लिए मुझें एक अलग से सेक्रेटरी चाहिए होगा।
शेर ने खरगोश को सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त कर दिया।
शेर को मधुमक्खी का कार्य पसंद आया । उसने कहा कि चींटी के अब तक पूरे हुए सारे कार्यों की रिपोर्ट दो और जो प्रगति हुई है उसको एक सुंदर ग्राफ बनाकर निर्देशित करो।
मधुमक्खी ने कहा ठीक है , मगर मुझे इसके लिए कंप्यूटर,लेज़र प्रिंटर और प्रोजेक्टर चाहिए होगा।
इस सबके लिए शेर ने एक कंप्यूटर डिपार्टमेंट बना दिया और बिल्ली को वहां का सर्वेसर्वा नियुक्त कर दिया ।
अब चींटी अपना काम करने के बजाय सिर्फ कागज़ी रिपोर्ट बनाने में ध्यान देने लगी , जिससे उसका काम पिछड़ता गया औऱ अंततः फैक्ट्री का प्रोडक्शन कम हो गया।
शेर ने सोचा कि कंपनी में एक तकनीकी विशेषज्ञ रखा जाए जो मधुमक्खी की सलाहों पर अपनी राय दे सके।
ऐसा सोंचकर उसने बंदर को तकनीकी विशेषज्ञ नियुक्त कर दिया।
अब चींटी को जो भी काम दिया जाता , वह उसको पूरी सामर्थ्य से करने की कोशिश करती लेकिन ऊपर से अधिक दवाब के कारण अगर काम कभी पूरा नहीं होता तो वह विवश होकर उसको अपूर्ण छोड़कर ही अपने घर चली जाती।
शेर को लगातार नुकसान होने लगा तो वह बहुत बेचैन हो उठा । कोई उपाय न देख मजबूरी में उसने उल्लू को नुकसान का कारण पता लगाने के लिए ऑडिटर नियुक्त कर दिया।
तीन महीने बाद उल्लू ने शेर को अपनी विस्तृत व बेहद गोपनीय रिपोर्ट सौंप दी जिसमें उसने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वालों की संख्या ज्यादा है औऱ कंपनी के घाटे को कम करने के लिए कर्मचारियों की तुरंत छंटनी करनी होगी।
अब आप बहुत गंभीरता से सोचिए किसको निकाला जाएगा………….????????
जाहिर सी बात है चींटी को ही निकाला जाएगा….!!
.
.
.
.
……..
शायद यही नियम औऱ विचारधारा पूरी दुनिया के हर सेक्टर में ताबड़तोड़ चल रहा है। जो लोग पूरी मेहनत ,ईमानदारी , निष्ठा व लगन से दिन रात कार्य कर रहे हैं, उन्हें मैनेजमेंट द्वारा बेवजह परेशान किया जा रहा है, लगातार सताया जा रहा है , मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है , उन्हें काम से ज़बरन निकाला जा रहा है और जो लोग मेहनत से कोसों दूर हैं औऱ सिर्फ मालिक या फिर मैनेजमेंट की चापलूसी कर रहे हैं , बड़े मज़े में हैं औऱ उनकी दिनरात तरक़्क़ी हो रही है……।
.
.
.
.
…….
तुमने चुप रह के सितम और भी ढाया मुझ पर…
तुमसे अच्छे हैं मेरे हाल पे हंसने वाले…!!