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पूंडरी, महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वरोज़गार के अवसर बढ़ाने हेतू दिया जा रहा है सोफ्ट टोयज़ बनाने का प्रशिक्षण : रवि जैस्ट की रिपोर्ट

Ravi Press
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–महिलाओं को और अधिक आत्मनिर्भर व स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने हेतू दिया जा रहा है सोफ्ट टोयज बनाने का प्रशिक्षण–स्वयं सहायता समुह की महिलाओं को मार्केट डिमांड के अनुसार टोयज बनाने में किया जा रहा है निपुण

पूंडरी / 25 अगस्त ( ) जिला की स्वयं सहायता समुह की महिलाओं को मार्केट डिमांड के अनुसार टॉय बनाने में निपुण करने के दृष्टिगत गांव बाकल में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से सोफ्ट टोयज बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समुह से जुड़ी महिलाओं को और अधिक आत्मनिर्भर बनाना है ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके और महिलाएं वर्तमान परिवेश की मांग के अनुसार सामान बनाकर मार्केट में उसकी आपूर्ति कर सके।

इस संदर्भ में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश राविश ने बताया कि उपायुक्त डॉ. संगीता तेतरवाल के निर्देशानुसार इस प्रशिक्षण को शुरू करवाया गया है। जब महिलाएं सोफ्ट टोयज बनाने में निपुण हो जाएगी तब स्थानीय मार्केट से भी इनका तालमेल करवाया जाएगा ताकि महिलाओं द्वारा बनाए गए सोफ्ट टोयज की खपत मार्केट में हो सके। इससे महिलाओं की आय में अपेक्षाकृत बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि आजीविका से संबंधित जिला में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसमें महिलाओं को समुहों में जोड़कर उन्हें काम सिखाकर स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला इंचार्ज मनोज कुमार ने प्रशिक्षण ले रही सभी महिलाओं को कहा कि वे सोफ्ट टोयज बनाने का तरीका रूचि अनुसार सीख लें। खिलोने बनाते समय उनकी सफाई का विशेष ध्यान रखें। साईज के अनुसार खिलोनों को बनाने की लागत व अच्छे मैटीरियल पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यदि गांव में कोई अन्य महिला इस गु्रप से जुड़ना चाहती है तो उनको भी प्रशिक्षण लेने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि गांव में 18 समुह बने हुए हैं, जिनमें करीब 186 परिवार जुड़े हुए हैं। जिला में महिलाओं को आजीविका परक कार्य करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा स्वयं समुहों का गठन हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किया जा रहा है। इस मौके पर खंड कार्यक्रम प्रबंधक श्याम लाल, मुकेश कुमार मौजूद रहे।

बॉक्स : जिला में 2927 स्वयं सहायता समुहों से जुड़ी हैं 30343 महिलाएं:-डीसी
डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिगत जिला में 2 हजार 927 स्वयं सहायता समुह बनाए गए हैं, जिसमें 30 हजार 343 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इन सभी स्वयं सहायता समुहों की महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने तथा स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि महिलाएं सामान बनाने में निपुण हों और उसे बाजार में बेच सके। महिलाओं को अगरबत्ती, कपड़े के बैग, स्कूल बैग, सिलाई, ब्यूटी पार्लर, बैंक सहायक, ऑर्गेनिक फार्मिंग, पशुपालन से संबंधित, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, आचार व मसाले बनाना, फाईल कवर, ऊनी वस्त्र आदि कार्यों में प्रशिक्षित किया गया है। विभिन्न स्थानों पर लगाने वाले गीता महोत्सव आदि जैसे अवसरों पर लगाने वाले मेलों में यह महिलाएं अपना स्टॉल लगाकर सामान की बिक्री भी करती हैं।