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पुतीन और अर्दोग़ान की आगामी ईरान यात्रा ने बाइडन के दौरे को किया फीका : ख़ामनेई और रूसी राष्ट्रपति की मुलाक़ात पर टिकी दुनिया की नज़रें

रूसी व्लादिमीर पुतीन अगले मंगलवार को तेहरान की यात्रा के दौरान सीरिया संकट पर चर्चा करने के लिए अपने तुर्की के समकक्ष रजब तय्यब अरदोग़ान और ईरानी राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी से मुलाक़ात करेंगे। 24 फरवरी को यूक्रेन के ख़िलाफ़ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के ऐलान के बाद पुतीन की यह दूसरी विदेश यात्रा होगी।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, एक ओर जहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बड़े धूम-धाम से अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन समेत पश्चिमी एशिया के कुछ देशों की यात्रा पर निकले हुए हैं। साथ ही अमेरिकी और पश्चिमी मीडिया बाइडन की इस यात्रा को सफल दिखाने का हर संभव प्रयास कर रहा है वहीं एक ख़बर ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पहले से ही तय कार्यक्रम के अनुसार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान मंगलवार 19 जुलाई को तेहरान पहुंच रहे हैं जहां वे ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी के साथ बैठकर सीरिया संकट पर चर्चा करेंगे। इस बीच तेहरान में तैनात रूसी राजदूत ने यह भी एलान किया है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतीन ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई के साथ विशेष मुलाक़ात करेंगे। इन ख़बरों के सामने आते ही पूरी दुनिया की मीडिया की नज़रें पुतीन और अर्दोग़ान की तेहरान यात्रा पर टिक गई हैं। अमेरिकी, पश्चिमी और कुछ अरब मीडिया ने जहां बाइडन की यात्रा के हर पल की कवरेज का पूरा प्रोग्राम बनाया हुआ था वहीं पुतीन और अर्दोग़ान की ईरान यात्रा के समाचार ने अब मीडिया को इस बात के लिए मजबूर कर दिया है कि वह बाइडन पर कम ध्यान देकर पुतीन और अर्दग़ान की ईरान यात्रा पर 24 घंटे नज़र जमाए बैठे रहें।


पश्चिमी एशिया के दौरे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन
मिली जानकारी के मुताबिक़, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच व्लादिमीर पुतीन का ईरान दौरा काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। तेहरान यात्रा के दौरान जहां पुतीन ईरानी राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी और तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे और बैठक में सीरिया के ताज़ा हालात को लेकर चर्चा होगी, वहीं इस दौरान यूक्रेन युद्ध के कारण पैदा हुए हालात पर भी चर्चा होने की संभावना है। तुर्की और ईरान को रूस का क़रीबी माना जाता है। ईरान तो खुले तौर पर अमेरिका की साम्राज्यवादी नीतियों का विरोधी है, लेकिन तुर्की नाटो का सदस्य होते हुए रूस को लेकर नरम रूख अपनाए हुए है। इस बीच क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि तीनों देश सीरिया में शांति समझौता खोजने के लिए डिज़ाइन किए गए अस्ताना प्रासेस का हिस्सा हैं। ऐसे में इन देशों के नेता एक साथ त्रिपक्षीय बैठक कर सीरिया को लेकर बातचीत करेंगे। रूस और ईरान सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद के समर्थक देश हैं। वहीं, तुर्की फ्री सीरियन आर्मी और अन्य विद्रोही समूहों को सैन्य सहायता देता है। यह संगठन उत्तर पश्चिमी सीरिया में असद की सेना के खिलाफ लड़ रहे हैं। ऐसे में अगर तुर्की विद्रोही संगठनों से संबंध तोड़ लेता है तो सीरिया में जल्द ही शांति स्थापित हो सकती है