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ब्रिटिश संसद में गूंजा आसिफा गैंगरेप मामला, सांसद पीर अहमद ने कहा- मानवाधिकार पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मासूम से रेप और मर्डर का मुद्दा ब्रिटेन की संसद में भी गूंजा। पाकिस्तान मूल के विधायक पीर लॉर्ड अहमद ने ब्रिटिश सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने भारत सरकार का ब्रिटिश संसद में कड़ी निंदा की और मानवाधिकार पर सवाल उठाए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक सांसद पीर का जवाब देते हुए ब्रिटिश संसद ने कहा, ‘भारत एक मजबूत लोकतांत्रिक देश है, जहां मानवाधिकारों की सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाता है। लेकिन यह भी सत्य है कि संविधान के अनुरुप कुछ अधिकारों को लागू करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।’

संसद में कहा गया कि पीड़िता के परिवार के प्रति हमदर्दी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्याय का महत्व जानते हैं। बता दें कि कठुआ में हुए गैंगरेप ने देश में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है और मामले की लगातार सीबीआई से जांच की मांग उठाई जा रही है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की जांच से इनकार कर दिया है और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।

क्या है पूरा मामला

कठुआ में आठ साल की एक बच्ची से मंदिर में गैंगरेप किया गया था। गैंगरेप के बाद बच्ची की निर्मम हत्या कर दी गई थी। पीड़ित बच्ची बकरवाल (मुस्लिम) समुदाय से थी। हिंदूओं में आम धारणा बन गई थी कि इस समुदाय के लोग गायों का मांस खाते हैं।
इस घटना के जरिए रसाना गांव से इस समुदाय के लोगों को विस्थापित करने की बड़ी साजिश रची गई थी। इसी साजिश के तहत मासूम बच्ची का पहले अपहरण किया गया फिर उसे एक मंदिर में बंधक बना कर रखा गया और फिर इसी मंदिर में उससे करीब एक हफ्ते तक हैवानियत की गई।

गंभीर बात यह भी है कि राजस्‍व विभाग के पूर्व अधिकारी सांझी राम को सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या का मास्टर माइंड बताया जा रहा है। बता दें कि आठ साल की बच्‍ची के साथ गैंगरेप करने से पहले उसे नशीली दवा खिला दी गई थी। इसके कारण वह अपना बचाव भी नहीं कर सकी थी। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।