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भारत में एक चौथाई स्कूलों में पीने के लिए पानी, शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं : रिपोर्ट

भारत में स्कूलों में शौचालय, पेयजल, मिड-डे मील, पुस्तकालय, कम्प्यूटर, बिजली कनेक्शन जैसे शिक्षा के अधिकार से जुड़े स्कूली मानकों में सुधार की रफ़्तार बेहद मामूली है और अभी भी एक चौथाई स्कूलों में पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है जबकि लगभग एक चौथाई स्कूलों में विद्यार्थी शौचालय की सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं।

स्कूलों के हालात को लेकर जारी एन्युअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2022 में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के अधिकार से जुड़े स्कूली मानकों में मामूली सुधार दर्ज किया गया है। उदाहरण स्वरूप वर्ष 2018 में 74.2 प्रतिशत स्कूलों में प्रयोग करने योग्य शौचालय उपलब्ध थे, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76.4 हो गए।

इसी प्रकार वर्ष 2018 में 74.8 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल सुविधा थी, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 76 प्रतिशत हो गई। इसी अवधि में ऐसे स्कूल जहां छात्र पाठ्यपुस्तक के अलावा दूसरी पुस्तकों का उपयोग करते हैं, उनकी संख्या 36.9 प्रतिशत से बढ़कर 44 प्रतिशत हो गई।

रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि वर्ष 2022 में 12.5 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं थी और 11.4 प्रतिशत स्कूलों में पेयजल की सुविधा तो थी, लेकिन पेयजल उपलब्ध नहीं था, अगर दोनों को मिला दिया जाए तो वर्ष 2022 में भी ऐसे स्कूल, जहां छात्रों लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं हैं, उनका आंकड़ा 23.9 फीसदी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 2.9 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं थी, वहीं 21 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय की सुविधा तो थी, लेकिन वे प्रयोग करने योग्य नहीं थे. यानी करीब 23.9 फीसदी स्कूलों में विद्यार्थी शौचालयों की सुविधाओं से महरूम हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 10.8 प्रतिशत स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय की सुविधा नहीं थी तथा 8.7 प्रतिशत स्कूलों में शौचालयों पर ताला लगा था।

एजुकेशन रिपोर्ट के अनुसार, 21.7 प्रतिशत स्कूलों में पुस्तकालय नहीं है और 77.3 प्रतिशत स्कूलों में बच्चों के इस्तेमाल के लिए कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं हैं।