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पिछले दो हफ्ते में ही उत्तर कोरिया ने छह मिसाइलें दाग़ी हैं, प्योंयांग के बढ़ते साहस की क्या है वजह, जानिये!

कोरियाई प्रायद्वीप में लगातार तनाव बढ़ रहा है। उत्तर कोरिया ने हाल ही में एक मिसाइल लॉन्च किया, जो जापान के ऊपर से गई। इसके जवाब में अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने चार मिसाइल लॉन्च किया। पिछले दो हफ्ते में ही उत्तर कोरिया ने छह मिसाइलें दाग़ी हैं।

उत्तर कोरिया जहां अमेरिका की धमकियों को नज़रअंदाज़ करते हुए लगातार एक के बाद दूसरी मीज़ाइलों को परीक्षण कर रहा है। वहीं प्योंयांग की बढ़ती सैन्य शक्ति से वॉशिंग्टन और उसके सहयोगियों की चिंता बढ़ गई है। इस बीच कई अंतर्राष्ट्रीय नेता इस मिसाइल टेस्टिंग को संभावित परमाणु परीक्षण की ओर बढ़ने का संकेत मान रहे हैं। अगर उत्तर कोरिया ऐसा कुछ करता है तो य अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की विदेश नीति के सामने एक संकट की तरह उभरेगा। वहीं यहां यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि अचानक से उत्तर कोरिया ने हथियारों की टेस्टिंग क्यों बढ़ा दी है और किम जोंग से मुक़ाबला करने के लिए अमेरिका क्या कर सकता है? सबसे पहले यह जान लीजिए कि उत्तर कोरिया के हथियारों की टेस्टिंग कोई नई नहीं है। उत्तर कोरिया लंबे समय से अपनी रक्षा शक्ति को मज़बूत करने के लिए हथियारों के निर्माण में लगा है। 2017 में तनाव लगभग संकट के स्तर पर पहुंच गया था। तब उत्तर कोरिया ने 23 मिसाइल लॉन्च किए थे, जिसमें से दो मिसाइल जापान के ऊपर से गई थी। इसके साथ ही परमाणु परीक्षण भी किया था।


वर्ष 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से मुलाक़ात भी की थी। दोनों नेताओं की मुलाक़ात कोई बड़ा समझौता नहीं करा सकी, लेकिन उत्तर कोरिया ने मिसाइल टेस्ट रोकने का वादा किया और न्यूक्लियर टेस्ट साइट पर बनी कई फैसिलिटी को तबाह कर दिया। वहीं, अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और अन्य क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ अभ्यास को निलंबित कर दिया। बाद में वार्ता पूरी तरह टूट गई। विशेषज्ञ उत्तर कोरिया के मिसाइल दाग़ने के पीछे कई कारण देख रहे हैं। पहला कारण है कि उत्तर कोरिया अभी तक कोरोना महामारी में फंसा था, लेकिन अब अगस्त में किम जोंग उन ने घोषणा की है कि उत्तर कोरिया कोरोना मुक्त है। वहीं, अमेरिका में बाइडन प्रशासन दक्षिण कोरिया के साथ एकजुटता दिखा रहा है। वहीं, कई विशेषज्ञ मानते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसी दुनिया को किम जोंग एक संदेश भेज रहे हैं। पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया के मिसाइल टेस्ट के बाद अमेरिका और उसके सहयोगियों ने तुरंत अपनी सैन्य प्रतिक्रिया दिखाई, लेकिन यह किम जोंग को रोकने के लिए काफ़ी नहीं हैं। वही कुछ अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम किम जोंग उन के दिल में बसता है। इसके अलावा अब चीन और रूस उस पर नए प्रतिबंधों का विरोध करते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि किम के हथियारों की टेस्टिंग एक तीर से दो निशाने की तरह है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किम अपनी आक्रामक छवि बढ़ाने के साथ घरेलू स्तर पर भी शासन को मज़बूत करना चाहते हैं। वहीं चीन और रूस प्योंयांग का समर्थन करके अमेरिका और उसके सहयोगियों पर अधिक दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।