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पुतिन के इस क़दम को मान्यता देने वाला उत्तर कोरिया पहला देश बना

रूस ने इस साल 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर सैन्य अभियान शुरू करने के बाद उसके दो इलाक़े को दोनेत्स्क और लुहांस्क को अलग स्टेट के तौर पर घोषणा कर दी थी. रूस ने कहा था कि दोनेत्स्क और लुहांस्क यूक्रेन से अलग स्टेट होंगे. इससे पहले मार्च में पुतिन ने यूक्रेन से क्राइमिया छीन लिया था.

अब तक पुतिन के इस क़दम को किसी ने मान्यता नहीं दी थी लेकिन उत्तर कोरिया मान्यता देने वाला पहला देश बना है.

उत्तर कोरिया ने दोनेत्स्क और लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक की संप्रभुता को मान्यता दे दी है.

उत्तर कोरिया में रूस के राजदूत अलेक्ज़ेंडर मात्सेगोरा ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि बिना किसी मक़सद के उत्तर कोरिया ने दोनेत्स्क और लुहांस्क को मान्यता दी है.

उन्होंने कहा, “क्राइमिया को रूस के हिस्से के रूप में मान्यता देने पर उत्तर कोरिया को हमसे कुछ भी नहीं मिला था. संयुक्त राष्ट्र या फिर किसी भी दूसरे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर हमारे पक्ष में वोट करने के बदले भी उन्होंने कुछ लाभ नहीं लिया. डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया (डीपीआरके) का नेतृत्व डोनबास की लड़ाई को जायज़ मानता है. वह मानता है कि कीएव प्रशासन और कुछ नहीं बल्कि वॉशिंगटन के हाथों की कठपुतली है.”

रूस की न्यूज़ एजेंसी ताश के मुताबिक़, “मात्सेगोरा ने ज़ोर देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्योंगयांग जिसे सही मानता है, उसका समर्थन करता है. कई बार ख़ुद का नुकसान करते हुए भी वह सही के साथ खड़ा रहता है.”

उन्होंने आगे कहा, “डीपीआरके दुनिया के उन कुछ चुनिंदा देशों में से है, जो पूरी तरह से स्वतंत्र विदेश-नीति का पालन करने का माद्दा रखते हैं.”

रूस और यूक्रेन के बीच फ़रवरी महीने से युद्ध छिड़ा हुआ है. यूक्रेन इस अपनी संप्रभुता पर हमला बताता है तो रूस इस युद्ध को अपनी सुरक्षा के लिए बताता है.

यूक्रेन के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पूरे लुंहास्क और दोनेत्स्क को यूक्रेन से आज़ाद बताया था.