उत्तर प्रदेश राज्य

बनारसः PM मोदी की सभा से उठकर जाते रहे लोग, मोदी कहते रहे ‘बैठ जाओ भैय्या’, लेकिन किसी ने नहीं सुनी..

वराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वराणसी में अपने जन्मदिन के दूसरे दिन बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के एम्फीथिएटर मैदान पर एक विशाल सभा में सराकर की उपलब्धियों को गिनवाया। राजनीतिक गलियारे में माना जा रहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले की पीएम मोदी की ये अंतिम सभा है। इस सभा का समय पहले सुब्ह 10 बजे निर्धारित किया गया था, जो बाद में 10.30 कर दिया गया। लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी अपने सहयोगियों के साथ 11.04 बजे सभा स्थल पर पहुंचे और साढ़े 11 बजे भाषण देना शुरू कर दिया। पीएम मोदी का यह भाषण 12.22 बजे तक चला। लेकिन यह पहला अवसर था जब लोग उनके भाषण के बीच में उठ कर जाने लगे।

पीएम मोदी और बनारस से लोकसभा सासंद ने यूं तो लगभग एक घंटे भर तक भाषण दिया लेकिन सभा में लोग बीच में ही प्रधानमंत्री का भाषण छोड़कर जाने लगे, प्रधानमंत्री अपने द्वारा किये गये चार साल के कार्यों की फेहरिस्त गिना रहे थे लेकिन जनता को उसमें कोई रूची नहीं थी। प्रधानमंत्री के भाषण शुरू होने के दस से पंद्रह मिनट बाद ही पंडाल खाली होना शुरू हो गया। हद तो तब हो गई जब आगे की पंक्ति में बैठे लोग भी उठ कर जाने लगे।

‘पत्रिका’ के मुताबिक पीएम मोदी के भाषण के दौरान यह सिलसिला लगातार जारी रहा फिर एक वक्त ऐसा भी आया जब भाषण के बीच में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहना पड़ा कि बैठ जाओ भैया, यह वाक्य उन्होंने तीन बार दोहराया, लेकिन प्रधानमंत्री की इस अपील का कोई असर नहीं हुआ।

उसके बाद पीएम के चेहरे पर हताशा साफ नजर आई। बाकी वक्त में उन्होंने पानी पीते और रह-रह कर माथे का पसीन पोंछते ही बिताया। इसे लेकर वहां मौजूद लोग भी हैरान थे कि आखिर ये हो क्या रहा है। सभा में मौजूद लोग आखिर अपने लोकप्रिय सांसद को सुनना क्यों नहीं चाहते।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरे लिए ये सौभाग्य की बात है देश के लिए समर्पित एक और वर्ष की शुरुआत मैं बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के शुभ आशीष से कर रहा हूं। आप सभी का ये स्नेह, ये आशीर्वाद मुझे हर पल प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि आज यहां 550 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स का या तो लोकार्पण हुआ है या फिर शिलान्यास हुआ है। विकास के ये कार्य बनारस शहर ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों से भी जुड़े हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम काशी में जो भी बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं वो उसकी परंपराओं को संजोते हुए, उसकी पौराणिकता को बचाते हुए किया जा रहा है। अनंत काल से जो इस शहर की पहचान रही, उसे संरक्षित करते हुए, इस शहर में आधुनिक व्यवस्थाओं का समावेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं बनारस में बिजली के लटकते तारों को देखकर हमेशा सोचता था, कि आखिर कब बनारस को इससे मुक्ति मिलेगी? आज शहर के एक बड़े हिस्से से लटकते हुए तार गायब हो गए हैं। बाकी जगहों पर भी इन तारों को जमीन के भीतर बिछाने का काम तेज़ी से जारी है।

पीएम मोदी ने कहा कि वाराणसी शहर ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों को भी सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं पहुंचाई गई हैं। सांसद के रूप में जिन गांवों को विशेष रूप से विकसित करने का जिम्मा मेरे पास है उनमें से एक नागेपुर गांव के लिए आज पानी के एक बड़े प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया है।