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प्रधानमंत्री कार्यकाल में सातवीं बार मस्जिद पहुँचे नरेंद्र मोदी-जानिए कहाँ कहाँ किस मस्जिद में गए हैं

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर के दाऊदी बोहरा समुदाय की मस्जिद में पहुंचे और वहां जाकर उन्होंने अशरा मुबारक में शिरकत करी और इमाम हुसैन की शान में जमकर तारीफ करी और इमाम हुसैन की शहादत को अमन और इंसाफ के लिये देना बताया है।

नरेंद्र मोदी अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में सातवीं बार किसी मस्जिद या मजार पर गए हैं। यहां भी एक बात खास रही कि उन्होंने गोल टोपी नहीं पहनी। इनके साथ मौजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नहीं पहनी। इससे पहले गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने एक इमाम साहब की दी हुई टोपी को ठुकरा दिया था। यह घटना भी कैमरे में कैद हो गई थी। इसके बाद काफी बहस चली और काफी खबरें उठी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने गोल टोपी किसी भी कार्यक्रम में नहीं पहनी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इंदौर में बोहरा समाज के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दाउदी बोहरा समाज के धर्मगुरू ने शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। लेकिन, खास बात यह रही कि उनको टोपी नहीं पहनाई गई।

टोपी पहनने और न पहनने को लेकर कई बार राजनेता विवादों में आते रहते हैं। इससे पहले, मोदी की तर्ज पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गोल टोपी ठुकरा चुके हैं। जबकि मोदी कई राज्यों और देश की परंपरागत वेषभूषा पहन चुके हैं। कई प्रदेशों की पारंपरिक टोपी भी पहन चुके हैं।

भोपाल में 8 अगस्त 2013 को ईद के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ईदगाह पहुंचे थे और उन्होंने मुस्लिम समुदाय को ईद की बधाई दी थी। इस दौरान में मुस्लिम समुदाय की टोपी पहने थे। इस दौरान उनकी कई लोगों ने सराहना की थी, वहीं कुछ लोगों ने आलोचना भी की थी। इसके दो दिन पहले भी चौहान ने अपने निवास पर रोजा इफ्तार कार्यक्रम में भी टोपी पहनी थी। इस कार्यक्रम में मौजूद फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने शिवराज सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा था कि टोपी पहनने से किसी का धर्म नहीं बदल जाता। दूसरे मुख्यमंत्रियों को भी शिवराज सिंह से प्रेरणा लेना चाहिए।

-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अपने धर्मनिरपेक्ष छवि बनाने के लिए कई बार मुस्लिम टोपी पहन चुके हैं। उन्हें कभी ऐतराज नहीं रहा। भोपाल में आयोजित इफ्तार कार्यक्रम या ईद के मौके पर मुस्लिम समाज की ओर से पहनाई गई टोपी को ग्रहण कर चुके हैं। इसके अलावा शिवराज सिंह एक बार उस समय ट्रोल हो गए थे, जब एक बच्चे ने उन्हें मुस्लिम टोपी भेंट की तो उन्होंने वो टोपी पहनने की बजाय उसी बच्चे को दोबारा पहना दी थी। इसके बाद वे जमकर ट्रोल हुए थे। उन पर गोल टोपी ठुकराने का आरोप भी लगा था।

छोटे मोदी ने भी नहीं पहनी थी टोपी
बिहार के गया जिले में एक चुनावी सभा के दौरान भाजपा नेता सुशील मोदी ने भी मोदी की तर्ज पर टोपी पहनने से इनकार कर दिया था। मोदी 10अक्टूबर 2015 को टिकारी के चिल्ड्रन पार्क में चुनावी सभा करने पहुंचे थे। जदयू से हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) में शामिल हुईं शकीला बानो ने सुशील मोदी का स्वागत टोपी पहनाकर करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया। ऐसे ही अहमदाबाद में 2011 में सद्भावना उपवास के दौरान मोदी का टोपी पहनने से इनकार कर देने पर यह विवाद सुर्खियों में आ गया था। गौरतलब है कि इससे पहले सुशील मोदी इफ्तार पार्टियों में कई बार मुस्लिम टोपी पहन चुके हैं। हालांकि बाद में उन्होंने कहां था कि उन्होने कभी इनकार नहीं किया।