विशेष

देश की जनता ने अपने वोट से हमेशा लोकतंत्र को जीवित रखता है


Supriya Shrinate
================
बीते सप्ताहांत, लंदन में ब्रिज इंडिया के आइडियाज़ फॉर इंडिया सम्मेलन में भाग लिया। ‘भारत का एक प्रमुख geo-political शक्ति के रूप में विकास’ और ‘भारत में संघवाद के महत्व’ पर अपना पक्ष रखा

एक गौरवान्वित भारतीय के रूप में – मैंने जोर देकर कहा कि भारत के एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरने में सारे देश ने सालों से योगदान दिया है. दरअसल भारत ने 1947 में ही वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी थी। अंग्रेज़ी शासन के 200 साल बाद – गरीबी, पिछड़ेपन, अशिक्षा के बावजूद – हमने एक मजबूत लोकतांत्रिक राष्ट्र की नींव रखी, खुद को लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद के सिद्धांतों पर निर्मित सबसे आधुनिक संविधान दिया और स्वतंत्र विदेश नीति का पालन किया। गुट निरपेक्षता आज भी हमारी विदेश नीति का आधार बनी हुई है।

हमने बिना जाति, पंथ, रंग, लिंग, क्षेत्र, साक्षर या निरक्षर का भेदभाव किए सभी भारतीयों को एक समान वोट दिया। इससे भारत में लोकतंत्र की जड़ें और गहरी हुईं। और अब हमें उन्हीं सिद्धांतों लीमा सिर्फ़ रक्षा करनी है बल्कि उनको और बढ़ाना भी है।
साथ ही जोर देकर कहा कि हमारे लोकतंत्र में ज़रूर कुछ कमज़ोरी के क्षण दिखायी देते हैं
पर देश की जनता ने अपने वोट से हमेशा लोकतंत्र को जीवित रखता है।

यह हमारे संविधान के केवल कुछ ऊंचे विचार या स्तंभ ही नहीं हैं, ये वे गुण हैं जिनके बूते पर हमारी आर्थिक ताकत और वैश्विक शक्ति के रूप में हमारी भूमिका बनी है।
संघवाद तभी मज़बूत होगा जब राज्यों, क्षेत्रों, संस्कृतियों और भाषाओं में हमारी विविधता का सम्मान और संरक्षण होगा।

इस कांफ्रेंस जे साथ ही कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के सेंट जॉन्स कॉलेज में ‘इंडिया गोइंग फॉरवर्ड- यूथ, पॉलिसी एंड पॉलिटिक्स’ के पैनल डिस्कशन में भी हिस्सा लिया। सेंट जॉन्स कॉलेज के सबसे प्रसिद्ध पूर्व छात्रों में से एक पूर्व प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी हैं। युवा छात्र योगदान करने के लिए उत्सुक हैं – शांति और सकारात्मक बदलाव लाने की उनकी इच्छा एक अच्छे कल की उम्मीद है।
((तस्वीरें लंदन और कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी))