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प्रख्यात ग़ज़ल गायिका जनेवा रॉय के जन्म दिन के अवसर पर ”तीसरी जंग” की विशेष प्रस्तुति : !!तस्वीरें!!

बंगाल के जादू की बातें अक्सर सुनने को मिलती हैं, वहां जादू शायद हकीकत में होता है, तभी तो बंगाल के अंदर देश के दिग्गज गायक, संगीतकार, फिल्म मेकर्स, डायरेक्टर, फिल्म निर्माता, कहानीकार, कवि, साहित्यकार, इतिहासकार, अभिनेता, अभिनेत्री आदि पैदा हुए हैं, गुरु रावेन्द्र नाथ टैगोर से लेकर बिमल रॉय, ऋषिकेश मुखर्जी, सतजित रे, हेमंत कुमार, मन्ना डे, सुचित्रा सेन आदि ने भारत को बड़ी पहंचान पूरे दी है, इसी विरासत को आज के समय में बंगाल की एक खूबसूरत अभिनेत्री, ग़ज़ल गायक, फ़िल्मी गायिका जनेवा रॉय आगे बढ़ा रही हैं

बता दें कि 15 अक्टूबर को इस महान ग़ज़ल गायिका का जनम दिन भी होता है, जनेवा रॉय अभी तक कई बंगाली फिमों में अपने अभिनय की छाप छोड़ चुकी हैं, वहीँ उनके ग़ज़ल के कार्यक्रम दुनियां के अनेक देशों में आयोजित हुए हैं, तीसरी जंग देश की इस कलाकार को उनके जनम दिन की बहुत बहुत बढ़ी देता है

Janiva Roy
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Janiva’s today new Bengali song recording
Music Nabarun dasgupta
Lyrics Tanmay sardar
Music video director
Amitavo banerjee..
And duet singer Bablu maity..
Recordist – Durgesh..

দেবারতি ঘোষ: কর্মব্যস্ত জীবনে ছোটবেলার দুর্গাপূজার স্মৃতি কিছুটা উসকে দিল অভিনেত্রী এবং গজল শিল্পী জেনিভা রায়কে।ছোটবেলায় জেনিভার পুজো ছিল একদম অন্য রকম।নতুন পোশাক পরে প্যান্ডেল হোপিং,অঞ্জলি দেওয়া,জমিয়ে ভুরিভোজ করা,পরিবারের সঙ্গে সময় কাটানো, বন্ধুদের সঙ্গে আড্ডা দেওয়া এই সব এখন খুবই মিস করেন তিনি।কারণ এখন জেনিভা পুজো মণ্ডপে গেলেও শুধুমাত্র প্রতিমা দর্শন করে ফিরে আসেননা।তাঁর পুজো কাটে একদম অন্য রকম ভাবে।অনেক দায়িত্ব থাকে তার কাঁধে।পুজো মণ্ডবে তিনি এখন আমন্ত্রণ পান,অতিথি হিসেবে উদ্বোধনের জন্য।অথবা পুজো পরিক্রমায় বিচারকের ভূমিকা পালন করে শ্রেষ্ঠ মণ্ডপ বিচার করে পুরস্কার উদ্যোক্তাদের হাতে তুলে দেওয়ার জন্য।অন্যান্য বছরের মত জেনিভা এবার গিয়েছিলেন জাভেদ খানের আমন্ত্রণে ট্যাংরা,তপসিয়া অঞ্চলে পুজো উদ্বোধন করতে এবং বিচারকের ভূমিকা পালন করতে।তখনই কথায় কথায় উঠে এসেছে তাঁর ফেলে আসা স্মৃতি।

देबरती घोष: बचपन की दुर्गा पूजा की यादें अभिनेत्री और ग़ज़ल कलाकार जिनेवा रॉय को दी गई थीं। बचपन में जिनेवा पूजा बिल्कुल अलग थी। वह अपने नए कपड़ों में पंडाल में हॉप करना, श्रद्धांजलि देना, बाहर खाना खाना, परिवार के साथ समय बिताना, दोस्तों के साथ बातचीत करना याद करता है। क्योंकि अब जिनेवा पूजा मंडप केवल मूर्ति दर्शन करने के बाद वापस नहीं आता। इनकी पूजा बिलकुल अलग तरीके से काटी जाती है। उसके कंधों पर जिम्मेदारियां बहुत है। अब वह पूजा मंडप में अतिथि के रूप में उद्घाटन के लिए आमंत्रित है। या पूजा सर्किल में जज की भूमिका निभाते हुए सर्वश्रेष्ठ मंडप को जज करने के लिए उद्यमियों को अवार्ड सौंपने के लिए। अन्य वर्षों की तरह, जिनेवा इस बार जावेद खान के निमंत्रण पर तंगरा, तापसिया क्षेत्र में पूजा का उद्घाटन करने और जज की भूमिका निभाने गए। जब हर शब्द में उसकी यादें आती हैं।