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सूखी लकड़ी, उपले आग को तेज़ करने के लिए चावल के छिलका…अरूणिमा सिंह की क़लम से
अरूणिमा सिंह ============== सुबह सुबह चार-पांच बजे ही गांवों में चिडियों की चहचाहट, गाय भैंसों के रमभाने की आवाज शुरू हो जाती है। घर के बड़े बुजुर्ग जग कर कुल्ला मंजन करके बिस्तर पर बैठ जाते हैं कि चाय बने तो मिले! छोटे बच्चे तो अपनी माँ संग ही उठ जाते हैं। माँ उनका हाथ-मुहँ […]
एक औरत के त्याग की कहानी : पगलिया
Mritunjay Pandey =========== एक औरत के त्याग की कहानी: पगलिया “ए सुनीता, देखो पगलिया बैठी है दुआर पर. कुछ बचा है तो दे दो खाने को. इसका भी ना जाने कौन जनम का कर्जा खाए हैं. दोनों बेर (वक्त) का खाना महरानी को यहीं से चाहिए. जैसे कि नौकर लगे हों इनके.“ नलके का हैंडिल […]
आख़िर क्या हुआ था रचना को ?
Surendra Kalyana Nokha =================== आखिर क्या हुआ था रचना को ? बाज़ार में इस बारे में कई लोगों ने पूछा पर रामदास ने हाथ हिला दिया और ठेले को तेजी से धकेलता हुआ आगे चला गया। ठेले पर उसकी बेटी रचना बैठी थी। उसके माथे से खून निकल रहा था। रामदास बेटी को जल्दी से […]