आयुषी यादव एक दिसंबर को अपना 22वाँ जन्मदिन मनातीं.
लेकिन ठीक 9 दिन पहले 21 नवंबर की शाम मथुरा पुलिस की देख-रेख में आयुषी का शव जलाया गया.
18 नवंबर को आयुषी का शव उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे एक सूटकेस में मिला था.
पुलिस का कहना है कि आयुषी को उनके पिता ने ही 17 नवंबर की दोपहर दो बजे घर में अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार दी थी
आयुषी अपने माता-पिता और भाई के साथ राजधानी दिल्ली में बदरपुर में रहती थीं.
मथुरा पुलिस का कहना है कि आयुषी के पिता नीतेश कुमार यादव ने ही अपनी पत्नी के साथ आयुषी का शव सूटकेस में भर कर फेंका था.
आयुषी का कमरा
आयुषी का कमरा पहले फ़्लोर पर है. इस कमरे के फ़र्श पर ख़ून के निशान हैं. ख़ून साफ़ किया गया है, लेकिन फिर भी सबूतों की शक्ल में बचा हुआ है.
ख़ून के निशान को छोड़ दें तो ऐसा लगता नहीं है कि इस कमरे में किसी को गोली मारी गई है.
कमरा पूरी तरह से व्यवस्थित है. आयुषी की किताबें क़रीने से रखी गई हैं. इन किताबों के बीच एक रिवॉल्वर की बुकलेट है.
साथ ही किताबों के बीच में एक लव डायरी है. उस डायरी का कवर उलटें तो दूसरी तरफ़ लाल स्याही से लिखा है ‘लव जज. द लाइफ़ डिज़ायनर. करन माय गॉड जी.’
इसके अलावा पूरी डायरी के पन्ने खाली हैं. एक किताब में आयुषी ने अपने माता-पिता की पासपोर्ट साइज़ तस्वीरें रखी हैं.
शीशे वाली अलमारी में कई लिपिस्टिक दिख रहे हैं. वहीं पर आयुषी का पर्स है जिसमें आधी खाई चॉकलेट बची हुई है. पर्स में कुछ नोट्स हैं. उस कमरे में आयुषी की दुनिया अब भी मौजूद है.
दीवार पर एक फ़ैमिली फ़ोटो है जिसमें अपने माता-पिता और दादा-दादी के साथ बचपन की आयुषी हैं. बिस्तर पर एक टेडी-बेयर है.
आयुषी की दुनिया इस कमरे में ही बेमौत मारी गई. उसके सपने, किताब, नोटबुक्स, पर्स और डायरियों में दफ़्न हो गए.
ख़ुद जीवनसाथी चुनने की ‘गुस्ताख़ी’
आयुषी ने बहुत साहस से हमउम्र युवक से प्यार किया था और शादी भी कर ली थी.
पुलिस का कहना है कि आयुषी को भी अंतरजातीय विवाह के कारण मौत की नींद सुला दिया गया.
नीतेश कुमार यादव के पड़ोसियों की मानें तो उन्हें भनक तक नहीं लगी कि बगल के घर में किसी की गोली मारकर हत्या की गई है.
पड़ोस की दिव्या बताती हैं, ”दिन में तो और पता नहीं चलता है. चारों तरफ़ से शोर होता रहता है. अगर ऐसी आवाज़ भी आती है तो ध्यान नहीं जाता है. लगता है कि किसी ने पटाखा फोड़ा होगा.”
आयुषी के बारे में पड़ोसियों से पूछा तो सबने यही कहा कि वह बहुत अच्छी थी. किसी से बहुत बात नहीं करती थी.
सबने बताया कि वह रोज़ शाम में पास के ही रॉयल जिम जाती थी. रॉयल जिम वालों से पूछा तो सीधा इनकार कर दिया कि वहाँ आयुषी आती थी.
आसपास के लोग आयुषी और उस परिवार से ख़ुद को किसी भी रूप में जोड़ना नहीं चाहते हैं.
नीतेश कुमार यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले हैं.
नीतेश अपनी पत्नी, बेटी आयुषी और बेटे आयुष के साथ बदरपुर के मोलड़बंद एक्सटेंशन में पिछले 25 सालों से रह रहे हैं.
इस इलाक़े में उत्तराखंड के लोग बड़ी संख्या में हैं. यहाँ समझने की कोशिश की कि लोग अंतरजातीय विवाह को लेकर क्या सोचते हैं.
जाति की शान
अयोध्या के इंद्रदेव मिश्र लोगों के घरों में पूजा-पाठ करवाते हैं. उनसे पूछा कि दूसरी जाति में शादी को वह कैसे देखते हैं?
इंद्रदेव मिश्र कहते हैं, ‘’यह गुनाह है. घोर पाप. आप इसको ऐसे देखिए कि क्या गधे और कुत्ते को आपस में शादी कर लेनी चाहिए? यह तो बेमेल होगा. हम ब्राह्मण इसलिए हैं कि हमारे पूर्वजों के अच्छे संस्कार थे. हमें अपनी जाति पर गर्व है. इस गर्व को हम अपनी संतानों के फ़ैसले से नष्ट नहीं होने देंगे. लेकिन किसी ने नष्ट करने का फ़ैसला कर लिया है तो मैं उससे ख़ुद को अलग कर लूँगा.”
“उसे कह दूँगा कि अपनी राह देख लो. मैं उसे उसकी क़िस्मत पर छोड़ दूँगा. जान लेना अनुचित है. मैं ख़ुद को यमराज नहीं बना सकता.’’
इतना कहने के बाद इंद्रदेव मिश्र ने मेरी जाति पूछी. मैंने उनसे कहा कि कोई जाति नहीं है. मिश्र ने कहा, ‘’अच्छा तो आप ईसाई हो गए हैं? हिन्दू बिना जाति के नहीं हो सकता.’’
आयुषी जहाँ जिम जाती थीं, उस इलाक़े में एक बुजुर्ग महिला एक ठेले से सब्ज़ी ख़रीदती दिखीं. उनसे बातचीत शुरू की तो उन्होंने बताया कि वह आगरा से ताल्लुक़ रखती हैं.
अंतरजातीय विवाह के बारे में उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल ग़लत है.
वह कहती हैं, ‘’दूसरी जाति में शादी से ख़ून खौलने लगता है. माँ-बाप कई बार संतान को मारने पर मजबूर हो जाते हैं. शादी जाति के भीतर ही होनी चाहिए.’’
इस इलाक़े के ज़्यादातर अभिभावकों ने कहा कि शादी जाति से बाहर नहीं होनी चाहिए.
नीतेश की एक पड़ोसी दिव्या दलित हैं. उनसे अंतरजातीय विवाह के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘’हमें तो यही बताया जाता था कि मुसलमानों से शादी नहीं करनी है, लेकिन हिन्दू तो आपस में कर ही सकते हैं. आयुषी को शादी के बाद लड़के के साथ चले जाना चाहिए था. माँ-बाप का घर छोड़ देना चाहिए था. उसने यही सबसे बड़ी ग़लती की थी.’’
आयुषी के भाई ने बताई पुलिस को सच्चाई
नीतेश के बुज़ुर्ग माता-पिता भी साथ में रहते हैं. पुलिस ने नीतेश और उनकी पत्नी बृजबाला को गिरफ़्तार कर लिया है.
मथुरा के सिटी एसपी मार्तंड सिंह ने बीबीसी से कहा कि नीतेश कुमार यादव के 17 साल के बेटे आयुष ने जाँच में मदद की और उसी ने अपने माँ-बाप के जुर्म की पूरी कहानी बता दी.
आयुषी बीसीए कर रही थीं. आयुषी का नोटबुक देखें, तो उनका ख़्वाब सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने का था.
पढ़ाई के दौरान ही राजस्थान के भरतपुर के छत्रपाल सिंह से आयुषी को प्रेम हो गया. प्यार को इस जोड़े ने शादी में बदल लिया.
प्यार बना मौत का कारण?
मथुरा पुलिस के मुताबिक़ आयुषी ने 22 साल के छत्रपाल सिंह से आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी. पुलिस को मैरिज सर्टिफ़िकेट भी मिला है.
शादी के बाद भी आयुषी अपने पिता के साथ ही रह रही थीं.
नीतेश कुमार यादव को यह बात पता चल गई कि उनकी बेटी ने अंतरजातीय विवाह कर लिया है. पुलिस के मुताबिक़ नीतेश कुमार यादव इस बात से बहुत नाराज़ रहते थे.
आयुषी और माता-पिता के बीच महीनों से तनाव चल रहा था. 17 नवंबर को आयुषी बिना घर में बताए कहीं गई थीं और घर लौटीं तो नीतेश कुमार यादव भड़क गए.
पुलिस के मुताबिक़ इसी दौरान नीतेश कुमार ने आयुषी को अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मार दी.
आयुषी की दादी
नीतेश यादव के घर में अभी केवल 70 साल की उनकी माँ हैं. माँ का नाम जामवंती है. उनसे पूछा कि आयुषी के साथ किसने क्या किया?
वह कुछ देर तक चुप रहीं और फिर कहा, ”मुझे कुछ नहीं पता. मैं तो पिछले 15 दिनों से अस्पताल में थी. अस्पताल से वापस लौटी तो घर पर पुलिस आई हुई थी. पुलिस मेरे बेटे और बहू को पकड़कर ले गई.”
नीतेश की माँ वाक़ई 15 दिनों से अस्पताल में थीं? कविता नीतेश की पड़ोसी हैं. उनसे यह सवाल पूछा तो उनका जवाब था, ”ये यहीं थी. लेकिन वह रहकर भी क्या कर लेती. बेटा तो उन्हें भी मारता था. उसका बेटा बहुत ग़ुस्सैल है. आसपास के लोगों से कम ही बात होती थी. एक बार पड़ोस में किसी से लड़ाई हुई थी तो रिवॉल्वर निकाल लिया था. बुज़ुर्ग माँ-बाप ग्राउंड फ़्लोर पर रहते हैं और आयुषी अपने माँ-बाप के साथ ऊपर रहती थी.’’
आयुषी की दादी भी इस बात से सहमति जताती हैं कि उनका बेटा ग़ुस्सैल है और उनसे भी उलझता रहता था.
जामवंती अपनी पोती आयुषी के बारे में बताती हैं, ‘’वह मुझसे बात नहीं करती थी. अपनी पढ़ाई करती थी और कमरे में चली जाती थी. पढ़ने में बहुत अच्छी थी. उसकी माँ उसे बहुत प्यार करती थी. कई बार मुझसे कुछ पैसे माँगती थी. लेकिन अब तो कुछ बचा ही नहीं.’’
बेटी से बड़ी जाति?
बदरपुर मोलड़बंद की गली नंबर 65 में नीतेश यादव के दो घर हैं. एक में ख़ुद रहते हैं और दूसरा किराए पर लगा है. किराए वाले घर में लोग आयुषी को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
नीतेश के एक पड़ोसी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘’गुर्जर कोई छोटी जाति नहीं थी. लड़की यादव थी. इसे स्वीकार कर लेना चाहिए था. नीतेश यादव को गोली मारने से पहले लड़के से मिलना चाहिए था. दोनों कम उम्र के थे. लड़के के माँ-बाप से मिलते तो चीज़ें सुलझा लेते.’’
मथुरा के सीटी एसपी मार्तंड सिंह से पूछा कि पूछताछ के दौरान क्या नीतेश कुमार यादव अफ़सोस जता रहे थे?
उन्होंने कहा, ‘’अफ़सोस तो होता ही होगा. लेकिन नीतेश मुझे इस मूड में दिखा कि जो हो गया सो हो गया और जो झेलना है झेल लेंगे.
‘समाज से ज़्यादा संग्रहालयों में सुरक्षित रहेंगी जातियाँ’
बदरपुर मोलड़बंद इलाक़े के मार्केट में सीमा एक कपड़े की दुकान चलाती हैं. वह ब्राह्मण हैं और शादी पंजाब के दलित से की है.
उनसे आयुषी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया, ‘’आयुषी इसी रास्ते से हर रोज़ जिम जाती थी. बहुत शांत दिखती थी. देखने से लगता था कि अच्छे घर की बेटी है. लेकिन मुझे नहीं पता था कि बाप इस हद तक जाएगा. मेरी माँ ने भी मेरी शादी को लेकर बहुत गालियाँ दी थीं. पापा भी नाराज़ थे. लेकिन आप किसी की जान कैसे ले सकते हैं?’’
सीमा कहती हैं, ‘’माँ-बाप ने जन्म दिया है तो इस शर्त पर नहीं दिया है कि प्रेम और विवाह का फ़ैसला वो करेंगे. ऐसे माँ-बाप को अपनी जाति की शान में बच्चा ही पैदा नहीं करना चाहिए. ये जातियाँ समाज से ज़्यादा संग्रहालयों में सुरक्षित रहेंगी.’’
आयुषी नहीं रहीं इसका असर पड़ोस की महिलाओं की आपसी बातचीत तक सीमित है.
सब कुछ सामान्य है. दिल्ली में समाचार चैनलों पर छतरपुर पहाड़ी इलाक़े के एक फ्लैट में 28 साल के आफ़ताब अमीन पूनावाला पर 27 साल की अपनी प्रेमिका श्रद्धा विकास वलकर की हत्या कर शव के कई टुकड़े कर फेंकने का आरोप छाया हुआ है.
टीवी में बताया जा रहा है कि श्रद्धा माँ-बाप की बात सुनती तो ये हश्र नहीं होता.
आयुषी के मामले में भी कई लोगों का कहना है कि वह माँ-बाप की सुनती तो ऐसा नहीं होता.
श्रद्धा और आयुषी को अपने हिस्से का प्रेम पाने में मौत मिली. प्रेमी और पिता पर क़ातिल होने का आरोप है, लेकिन माँ-बाप की बात सुनी होती वाला तर्क कमज़ोर नहीं पड़ रहा.
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रजनीश कुमार
पदनाम,बीबीसी संवाददाता
Ayushi Yadav Case : आयुषी यादव की कहानी जिनका शव सूटकेस में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मिला (BBC Hindi)
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Anit Choudhary INC
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अपनी पसंद से शादी करने पर आयुषी यादव की उसके मां बाप ने ही हत्या कर दी।
Sahil Razvi
@SahilRazvii
18 नवंबर को सूटकेस में एक लड़की आयुषी गुप्ता की लाश मिलती है। 21 साल की आयुषी यादव बिना बताए किसी के साथ घर से चली गई थी। वापस आई तो पिता नितेश यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी। लाश सूटकेस में पैक की और मथुरा में फेंक आया।
Wasiuddin Siddiqui
@WasiuddinSiddi1
बेहद दर्दनाक विभत्स ये तस्वीर दिल्ली के आयुषी यादव की है पिता नितेश यादव ने बेटी के सीने पर गोली मारी फिर सूटकेस में पैक कर फेंक दिया आयुषी की माँ और भाई ने आज उसकी पहचान की मामला ऑनर किलिंग का है कोई डिबेट नही सन्नाटा हैं क्योंकि इस खबर से नफरत नही फैलेगा !!
Shubhankar Mishra
@shubhankrmishra
·
Nov 21
उत्तर प्रदेश के मथुरा में हाईवे पर सूटकेस में मिली लड़की की पहचान हो गई है।
– ये दिल्ली के नीतेश यादव की 21 साल की बेटी आयुषी है|
– पिता ने बेटी के सीने पर गोली मारी, फिर सूटकेस में पैक कर फेंक दिया|
– बिना बताए घर से कहीं चली गई थी| इस बात से वो नाराज था| लौटने पर कत्ल किया।
Puneet Kumar Singh
@puneetsinghlive
·
Nov 21
आयुषी यादव को उसके पिता ने इसलिए गोली मार कर हत्या कर दी क्योंकि वो बिना बताए घर से किसी के साथ बाहर चली गयी थी, हत्या के बाद लाश को सूटकेस में पैक कर मथुरा में फेंक दिया था
Ayushi Yadav Case : आयुषी यादव की कहानी जिनका शव सूटकेस में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मिला (BBC Hindi)
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