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बाहुबली अतीक़ अहमद की बैरक में छापा ,देखिए ऐसा क्या मिला जो हिल गया प्रशासन

लखनऊ: मुन्ना बजरंगी की बगपत जेल में हुई हत्या के बाद उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन सक्रिया होगया है और जेल पर गहरी निगाहें गाड़कर जांच पड़ताल कर रहा है,कल देवरिया जिला जेल में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मिलकर छापेमारी की. इस दौरान बाहुबली नेता और पूर्व सांसद अतीक अहमद की बैरक से दो सिमकार्ड और चार पैन ड्राइव बरामद की गई हैं. इसके अलावा अन्य कैदियों की बैरक से एक मोबाइल फोन, 2 सिम कार्ड और हैंडमेड चाकू बरामद हुआ है।

देवरिया के डीएम और एसपी ने तीन सौ सिपाहियों, दर्जनों दरोगाओं के साथ जिला जेल में छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. एसपी ने बताया कि 300 सिपाहियों के साथ छापेमारी की गई है. पूर्व सांसद अतीक अहमद की बैरक से दो सिम, चार पेनड्राइव बरामद की गई हैं. उनकी जांच की जा रही है।

डीएम ने बताया कि काफी दिनों से जेल में मोबाइल होने की सूचना मिल रही थी. जिसके बाद छापे की कार्रवाई की गई है. इस दौरान जेल से एक मोबाइल मिला है. दो अन्य सिम कार्ड और हैंडमेड चाकू भी बरामद किया गया है।

गौरतलब है कि अतीक अहमद को चुनाव के वक्त नैनी जेल से देवरिया की जिला जेल में शिफ्ट किया गया था. इससे पहले वो जमानत पर बाहर था. लेकिन बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

कौन है साँसद अतीक अहमद

अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था. मूलत वह उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जनपद के रहने वाले है. पढ़ाई लिखाई में उनकी कोई खास रूचि नहीं थी. इसलिये उन्होंने हाई स्कूल में फेल हो जाने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. कई माफियाओं की तरह ही अतीक अहमद ने भी जुर्म की दुनिया से सियासत की दुनिया का रुख किया था. पूर्वांचल और इलाहाबाद में सरकारी ठेकेदारी, खनन और उगाही के कई मामलों में उनका नाम आया.

17 साल की उम्र में पहला मुकदमा

जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही अतीक अहमद के खिलाफ पहला मामला दर्ज हुआ था. और वो मुकदमा था हत्या का. बात 1979 की है जब 17 साल की उम्र में अतीक अहमद पर कत्ल का इल्जाम लगा था. उसके बाद अतीक ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल दर साल वो जुर्म की किताब के पन्ने भरते जा रहे थे