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तुर्किये के राष्ट्रपति के आधिकारिक निमंत्रण पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री दो दिवसीय यात्रा पर अंकारा पहुंचे : रिपोर्ट

तुर्किये के राष्ट्रपति के आधिकारिक निमंत्रण पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री दो दिवसीय यात्रा पर अंकारा पहुंचे।

इस्लामाबाद और अंकारा के बीच रक्षा एवं आर्थिक संबन्धों को मज़बूत करने के उद्देश्य से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ, तुर्किये की यात्रा पर गए हैं। उनकी इस यात्रा का एक लक्ष्य, तुर्की द्वारा निर्मिन एन युद्धपोत का अनावरण करना है।

पाकिस्तान और तुर्किये के संबन्ध दशकों से चले आ रहे हैं। इस वर्ष तुर्किये और पाकिस्तान के बीच कूटनयिक संबन्धों के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। 19 चरण की वार्ता के बाद दोनो देशों ने पीटीए समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। इसी समझौते के संदर्भ में अगस्त में तुर्किये और पाकिस्तान के बीच पांच अरब डालर का एक व्यापारिक समझौता भी हुआ था। सन 2021-2022 के दौरान दोनो पक्षों के बीच 883 मिलयन डाॅलर का व्यापार हुआ है।

शहबाज़ शरीफ़ को इस समय कई प्रकार के संकटों का सामना है जिनमें आर्थिक और राजनीतिक संकट सर्वोपरि हैं। पाकिस्तान में पाई जाने वाली राजनीतिक अस्थिरता ने समस्याओं को अधिक जटिल बना दिया है। शहबाज़ शरीफ की सरकार ने वर्तमान आर्थिक संकट से निकलने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण लेने की योजना बनाई है। इस संबन्ध में पाकिस्तान अपने मित्र देशों के साथ भी विचार-विमर्श कर रहा है जिसमें एक तुर्किये भी है।

तुर्किये से पाकिस्तान के संबन्धों के संदर्भ में शहबाज़ शरीफ़ कहते हैं कि जम्मू व कश्मीर के मुद्दे पर इस्लामाबाद का समर्थन करने के लिए हम तुर्किये के आभारी हैं। क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों पर दोनो देशों के दृष्टिकोण बहुत समान हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और तुर्किये के वर्तमान संबन्धों का स्तर अभी भी दोनों देशों के बीच पाए जाने वाले सहयोग को प्रतिबिंबित नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि फिलहार हमने अभी अपना ध्यान आर्थिक सहयोग पर केन्द्रित कर रखा है।

वैसे तो पाकिस्तान और तुर्किये के संबन्ध दशकों पुराने हैं किंतु सन 2017 में अमरीका के साथ इन दोनो देशों के संबन्धों में तनाव के बाद अंकारा और इस्लामाबाद के बीच सहयोग में तेज़ी से वृद्धि देखी गई। वाशिग्टन की ओर से तुर्किये और पाकिस्तान के विरुद्ध प्रतिबंधों ने इन दोनों को निकट से सहकारिता करने का अवसर प्रदान किया। इतना सबकुछ होने के बावजूद तुर्किये तथा पाकिस्तान के बीच सहयोग को कभी-कभी शंका की दृष्टि से ही देखा जाता है।

इस बारे में शोधकर्ता कुलसूम आसिफ का कहना है कि केन्द्रीय एशिया को इस समय तरह-तरह की समस्याओं का सामना है जिसमें आर्थिक संकट और आतंकवाद जैसे अभिषाप शामिल हैं। हालांकि इस समय पाकिस्तान ने आर्थिक सहयोग पर फोकर कर रखा है। कुलसूम आसिफ के अनुसार अब समय आ गया है कि पाकिस्तान एक बार अपने भीतर निगाह करे और देश को संकट से निकालने के लिए बहुत ही गंभीरता के साथ एक दीर्धकालीन योजना तैयार करे।