देश

बजट-2023 : टैक्स छूट की सीमा 7 लाख की गयी, रोज़गार के लिए कोई योजना नहीं, मनरेगा में कटौती : जानें बजट में क्या महंगा-क्या सस्ता : रिपोर्ट एंड वीडियो

 

भारत के वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आखिरी बार इस सरकार का पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि अबसे नई कर व्यवस्था लागू की जायेगी जिसमें आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी गई है।

मौजूदा व्यवस्था में पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर नागरिक कोई आयकर नहीं देते हैं।

सीतारमण पांचवी बार बजट पेश कर रही थीं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही आयकर स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच की गई जिसमें तीन से छह लाख रुपये पर 5 प्रतिशत और छह से नौ लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, नौ लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत और 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर देना होगा।

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि अब आयकर भरने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा जिसके लिए नेक्स्ट जेनरेशन टैक्स फॉर्म जारी किया जाएगा।

सीतारमण ने बताया कि नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट होगी लेकिन नागरिक अगर चाहें तो पुरानी प्रणाली इस्तेमाल कर सकते हैं।

मंत्री ने बताया कि बजट में अधिक आय वाले करदाताओं को राहत भी दी गई है जहां अधिकतम सरचार्ज रेट 37 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे कर की दर में तीन प्रतिशत का असर पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि आम बजट से एक दिन पहले मंगलवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी जो चालू वर्ष के लिए अनुमानित 7 प्रतिशत से कम है, क्योंकि वैश्विक मंदी से निर्यात को नुकसान होने की संभावना है।

अब एक साल तक फ्री मिलता रहेगा राशन

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने बुधवार को लोकसभा में साल 2023-24 का बजट पेश किया। इसमें मध्यम वर्ग, किसानों और गरीबों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की गईं हैं। आम बजट में सबसे बड़ी राहत गरीबों को मिली है। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए आगे बढ़ाने का एलान किया। यानी अब एक साल तक जरूरतमंद लोगों को निशुल्क राशन मिलता रहेगा। इससे बरेली मंडल में 22.79 लाख कार्डधारकों के परिवार लाभान्वित होंगे।

वर्ष 2020 में शुरू हुई थी यह योजना
दरअसल, किसी को भूखा न सोना पड़े, इसको ध्यान में रखते हुए 2020 में कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत गरीबों या जरूरतमंदों को पांच किलो मुफ्त राशन देने का प्रावधान है। सरकार इस योजना को सितंबर, 2022 को बंद करने वाली थी। हालांकि बाद में इसे बढ़ा दिया गया। इस बजट में वित्त मंत्री ने गरीब कल्याण अन्न योजना को एक साल के लिए और बढ़ाने का एलान किया है।

कार्डधारकों को अब बाजरा भी मिलेगा
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह के मुताबिक बरेली जिले में 7.88 लाख पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्डधारक हैं। इन सभी कार्डधारकों को गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत हर महीने पांच किलो अनाज का निशुल्क वितरण किया जाता है। जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि अब तक गेहूं और चावल का वितरण किया जाता है। अब बाजरा भी आ गया है। कार्डधारकों को तय मात्रा में बाजरा भी उपलब्ध कराया जाएगा। बजट घोषणा के अनुसार एक साल तक पात्र परिवार लाभान्वित होंगे।

पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं में इतने हैं कार्डधारक
शाहजहांपुर जिले में प्रधानमंत्री गरीब खाद्यान्न योजना के तहत 5.73 लाख पात्र गृहस्थी परिवारों को केंद्र सरकार के बजट प्रावधान के तहत वर्ष के अंत तक मुफ्त खाद्यान्न मिलता रहेगा। वहीं पीलीभीत जिले में 3.76 लाख से अधिक राशनकार्ड धारक हैं। इनमें 36658 अंत्योदय कार्डधारक हैं। बदायूं जिले में अंत्योदय कार्ड धारक 45221 और पात्र गृहस्थी कार्ड धारक 497000 हैं। इन सभी कार्डधारकों को एक साल तक हर महीने पांच किलो निशुल्क राशन मिलता रहेगा।

INC TV
@INC_Television
“खोखला, आधारहीन व दृष्टिविहीन बजट !

मोदी सरकार के आख़िरी पूर्ण #बजट2023 में “झूठ के क़िले” का तिलिस्म धराशाही हो गया।”
@rssurjewala

BBC News Hindi
@BBCHindi
केंद्रीय बजट 2023-24 के लिए की गई घोषणाओं को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दिखावे की घोषणाएं बताया है

Netta D’Souza
@dnetta
शर्म की बात है की महिला वित्तमंत्री ने #Budget पेश किया लेकिन #Budget2023 में महिलाओं का ज़िक्र नाम मात्र है।

महिला सुरक्षा, सशक्तिकरण की बात करने वालों ने महिलाओं को केवल ‘महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट’ का जुमला दिया है।
#AmritKaal में महिलाओं को कब मिलेगा न्याय?

#बजट2023

Surya Pratap Singh IAS Rtd.
@suryapsingh_IAS

गरीब मजदूर की रोजगार स्कीम मनरेगा (#MNREGA) का हलवा बना:-
#मनरेगा का बजट 73000 करोड़ से घटकर 60,000 करोड़ हुआ।

शिक्षा, स्वास्थ्य में कटौती:-
शिक्षा:
2.64% से घटकर 2.51%
स्वास्थ्य:
2.20% से घटकर 1.98%

टैक्स लाभ: ऊंट के मुंह में जीरा
बाकी: कोई अभिनव प्रयास नहीं।
#बजट2023

 

Vijay Shanker Singh IPS Rtd
@vssnathupur
#बजट2023
– MNREGA बजट 73000 cr से घट कर 60,000 cr हुआ
– PM कृषि सिंचाई योजना – 12954 cr से घट कर 10787 cr हुआ
– National Education Mission 39553 cr से घटकर 38953 cr हुआ
– National health mission 37160 cr से घट कर 36785 cr हुआ।

Vijay Shanker Singh IPS Rtd
@vssnathupur

#बजट2023
Guarantee emergency credit line scheme to MSME-
2022-23: 15000 cr से घट कर
14100 cr हुई
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना – Scheme for the new AIIMS and Medical colleges
Budget 2022-23 – 10,000cr
Budget 2023-24 – 3,365 cr
~
@sanket
Upadhye NDTV tweet

 

जानें बजट में क्या महंगा-क्या सस्ता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को मोदी सरकार का नौवां बजट पेश किया। इसमें उन्होंने कई बड़ी योजनाओं का एलान किया, वहीं कई तरह के पुराने शुल्कों को हटाने का भी एलान किया। एलान के मुताबिक, अब सरकार सिगरेट पर आकास्मिकता शुल्क को बढ़ाएगी। इसे फिलहाल 16 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि प्रयोगशालाओं में निर्मित हीरों को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी, जिससे इनकी कीमतों में भी गिरावट आएगी।

क्या महंगा?
सिगरेट पर आकास्मिकता शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया।
ब्लेंडेड सीएनजी पर जीएसटी हटेगा, कीमतों में आएगी कमी
कंपाउंडेड रबड़ पर बेसिक इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी की गई। महंगा होगा।
सोने के बार से बने आभूषणों पर कस्टम ड्यूटी में इजाफा
किचन में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रॉनिक चिमनी पर कस्टम ड्यूटी 7.5% से बढ़ाकर 15% की गई।

क्या सस्ता?
प्रयोगशालाओं में निर्मित हीरों को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्क में छूट।
मोबाइल पुर्जों और कैमरा लेंसों के आयात शुल्क में छूट का प्रावधान। हरित मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए आयात सीमा शुल्क में छूट।

Budget 2023: कानपुर के उद्यमी बोले- एमएसएमई के लिए 9000 करोड़ का बजट ऊंट के मुंह में जीरा जैसा

उद्यमियों ने बजट में एमएसएमई के लिए ऊंट के मुंह में जीरा देना बताया। कोपे इस्टेट के चेयरमैन विजय कपूर ने कहा कि एमएसएमई को 9000 करोड़ का पैकेज साथ ही दो लाख करोड़ तक का कर्ज देने की बात कही गई है। जबकि हमें 200000 करोड़ का पैकेज चाहिए था।

कानपुर में दादा नगर स्थित कोपे इस्टेट में बजट को लाइव देखा गया। बड़ी स्क्रीन पर चल रहे लाइव प्रसारण को कुर्सियों में बैठकर उद्यमियों ने चाय की चुस्कियां और पकौड़ी खाते हुए समझा। हाथ में डायरी और पेन लिए उद्यमियों ने मुख्य मुख्य बिंदुओं को नोट भी किया। बजट खत्म होने के बाद कुछ उद्यमियों ने बजट को सराह।

वहीं कुछ ने बजट में एमएसएमई के लिए ऊंट के मुंह में जीरा देना बताया। कोपे इस्टेट के चेयरमैन विजय कपूर ने कहा कि एमएसएमई को 9000 करोड़ का पैकेज साथ ही दो लाख करोड़ तक का कर्ज देने की बात कही गई है। जबकि हमें 200000 करोड़ का पैकेज चाहिए था। हालांकि ई व्हीकल को सस्ता करने और बजट में आयकर दाताओं को दी गई छूट की सराहना की।
एमएसएमई को बहुत कम बजट दिया गया है। एमएसएमई को 9000 करोड़ का पैकेज दिया गया है। यदि यह बजट बढ़ाकर 200000 करोड़ कर दिया जाए तो ज्यादा रोजगार सृजन हो सकेंगे। एमएसएमई को ऊंट के मुंह में जीरा मिला है।
– कोपे इस्टेट के चेयरमैन विजय कपूर

एमएसएमई को बजट कम मिला है। बाकी बजट की सभी चीजें अच्छी हैं। ई व्हीकल को सस्ता करना अच्छा फैसला है।
– अनिल कुमार मेहरोत्रा, अध्यक्ष कानपुर बैटरी एंड लेड एसोसिएशन

बजट में टेक्स में छूट दी गई है। एमएसएमई को बजट कम मिला है। बाकी इस बजट का सभी को स्वागत करना चाहिए। -श्याम मूलचंदानी, होटल कारोबारी

आम बजट 2023 से ऑटोमोबाइल सेक्टर को कितनी मिलेगी रफ्तार

मोदी सरकार की ओर से आम बजट 2023 को पेश कर दिया गया है। बजट में ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए क्या घोषणाएं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से की गईं। हम इसकी जानकारी आपको इस खबर में दे रहे हैं।

सरकार का फोकस प्रदूषण कम करने पर है। इसी क्रम में बजट 2023 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देगी। ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देते हुए सरकार ने हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 2030 तक 5 एमएमटी का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य रखा है।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग के लिए बजट में र्प्याप्त निधि का प्रावधान होगा। हालांकि इस दौरान उनकी जुबान भी फिसल गई जिसका विपक्ष ने विरोध किया। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री की जुबान फिसली और उन्होंने पुराने वाहन बदलने की जगह राजनीति पर बोल दिया। इस पर संसद में विपक्ष की तरफ से काफी नारेबाजी भी हुई। दरअसल, वित्त मंत्री पुराने वाहनों की नीति को लेकर सरकार की योजना बता रही थीं। इसी दौरान उन्होंने एक वाक्य- ‘रिप्लेसिंग द ओल्ड व्हीकल’ (पुराने वाहनों को हटाना) की जगह ‘रिप्लेसिंग द ओल्ड पॉलिटिकल’ यानी (पुरानी राजनीति को हटाना) बोल दिया। बोलते ही उन्हें गलती समझ आ गई और मुस्कुराते हुए उन्होंने अपने बयान को सही किया।

बजट सत्र के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों और लीथियम ऑयन बैटरी के दाम कम करेगी। सरकार की ओर से की गई इस घोषणा का सीधा असर इलेक्ट्रिक वाहनों और लीथियम ऑयन बैटरी को खरीदने वालों की जेब पर होगा। वित्त मंत्री की घोषणा के बाद अब इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदना सस्ता हो जाएगा।

कृषि क्षेत्र के लिए क्या-क्या घोषणाएं हुईं?

1. 20 लाख क्रेडिट कार्ड : केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए ऋण का दायरा बढ़ा दिया है। इस साल 20 लाख करोड़ तक किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए ऋण बांटने का लक्ष्य रखा गया है। इससे लाखों किसानों को फायदा होगा।

2. किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर : किसानों के लिए अब किसान डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। यहां किसानों के लिए उनकी जरूरत से जुड़ी सारी जानकारी उपलब्ध होगी।

3. एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा : केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू करवाने पर फोकस किया है। कृषि स्टार्टअप के लिए डिजिटल एक्सीलेटर फंड बनेगा जिसे कृषि निधि का नाम दिया गया है। इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की तरफ से मदद दी जाएगी।

4. मोटे अनाज को बढ़ावा : सरकार ने इस बार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अलग से योजना की शुरुआत की है। इसे श्री अन्न योजना नाम दिया गया है। इसके जरिए देशभर में मोटे अनाज के उत्पादन और उसकी खपत को बढ़ावा दिया जाएगा।

5. बागवानी के लिए क्या? : सरकार ने इस बार बजट में बागवानी की उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है। इसके जरिए बागवानी को बढ़ावा देने का फैसला लिया गया है।

6. मछली पालन को भी मिलेगा बढ़ावा : केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है। इसके जरिए मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देना है।

7. सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना : 2,516 करोड़ रुपये के निवेश से 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है; इनके लिए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, इसके साथ बड़े पैमाने पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी, इससे किसानों को अपनी उपज को स्टोर करने और अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सरकार अगले 5 वर्षों में वंचित गांवों में बड़ी संख्या में सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करेगी।

8. प्राकृतिक खेती के लिए सरकार द्वारा मदद: सरकार, अगले 3 वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद मुहैया कराएगी। देश में 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

न्यूनतम समर्थन मूल्य\
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा एलान किया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी का पैसा सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। इससे पहले एमएसपी का पैसा किसानों तक मंडियों और आढ़तियों के जरिए पहुंचता था। सरकार का दावा था कि इस फैसले से भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगी। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। पिछले साल मध्य नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार खरीफ विपणन सत्र 2022-23 (खरीफ फसल) के लिए 231 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। इसकी तुलना में पिछले वर्ष की इसी अवधि में लगभग 228 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी गई थी। सरकार की मानें तो खरीद से लगभग 47,644 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान के साथ 13.50 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।

वहीं, एमएसपी में वृद्धि की बात करें तो अक्टूबर 2022 में कैबिनेट ने विपणन सीजन 2023-24 के लिए सभी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को स्वीकृति दी थी। इसमें रबी फसलों के विपणन सीजन 2023-24 के लिए एमएसपी में वृद्धि की गई थी। मसूर के लिए 500/- रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद सफेद सरसों व सरसों के लिए 400/- रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी में पूर्ण रूप से उच्चतम वृद्धि को मंजूरी दी गई थी। कुसुंभ के लिए 209/- रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई थी। गेहूं, चना और जौ के लिए क्रमशः 110 रुपये प्रति क्विंटल और 100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी गई थी।

भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण
2022-23 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि सरकार ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने का काम करेगी। कहा गया था कि सरकार के इस फैसले से जैविक खेती करने वाले किसानों को काफी लाभ मिलेगा। बजट 2022 में इस बात का एलान किया गया था कि किसानों के खेतों की जमीन का डिजिटलीकरण भी होगा।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भूमि संसाधन विभाग (डीओएलआर) द्वारा 2022 में जारी एक आंकड़े के अनुसार देश के 94 फीसदी से अधिक गांवों में भूमि अभिलेखों का कम्प्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। अपने सालाना विवरण में विभाग ने बताया था कि 27 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में पंजीकरण का कम्प्यूटरीकरण का कार्य 93 फीसदी से अधिक पूरा हो गया है। इसके अलावा 20 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में भूमि अभिलेखों के साथ उप-पंजीयक कार्यालयों (एसआरओ) के एकीकरण का कार्य 75 फीसदी से अधिक पूरा कर लिया गया है। 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 70 फीसदी से अधिक भू-कर संबंधी मानचित्रों का डिजिटलीकरण किया गया है।

इसके अलावा सरकार ने राज्य सरकार के साथ मिलकर उन किसानों की मदद करने का एलान किया था, जो फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म की खेती करते हैं। इसके अलावा किसानों को डिजिटल सर्विस के अंतर्गत खाद, बीज, दवाई, दस्तावेज आदि से संबंधित सेवाएं मुहैया कराए जाने की घोषणा की थी।

केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट
केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के लिए 1400 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की थी। इस परियोजना का उद्देश्य 62 लाख लोगों के लिए पेयजल मुहैया कराना, 9.1 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि की सिंचाई और 103 मेगावाट विद्युत का उत्पादन करना है। सरकार के मुताबिक, इस परियोजना से न केवल किसानों बल्कि कई लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिलेगा। इसकी मदद से झांसी, महोबा, ललितपुर एवं बांदा के करीब 20 लाख किसानों को फायदा मिलेगा।

इसी माह 18 जनवरी को केन-बेतवा लिंक परियोजना की संचालन समिति की तीसरी बैठक नई दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई थी। इस दौरान मध्यप्रदेश के नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और उत्तरप्रदेश के रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य को राज्य सरकारों ने प्रॉजेक्ट टाइगर के अंतर्गत लाने की अनुमति दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिलों की लगभग 5480 हेक्टेयर गैर-वन सरकारी जमीन को हस्तांतरित करने के आदेश दिये जा चुके हैं। यह हस्तांतरण पीटीआर को किया गया है, ताकि वहां वनीकरण किया जाये। पुनर्वास और पुनर्स्थापन योजना के पारदर्शी और समय पर पूरा करने की देखरेख करने के लिये पुनर्वास व पुनर्स्थापन समिति के गठन के प्रस्ताव को बैठक के दौरान अंतिम रूप दिया गया। परियोजना के भू-भाग प्रबंधन योजना (एलएमपी) और पर्यावरण प्रबंधन योजना (ईएमपी) के क्रियान्वयन के लिये एक वृहद पन्ना भू-भाग परिषद का भी गठन किया जा रहा है।