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बैंक कर्मियों ने 30 और 31 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया!

बैंक कर्मियों का 11वां वेतन समझौता 11 नवंबर 2020 को भारतीय बैंक संघ और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बीच हुआ था। समझौते के तहत- बैंकों में 5 डे वीक वर्किंग लागू करने, स्टैग्नेशन इंक्रीमेंट देने, रिटायर्ड बैंक कर्मियों की पेंशन बढ़ाने, बैंकों में रेगुलर पदों पर नई भर्तियां करने और 12वां समझौता का मांग पत्र रखे जाने के बाद उस पर बातचीत शुरू कर 1 नवम्बर 2022 से 12वां वेतन समझौता लागू करने की मुख्य मांगों पर यह हड़ताल की जाएगी। बैंक यूनियनों का हर 5 साल में सरकार से समझौता होता है। पिछला समझौता 2017 की बैक डेट से लागू किया गया था।

पिछले 28 महीने से भारतीय बैंक संघ नहीं दे रहा पॉजिटिव जवाब
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के राजस्थान प्रदेश संयोजक महेश मिश्रा ने बताया कि पिछले 28 महीने से यूनियंस इस कोशिश में जुटी हैं कि समझौते के बाकी बचे मुद्दे सॉल्व हो जाएं, लेकिन भारतीय बैंक संघ की ओर से कोई पॉज़िटिव जवाब नहीं दिया गया।

स्टैगनेशन इंक्रीमेंट के संबंध में भी भारतीय बैंक संघ ओर से बैंकों को स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए। पूर्व सैनिकों और चतुर्थ श्रेणी से लिपिक वर्ग, लिपिक वर्ग से अधिकारी वर्ग और अधिकारी वर्ग में आगे प्रमोशन होने के बाद उनके फिक्सेशन के मुद्दे अभी भी डायरेक्शन्स नहीं होने के कारण आज तक अटके पड़े हैं। कुछ मुद्दे जिनमें पुरानी पेंशन योजना लागू करने और पेंशन फिक्सेशन पर समझौता लागू नहीं हो सका है।

हड़ताल में 10 लाख बैंककर्मी-अधिकारी शामिल होंगे
इसलिए तमाम मुद्दों पर 12 जनवरी को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की बैठक हुई। जिसमें भारतीय बैंक संघ के टालमटोल रवैये के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला किया गया है। जिसके तहत 30 और 31 जनवरी को देशव्यापी हड़ताल का निर्णय लिया है। हड़ताल में सहायक कर्मचारी से लेकर सहायक महाप्रबंधक तक देश के सभी बैंकों के 10 लाख कर्मचारी और अधिकारी शामिल होंगे। यूनाइटेड फोरम में 9 बैंक यूनियन शामिल हैं।