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दिल्ली कोर्ट ने उमर ख़ालिद और ख़ालिद सैफ़ी को 2020 दिल्ली दंगों के मामले में बेगुनाह मानते हुए बरी किया, लेकिन अभी जेल में ही रहना होगा : रिपोर्ट

दिल्ली दंगा मामले में अदालत से आरोप मुक्त उमर खालिद के पिता बोले, लड़ाई काफी मुश्किल रही

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) पूर्वोत्तर दिल्ली में 2020 के दौरान हुए दंगों के मामले में अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र उमर खालिद को आरोप मुक्त कर दिया है। इस पर उमर खालिद के पिता एस. क्यू. आर. इलयास ने कहा, ‘‘लड़ाई काफी मुश्किल रही, लेकिन न्याय पाने को लेकर हमारी सोच सकारात्मक रही।’’.

इलयास ने उम्मीद जताई कि उनका बेटा जल्द ही जेल से रिहा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उमर ने बहादुरी से अपनी लड़ाई लड़ी। यहां की एक अदालत ने खालिद के साथ ‘यूनाइटेड अगेंस्ट हेट’ के संस्थापक खालिद सैफी को दंगों से जुड़े एक मामले में आरोप मुक्त कर दिया है।

Shyam Meera Singh
@ShyamMeeraSingh
दिल्ली कोर्ट ने उमर ख़ालिद और ख़ालिद सैफी दोनों को दिल्ली दंगों के एक मामले में बेगुनाह मानते हुए डिस्चार्ज कर दिया है। हालाँकि वे अभी भी UAPA केस के कारण कस्टडी में हैं। भगवान की इच्छा रही तो एक दिन उमर और ख़ालिद दोनों बेगुनाह निकलकर अपने घर वापस लौटेंगे। सबको न्याय मिले दुआ है

News24
@news24tvchannel
#Breaking: दिल्ली दंगों में आरोपी उमर खालिद और खालिद सैफी को किया गया बरी

नई दिल्‍ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और खालिद सैफी को दिल्ली दंगों के एक मामले में बरी कर दिया है. इन दोनों को चांदबाग में पत्थरबाजी के मामले में पहले जमानत मिल चुकी थी लेकिन दूसरे मामले में ये जेल में हैं. ये दोनों दंगों की साजिश को लेकर UAPA मामले में अभी न्यायिक हिरासत में हैं. दरअसल, उस दौरान एक कांस्टेबल के बयान के आधार पर मामला दर्ज किया गया था जिसमें कहा गया था कि 24 फरवरी 2020 में चांद बाग पुलिया के पास एक बड़ी भीड़ जमा हुई थी जिसकी ओर से पत्थरबाजी की गई थी.

उस पत्थरबाजी के दौरान खालिद सैफी और उमर खालिद का नाम भी जोड़ा गया था कि दोनों के खिलाफ सीधा कोई सबूत नहीं है जिसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें इस केस में आरोप मुक्त कर दिया. फिलहाल दोनों आरोपी अभी UAPA मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.

उमर खालिद के खिलाफ दंगों की साजिश रचने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

Shahnawaz Ansari
@shanu_sab
अल्हमदुलिल्लाह!
2020 खजुरी ख़ास हिंसा मआमले में दिल्ली की एक कोर्ट ने उमर ख़ालिद और ख़ालिद सैफ़ी को बरी कर दिया है।
ज़ाहिर है जब कोई गुनाह किया ही नहीं तो पुलिस साबित कैसे करती? उन्हें बरी तो होना ही था। बावजूद इसके उनपर नाजायज़ तरीक़े से UAPA लगाकर उन्हें सालों जेल में रखा गया।

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने फ़रवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगे के एक मामले में उमर ख़ालिद और ख़ालिद सैफ़ी को बरी कर दिया है.

फ़रवरी 2020 में दिल्ली में सीएए और एनआरसी के विरोध में हो रहे आंदोलन के दौरान दंगे भड़क गए थे.

उस दौरान दिल्ली के उत्तरपूर्वी इलाक़े में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे.

मरने वालों में 40 मुसलमान और 13 हिंदू थे.

कोर्ट के मुताबिक़ दोनों के ख़िलाफ़ दंगे में शामिल होने का सीधा सबूत नहीं था लिहाजा दोनों को इस मामले में बरी कर दिया गया है.

हालांकि उमर ख़ालिद और ख़ालिद सैफ़ी अभी यूएपीए के तहत जेल में बंद हैं और अदालत के इस फ़ैसले के बावजूद वो अभी सलाखों के पीछे ही रहेंगे.

दोनों को मामले की मूल एफ़आईआर 59 में यूएपीए यानी ग़ैर-क़ानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

Mahtab Ali Journalist✍🕊️
@RaoMahtabali4

#दिल्ली कोर्ट ने #उमर_ख़ालिद और #ख़ालिद_सैफी दोनों को दिल्ली दंगों के मामले में बेगुनाह मानते हुए डिस्चार्ज कर दिया है।
हालाँकि वे अभी भी UAPA केस के कारण कस्टडी में हैं।
रब ने चाहा एक दिन उमर और ख़ालिद दोनों बेगुनाह निकलकर अपने घर वापस लौटेंगे।
सबको न्याय मिले दुआ है