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फ़िलिस्तीनी क़ैदियों से एकजुटता जताने के लिए 20 देशों की बैठक मलेशिया में शुरू, इस्राईली जेलों के हालात की तस्वीरकशी!

फ़िलिस्तीनी क़ैदियों से एकजुटता जताने के लिए 20 देशों की बैठक मलेशिया में शुरू हो गई है। यह बैठक मलेशिया के नगरी समबीलान प्रांत में हो रही है जो तीन दिन चलेगी।

बैठक की जगह पर इस्राईली जेलों की डमी बनाई गई है जहां यह दिखाया गया है कि इस्राईली जेलों में बंद फ़िलिस्तीनी क़ैदियों को किस प्रकार के हालात से गुज़रना पड़ता है।

इस बैठक में 20 देशों के 500 से अधिक प्रतिनिधि उन फ़िलिस्तीनी क़ैदियों के निमंत्रण पर पहुंच रहे हैं जो इस्राईली जेलों से आज़ाद हुए हैं।

बैठक मौक़े पर 20 देशों के प्रतिनिधियों और मीडिया को यह समझाया जाएगा कि इस्राईल ने किस प्रकार ग़ैर क़ानूनी जेलें बना रखी हैं और उनमें फ़िलिस्तीनियों को अमानवीय रूप से रखता है।

राना शूएर नाम की फ़िलिस्तीनी महिला ने जो ग़ज़्ज़ा की रहने वाली हैं पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ग़ज़्ज़ा पट्टी का इलाक़ा दुनिया की सबसे बड़ी खुली जेल है इस्राईल ने जेलों के अलावा ग़ज़्ज़ा पट्टी के पूरे इलाक़े का परिवेष्टन करके इसे खुली जेल में बदल दिया है।

इस्राईली जेल से छूटने वाली एक अन्य महिला क़ैदी समर असबह ने बताया कि जब उन्हें ज़ायोनी सैनिकों ने गिरफ़तार किया तो वे गर्भवती थीं, उन्हें काल कोठरी में रखा गया जिसके नतीजे में समय से पहले बच्चे की पैदाइश हो गई और बेहद कठिन हालात में उन्होंने जेल के भीतर अपने बच्चे की देखभाल की।

उन्होंने बताया कि वे जब जेल से बाहर आईं तो उनके बच्चे की उम्र तीन साल हो चुकी थी और वो बहुत बीमार थीं।

मलेशिया के कृषि मंत्री मुहम्मद सबू ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारी सरकार फ़िलिस्तीनियों की मदद के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि मलेशिया ने हमेशा फ़िलिस्तीनियों का समर्थन किया और उनके क़ानूनी अधिकारों का मुद्दा उठाया है।