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बकरीद से पहले सरकार ने भेड़-बकरियों पर लगाया बैन-करोड़ों का नुक़सान-मच गया बवाल

नई दिल्ली:ईद उल अज़हा में दस दिन बाकी रह गए हैं,जिस दिन मुसलमान अल्लाह के लिये पैग़म्बर हज़रत इब्राहीम की याद में जानवर क़ुरबान करते हैं,जो मेहबूब सुन्नत है,जो अल्लाह को बहुत ज़्यादा मेहबूब है।

बकरीद के पहले सरकार ने देश के सभी सी पोर्ट्स से बकरियों और भेड़ों के निर्यात पर रोक लगा दी है. केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय के इस फैसले से निर्यातकों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है।

बताया जा रहा है कि 22 अगस्त को बकरीद से पहले मिडल-ईस्ट के देशों में तकरीबन 2 लाख बकरियां और भेड़ें भेजी जानी थीं, लेकिन अचानक मंत्रालय के इस फैसले से निर्यातकों को करोड़ों का नुकसान हो गया है।

इस बारे में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडाविया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कई संस्थाएं और लोग यह मांग कर रहे थे कि भेड़-बकरियों को देश के बाहर भेजे जाने से रोका जाए क्योंकि भारत से मिडिल ईस्ट वो क़त्लखाने में भेजी जा रही हैं।

वहीं, पशु निर्यातकों का कहना है कि जहाज मालिकों ने यात्रा की विशेष अनुमति मांगी थी. जिसे उस वक्त मंत्रालयों ने मान लिया था. अनुमति मिलने के बाद विदेशी ग्राहकों से पशु निर्यातकों ने अडवांस पेमेंट भी लिया, लेकिन अब फैसला बदल जाने से करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान और दूसरे राज्यों से गुजरात के टूना बंदरगाह पशु भी लाए गए थे, जिन्हें दुबई, मस्कट, यमन और ओमान भेजा जाने वाला था. लेकिन सरकार के बैन के बाद उन्हें बंदरगाह पर ही रोक दिया गया।

सरकार का यह फैसला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि एनडीए सरकार में जब मवेशियों का निर्यात बढ़ा है उसी वक्त सरकार ने इसे अचानक बंद करने का फैसला ले लिया।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मवेशियों का एक्सपोर्ट 2013-14 में 69.30 करोड़ रुपये था, जो 2016-17 तक 527.40 करोड़ रुपये हो गया. जबकि 2017-18 में यह गिरकर 411.02 करोड़ रुपये हो गया है।