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तुर्किए ने पेश किया जेट इंजन से चलने वाले ड्रोन का एक नया मॉडल, क्या अब दुनिया को लड़ाकू विमानों की नहीं पड़ेगी ज़रूरत : रिपोर्ट

तुर्किए की बायरकटार टीबी 2 ड्रोन बनाने वाली कंपनी बायकर ने जेट इंजन से चलने वाले नए ड्रोन का निर्माण किया है। बायकर ने बताया कि इस नए ड्रोन ने अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, तुर्किए ने किजिलेल्मा नामक एक नए अत्याधुनिक ड्रोन को लॉन्च किया है। तुर्किए की बायकर कंपनी ने एक वीडियो जारी किया जिसमें किजिलेल्मा (गोल्डन ऐप्पल) ड्रोन को उड़ान भरते और फिर एक एयरबेस पर लौटते हुए दिखाया गया है। बताया जा रहा है कि यह परीक्षण इस्तांबुल से 85 किलोमीटर पश्चिम में उत्तर-पश्चिमी कोरलू प्रांत में किया गया है। दुनियाभर के हवाई उड़ानों पर नज़र रखने वाली कंपनी फ्लाइटराडार डेटा ने बुधवार को कॉर्लू हवाई अड्डे पर BYK07 कॉल साइन के साथ एक अज्ञात विमान दिखाया था। बायकर के चीफ़ टेक्नोलॉजी ऑफिसर सेल्कुक बायरकटार ने कहा कि किजिलेल्मा ड्रोन ने अपनी पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। यह ड्रोन तुर्किए के बाकी ड्रोन के मुक़ाबले काफ़ी तेज़ है, जो ज़्यादा मिसाइलों के साथ उड़ान भर सकता है।

जेट इंजन से लैस तुर्किए का यह नया ड्रोन बाहर से देखने में पांचवी पीढ़ी के किसी लड़ाकू विमान की तरह नज़र आता है। बायकर का कहना है कि पारंपरिक ड्रोन मिशनों के अलाावा किजिलेल्मा हवा से हवा में मार करने में भी सक्षम होगा। अभी तक ड्रोन को ऐसे ऑपरेशन के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता था। तुर्किए के बनाए सस्ते ड्रोन की पूरी दुनिया में मांग है। तुर्किए के बायरकटार टीबी 2 ड्रोन ने रूस-यूक्रेन युद्ध की तस्वीर ही बदल डाली है। यूक्रेन ने इसी ड्रोन की मदद से रूस के कई सैन्य ठिकानों, युद्धपोतों और बख्तरबंद गाड़ियों को निशाना बनाया है। इसके अलावा आर्मीनिया-आज़रबाइजान युद्ध में भी इस ड्रोन का इस्तेमाल हुआ था। इस ड्रोन ने तुर्किए की तरफ़ से लीबिया, सीरिया और इराक़ में भी अपनी क्षमता को साबित किया है। ऐसे में मलेशिया, इंडोनेशिया जैसे देश भी इस ड्रोन को ख़रीद रहे हैं। संयुक्त अरब इमारात को ऐसे 20 ड्रोन पहले ही सौंपे जा चुके हैं।