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फ़ाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फ़ोर्स ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाया, हर साल 10 अरब डॉलर का हो रहा था नुक़सान : रिपोर्ट

फ़ाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे लिस्ट से हटा दिया है, जिससे पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट में शामिल होने का ख़तरा भी टल गया है।

मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग की रोकथाम के अंतरराष्ट्रीय संगठन एफ़एटीएफ़ की ग्रे लिस्ट में शामिल होने के कारण पाकिस्तान को हर साल लगभग 10 अरब डॉलर से ज़्यादा का नुक़सान हो रहा था।

ग्रे लिस्ट में वे देश शामिल होते हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी गुटों को मिलने वाली आर्थिक मदद पर अंकुश लगाने में कोताही बरतते हैं।

ग्रे लिस्ट में होने के कारण पाकिस्तान को आईएमएफ़, वर्ल्ड बैंक और एशिया डेवलपमेंट बैंक से मदद लेने में मुश्किल आ रही थी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने एफ़एटीएफ़ के इस फ़ैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि मैं देश के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा और उनकी टीम के साथ ही सभी राजनीतिक दलों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने एकजुट होकर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने का प्रयास किया।

इस बीच, पाकिस्तान के पड़ोसी देश भारत ने एफ़एटीएफ़ के इस फ़ैसले पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। हालांकि भारत ने हमेशा पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने का प्रयास किया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग़ची का कहना थआ कि हम समझते हैं कि पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के ख़िलाफ़ काउंटर टेरर फ़ंडिंग पर एशिया-प्रशांत ग्रुप के साथ काम करता रहेगा।