उत्तर प्रदेश राज्य

नाबालिग़ से बलात्कार के आरोपी BJP विधायक सरेंडर करने पहूंचे लेकिन बगैर गिरफ्तारी के वापस लोटे

लखनऊःउन्नाव गैंगरेप के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने बुधवार देर रात लखनऊ में सरेंडर करने के लिए एसएसपी ऑफिस पर पहुंचे। एसएसपी के न मिलने पर विधायक वापस आ गए। सेंगर ने कहा कि मुझ पर बार-बार फरार होने के आरोप लगाए जा रहे थे। इसलिए मैं सरेंडर करने गया था। लेकिन एसएसपी मौजूद नहीं थे।

क्या आरोप हैं विधायक पर

कुलदीप सेंगर पर एक नाब़ालिग लड़की के साथ कथित तौर पर जून 2017 में बलात्कार करने का आरोप है. इस मामले में पिछले साल पीड़ित लड़की की एफ़आईआर पुलिस ने नहीं लिखी थी जिसके बाद लड़की के परिवार वालों ने कोर्ट का सहारा लिया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि इसके बाद से विधायक के परिजन उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

लड़की का कहना है कि न्याय के लिए वह उन्नाव पुलिस के हर अधिकारी के पास गई है, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. उनका आरोप है कि विधायक और उनके साथी पुलिस में शिकायत नहीं करने का दबाव बनाते रहे हैं और इसी क्रम में विधायक के भाई ने तीन अप्रैल को उनके पिता से मारपीट की. इसके बाद हिरासत में लड़की के पिता की मौत हो गई

उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच कर रही एसआईटी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट डीजीपी को सौंप दी। सरेंडर के लिए जाने से पहले सेंगर ने कहा कि रिपोर्ट में क्या है ये उन्हें नहीं पता। उन्हें भगोड़ा कहा जा रहा था, इसलिए ऐसा किया, मुझे किसी ने सरेंडर के लिए नहीं कहा और मुझ पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मैंने किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया है। मुझ पर रेप का आरोप लगाया है जो कि एक साजिश है। मैं ऐसा सपने में भी नहीं सोच सकता हूं।

सरेंडर के लिए जाने से पहले कुलदीप अस्पताल में भर्ती अपनी पत्नी से मिलने पहुंचे। पत्नी से मिलने के बाद सेंगर सरेंडर करने के लिए सीधे एसएसपी आवास पहुंचे।

उन्नाव कांड में योगी सरकार का बड़ा फैसला, इन अधिकारियों पर गिरी गाज

उन्नाव कांड में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उनके समर्थकों पर FIR दर्ज होगी। जिसमें सीबीआई द्वारा जांच की सिफारिश की गई। साथ ही पीड़िता के पिता के मौत की जांच भी सीबीआई को सौंपी गई है।

कार्रवाई में उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर सस्पेंड किए गए। साथ ही अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। जेल अस्पताल के भी तीन डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है जिसमें पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है।

सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह भी लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किए गए। इसके साथ ही शासन द्वारा पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मिलेगी। गौरतलब कि शासन ने एसआईटी के साथ जेल डीआईजी अौर उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी। एक साथ तीन रिपोर्ट मिलने के बाद गृह विभाग ने लिया बड़ा फैसला लिया है जिसमें उन्नाव रेप कांड की सीबीआई जांच करेगी