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द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले, चमचागिरी की भी हद्द है, कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं : उदित राज

 

 

 

Dr. Udit Raj
@Dr_Uditraj
द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है । कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं । खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएँ तो पता लगेगा।

Surya Pratap Singh IAS Rtd.
@suryapsingh_IAS
मुंबई में आज दो शब्द छाये रहे:

॰कटप्पा
॰खोखासुर

कौन?
#ShindeVsThackeray

Dilip Mandal
@Profdilipmandal

Breaking: चीफ जस्टिस ललित (SC/ST एक्ट वाले) 8 नवंबर को रिटायर होंगे। जाने से पहले 4 जज सुप्रीम कोर्ट में सेट करना चाहते हैं। 2 उनकी अपनी जाति के यानी ब्राह्मण हैं। पाँच जजों की कोलिजियम को मंज़ूरी के लिए चिट्ठी लिख दी। लेकिन 5 में 2 जजों ने विरोध कर दिया है। #Casteist_Collegium

Dilip Mandal
@Profdilipmandal
जजों की लड़ाई में बहुत मज़ा आने वाला है। पॉपकॉर्न तैयार रखिए। बस, ये आपस में कोई डील न कर लें।

 


santosh gupta
@BhootSantosh

वैसे तो नामित होना ही सम्मान की बात होती है, लेकिन अगर मोहम्मद जुबैर को शांति का नोबेल मिल गया, तो ये उस सरकार की कनपटी पर करारा तमाचा होगा… जिसने जुबैर को बेवजह जेल में रखा.!!

santosh gupta
@BhootSantosh

कई मामलों में ब्राजील भारत का मेले में बिछड़ा हुआ भाई लगता है.! अब देखिए, कि मात्र 21 करोड़ आबादी वाले ब्राजील में 7 लाख लोग कोरोना से मर गए… फिर भी प्रधानमंत्री बोलसोनारो को 31% से अधिक वोट मिले 😜

Wg Cdr Anuma Acharya (Retd)
@AnumaVidisha

ज़ुबैर और प्रतीक का नाम नोबल पुरस्कार के लिये प्रस्तावित होने की ख़बर सुनते ही भक्त मंडली विलाप में डूबी…अगर मिल गया, तो ‘रुदाली’ बनना निश्चित है.


Archana Singh
@BPPDELNP
थाईलैंड की अयोध्या से रावण की लंका की दूरी उतनी ही है जितनी रामायण में लिखी गई है राम रावण के युद्ध का इंडिया की धरती पर कोई प्रमाण मौजूद नहीं है जबकि थाईलैंड इंडोनेशिया कंबोडिया में ढेर सारे सबूत जमीन पर बिखरे पड़े हैं

नक्शे को गौर से देखने पर मादरेवतन चंपा और दलत भी दिखाई देगा

संजीव त्रिगुणायत
महादेव की नगरी काशी के रामनगर में रामलीला मेला जो की पुरानी सभ्यता को आज भी ज़िंदा रख्खे हुए है। यहाँ पूरी रामलीला को बिना साउंड सिस्टम के गाया जाता है। सारे कलाकार उसी प्राचीन भेष भूषा में रहते हैं। खास तौर पर राम और लक्ष्मण जो की पूरे एक माह तक उसी भेष भूषा में मेले में ही रहते हैं। पूरे एक माह लीला समाप्ति के उपरांत यह बच्चे घर जाते हैं। काशी नरेश यह आयोजन प्रति वर्ष करवाते हैं। लगभग 250 साल पुरानी इस परंपरा को आज भी ज़िंदा रक्खा है। राजा आज भी हाँथी पर सवार होकर ही लीला देखने जाते हैं। श्री राम लीला मंडली के रवि शंकर पांडेय जी और उनके सभी कलाकारों ने मेरा और जितेंद्र जी का माला पहनाकर स्वागत किया। महादेव की नगरी में यह सम्मान पाकर मैं धन्य हो गया। महादेव यूं ही कृपा बनाएं रख्खें। 🙏महादेव🙏

डिस्क्लेमर : लेख//twitts में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं है