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दुनिया में परमाणु हथियारों में यह वृद्धि चिंताजनक है : रिपोर्ट

नॉर्वेजियन पीपल्स एड नामक एक ग़ैर सरकारी संगठन द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सरकारों द्वारा तैनात किए जा सकने वाले परमाणु हथियारों की संख्या 2023 की शुरुआत में कुल 9 हज़ार 576 तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष 9 हज़ार 440 थी।

न्यूक्लियर वेपन्स बैन मॉनिटर रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियारबंद परमाणु शक्ति 1 लाख 35 हज़ार से अधिक हिरोशिमा बमों की सामूहिक विनाशकारी शक्ति’ के बराबर है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि हथियारों की कुल संख्या में कमी आई है, क्योंकि अमेरिका और रूस हर साल अपने कुछ पुराने हथियारों को नष्ट कर देते हैं।

नॉर्वेजियन पीपल्स एड के ग्रीथ ओस्टर्न ने चेतावनी दी है कि नए हथियारों का निर्माण जल्द ही ख़त्म किए गए पुराने हथियारों की संख्या को पीछे छोड़ सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह वृद्धि चिंताजनक है और एक प्रवृत्ति जारी है जो 2017 में शुरू हुई थी, अगर यह नहीं रुका, तो हम जल्द ही शीत युद्ध के बाद पहली बार दुनिया में परमाणु हथियारों की कुल संख्या में वृद्धि देखेंगे।

फ़ेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स में न्यूक्लियर इनफॉरमेशन प्रोजेक्ट के निदेशक और न्यूक्लियर वेपन्स बैन मॉनिटर के योगदानकर्ता हैंस एम. क्रिस्टेंसन के अनुसार, रेडी-टू-यूज हथियारों में वृद्धि के लिए कुछ पांच देश जिम्मेदार हैं।

क्रिस्टेंसन ने कहा कि रूस, चीन, भारत, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान ने 2022 में अपने हथियारों के भंडार का विस्तार करना जारी रखा, जिससे सेना द्वारा उपयोग के लिए उपलब्ध भंडारित हथियारों की कुल वैश्विक संख्या में 136 हथियारों की वृद्धि हुई।

उन्होंने रूस के करीब स्थित बेल्जियम, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड और तुर्की सहित विभिन्न देशों में अमेरिकी परमाणु हथियारों की वर्षों से मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए इस कदम को सही ठहराया।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार, अमेरिका और सोवियत संघ के बीच तनाव की चरम सीमा पर 1986 में परमाणु हथियारों की कुल संख्या 70 हज़ार के शिखर पर पहुंच गई थी.

2023 में यह संख्या घटकर 12 हज़ार 512 हो गई थी, लेकिन फिर भी यह धरती पर जीवन का सफाया करने के लिए पर्याप्त है