देश

भारत के सीमावर्ती राज्यों में कब्ज़े को लेकर चीन एक बार फिर सक्रिय, अरुणाचल में रनवे की लंबाई को बढ़ाया, नए सर्फेस-टू-एयर मिसाइल तैनात किए : रिपोर्ट

भारत के सीमावर्ती राज्यों में कब्जे को लेकर चीन एक बार फिर सक्रिय हो गया है। हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदल दिए थे, इसके बाद अब चीन अरुणाचल प्रदेश के सामने अपने तमाम एयरबेस को और भी ज्यादा मजबूत करने के काम में लग गया है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी चीन कब्जा करने के ख्वाब देख रहा है, इसीलिए उसने भारत के अलावा तिब्बत में अपनी एयर पावर बढ़ानी शुरू कर दी है। इन सबके अलावा ड्रैगन ने अरुणाचल के स्थानीय इलाके में रनवे की लंबाई को बढ़ाया है और सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास अपने नए सर्फेस टू एयर मिसाइल भी तैनात किए हैं।

इस तरह एयरबेस मजबूत कर रहा चीन
डोकलाम सीमा विवाद को लेकर 2017 में मुंह की खाने के बाद चीन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। अभी तक भारत से सटे इलाकों में ड्रैगन ने अलग-अलग जगहों पर अपने 40 से ज्यादा हेलीपैड्स और एयरस्ट्रिप्स तैयार कर लिए हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन ने तिब्बत में अपने एयरबेस पर फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, अर्ली वार्निंग सिस्टम और नए रडार्स की एक आर्मी लगा दी है।

तिब्बत पर कब्जा चीन के लिए है चैलेंज
चीन के लिए तिब्बत में मुश्किल बात है यहां का भौगोलिक ढांचा जो कि प्लाट्यू यानि पठारनुमा है। जहां पर फाइटर जेट के लिए कम वक्त में उड़ान भर पाना मुश्किल है और इसीलिए अब चीन यहां मौजूद रनवेज की लंबाई को बढ़ा रहा है ताकि अपने फाइटर जेट्स के ऑपरेशन एलएसी के बेहद नजदीक जारी रख सके। इसी वजह से चीन ने तिब्बत और शिनजियांग में लगभग 37 नए एयरपोर्ट और हेलीपोर्ट तैयार कर लिए हैं, जिनमें से 22 डुअल यानि मिलिट्री और सिविल दोनों उपयोग के लिए हैं। इनमें से सात नई एयर फैसिलिटी को 2020 में ही तैयार किया गया और 7 को अपग्रेड भी किया गया। इन एयर फैसिलिटी इसमें एयर सर्विलेंस, एयर स्ट्राइक्स, काउंटर स्ट्राइक, रिकनेसंस की पूरी तैयारी है।

पैंगोंग और यातोंग में लगाए रडार्स और मिसाइल

एक और नई रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पैंगोंग इलाके में एक नया रडार भी तैनात किया है, जिसकी रेंज 500 किमी है। 2017 के बाद चीन ने पांच नए एयरबेस तिब्बत में तैयार किए इसमें से सिंघत्से एलएसी के लगभग 60 किलोमीटर नजदीक है। चीन ने शिंजियांग प्रांत में 20 नए हेलीपैड्स तैयार किए हैं। पांच नए हेलीपैड तिब्बत में बनाए हैं और दो पुराने हेलीपैड्स को अपग्रेड किया है।

इस तरह बढ़ाई गई रनवेज की लंबाई
चीन ने शिनजियांग में 2017 के बाद 15 एयरपोर्ट को अपग्रेड भी किया है, जिनमें से 7 डुअल इस्तेमाल के लिए है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस है होटन एयरवेज जो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से महज 240 किलोमीटर दूर है और इस एयर बेस में रनवे की लंबाई पहले 2700 मीटर हुआ करती थी जिसे अब बढ़ाकर 3500 मीटर कर दिया गया है। यहीं पर सर्फेस टू एयर मिसाइल कंपलेक्स को भी अपग्रेड किया है जिसे भारतीय वायुसेना के विमानों को काउंटर करने के लिए लगाया गया है। लासा गैंगर में भी रनवे की लंबाई को 4000 मीटर तक कर दिया गया है। अरुणाचल प्रदेश की दूसरी तरफ लंउगसे में 4200 मीटर की नई रनवे बनाई जा रही है। नीमची में भी पुरानी रनवे जो 3000 मीटर की थी उसकी लंबाई बढ़ाकर 3500 मीटर तक की जा रही है।

मुंहतोड़ जवाब देने को भारतीय वायु सेना भी तैयार
चीन ने अपने सबसे अहम फाइटर जेट को एलएसी के नजदीक डिप्लॉय कर रखा है। तिब्बत में भी चीन ने अपने 12 फाइटर जेट्स, 37 हेलीकॉप्टर्स डिप्लॉय किए हैं जिनमें J10, J11, J7 जैसे फाइटर जेट्स मौजूद हैं। वहीं, अगर हम यातोंग की बात करें तो यहां सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नजदीक चीन ने सर्फेस टू एयर मिसाइल तैनात कर दी है। भारत ने चीन की इस तैयारी को देखते हुए पिछले कुछ सालों में पूरे इलाके में भारतीय वायु सेना की तैनाती को बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं भारत चीन के इन एयर बेस को काउंटर करने के लिए एलएसी के नजदीक नए हेलीपैड्स और एयरस्ट्रिप्स बना रहा है।

डोकलाम,गलवान और तवांग की मार से डरा हुआ है चीन
चीन ने हाल ही में तवांग में अपनी बुरी नीयत के तहत भारत में घुसपैठ की कोशिश की थी और भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को बुरी तरह से खदेड़ दिया। दरअसल, चीन भारत की सेना और उसके बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ भारतीय वायु सेना की तैनाती से परेशान है और इसीलिए लगातार एलएसी के नजदीक अपने एयरबेस में रनवे की लंबाई बढ़ा रहा है। भारतीय सेना में मौजूद सूत्रों के मुताबिक भारत चीन की इन सभी हरकतों पर नजर बनाए हुए है और चीन की तैयारी को देखते हुए भारत ने भी अपनी तैयारी कई गुना बढ़ा रखी है। हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के नजदीक एलएसी पर भारत ने भी अपनी सर्फेस टू एयर मिसाइल की नई टुकड़ी को तैनात किया है। लगातार इस पूरे झेत्र में नए हथियारों की संख्या बढ़ाई जा रही है।