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बजरंग बली का पैंतरा कर्नाटक में भाजपा के काम नहीं आया इसलिए अब वह औरंगज़ेब को क़ब्र से बाहर ला रही है : शिवसेना

महाराष्ट्र में इन दिनों राजनीति जोरों पर है, पिछले दिनों औरंगजेब और टीपू सुल्तान को लेकर हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा। वहीं सामना मुखपत्र के माध्यम से शिवसेना (यूबीटी) ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि बजरंग बली का पैंतरा कर्नाटक में विधानसभा चुनाव में भाजपा के काम नहीं आया इसलिए अब वह मुगल बादशाह औरंगजेब को कब्र से बाहर ला रही है।

औरंगजेब महाराष्ट्र में नया राजनीतिक हथियार बन गया है
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि औरंगजेब की मृत्यु तीन शताब्दियों से अधिक समय पहले हुई थी, लेकिन कुछ पार्टियां राजनीतिक लाभ के लिए कब्र से बाहर निकाल रही हैं। संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा ने कर्नाटक में बजरंग बली का इस्तेमाल किया, लेकिन वहां विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, इसलिए औरंगजेब की कब्र खोदने का काम चल रहा है। औरंगजेब महाराष्ट्र में नया राजनीतिक हथियार बन गया है।

कांग्रेस ने मई में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 224 सदस्यीय सदन में 135 सीटें जीतकर बसवराज बोम्मई सरकार को हटा दिया। चुनाव में पीएम मोदी समेत पूरी भाजपा ने भगवान हनुमान को याद किया, वहीं कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल जैसे समूहों पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था, इसके बावजूद कांग्रेस की बंपर जीत हुई थी।

शिवसेना (यूबीटी) ने अपने संपादकीय में कहा कि कोल्हापुर में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए युवा विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के थे जो बाहर से आए थे। औरंगजेब को लेकर सोशल मीडिया से लेकर सड़क पर हंगामा करना सिर्फ एक बहाना है। इनका उद्देश्य इन जिलों में अस्थिरता पैदा करना है।

बता दें कि कोल्हापुर में बुधवार को हिंदू संगठनों द्वारा कुछ लोगों द्वारा आपत्तिजनक स्टेटस और 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की तस्वीर को अपने सोशल मीडिया स्टेटस के रूप में इस्तेमाल करने पर हिंसक विरोध देखा गया था। अहमदनगर में रविवार को एक जुलूस के दौरान कथित तौर पर औरंगजेब के पोस्टर ले जाने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

चार बार की विधायक वर्षा गायकवाड़ को शुक्रवार को मुंबई कांग्रेस प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। अब उनके सामने निकाय निकाय के साथ-साथ लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जैसी चुनौतियां हैं। लंबे समय से लंबित बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के चुनाव लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले होने की उम्मीद है।

गायकवाड़ को भाई जगताप की जगह शहर कांग्रेस प्रमुख बनाया। वह इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं। कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंबई में एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। देश की आर्थिक राजधानी में छह लोकसभा और 36 विधानसभा सीटें हैं।